Jhuth Bole Kauva Kaate:सट्टे का सुट्टा, वार रूम और मत वृक्ष

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मोदी-योगी (एमवाई) के मुकाबले मुस्लिम-यादव (एमवाई) की जुगलबंदी वाली पट्टी में तीसरे-चौथे चरण का मतदान हो चुका है। सबसे बड़े फलौदी सट्टा बाजार का सुट्टा है कि उप्र में सरकार तो भारतीय जनता पार्टी की बनेगी लेकिन ​सीटें कम होंगी। फिलहाल, 403 विधानसभा सीटों में से 231 के परिणाम ईवीएम में बंद हो चुके हैं। सियासी पंडित स्पष्ट रूप से कुछ कह पाने की स्थिति में नहीं हैं, क्योकि पक्ष या विपक्ष में कोई लहर जैसी स्थिति नहीं है।                                                          849058 yogi adityanath

बोले तो, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ट्विटर पर, प्रचार में हर जगह डबल इंजन की सरकार लिखते-बोलते हैं। यह भाजपा की रणनीति है कि वह एक नया एमवाई फैक्टर लेकर आगे बढ़े। अर्थात् मोदी और योगी फैक्टर, मुस्लिम-यादव नहीं। रामपुर में इसका उल्लेख मुख्तार अब्बास नकवी ने भी किया था। उप्र में पिछले चार चरणों में देखने को मिला कि लगातार इन सभी चरणों में मतदान प्रतिशत 2017 के मुकाबले कम रहा। अब इसके क्या मायने हैं? क्या इसका मतलब ये है कि कोई लहर नहीं है? क्या इसका मतलब ये है कि किसी के समर्थक, किसी के वोटर आ नहीं रहे हैं? या इसका मतलब ये है कि आ रहे हैं, पर कम गति से आ रहे हैं, कम संख्या में आ रहे हैं। लेकिन वोट वहीं दे रहे हैं जहां उन्होंने 2017 में दिया था।

पहले चरण के मतदान से एक दिन पहले ही सट्टा बाजार में उप्र में भाजपा सरकार के भाव बीस पैसे खोले गए थे। भाजपा को पहले और दूसरे चरण के मतदान के पश्चात् 60 से 70 सीटों के नुकसान का अनुमान लगाने के बावजूद फलौदी सट्टा बाजार में भाजपा की सरकार बनने के भाव 25 से 30 पैसे हो गए। सट्टा बाजार के आकलन के अनुसार प्रदेश में 233 से 236 सीटें भाजपा को मिल सकती हैं। फिलहाल, सट्टा बाजार में समाजवादी पार्टी को 125 से 128 के बीच सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। अखिलेश विपक्ष की तरफ से सबसे बड़ा चेहरा होंगे। जबकि कांग्रेस व बसपा दहाई का आंकडा छू लें तो बड़ी बात होगी। हालांकि, सट्टा बाजार के अनुसार जैसे-जैसे चुनाव के चरण पूरे होते जाएंगे, उसमें सीटों का अंतर थोड़ा बहुत कम-ज्यादा हो सकता है।

फलौदी के सटोरियों के तार पूरे देश के बाजार से जुडे़ हुए हैं। यहां चुनावी भाव खोलने से पहले सटोरिए उस राज्य का अपने स्तर पर सर्वे करवाते हैं। इनके आदमी उन राज्यों व प्रमुख क्षेत्रों में होने वाली राजनीतिक गविविधियों का हर दिन अपडेट देते हैं। जिसके आधार पर ही यहां भाव खुलते हैं। फलौदी के सटोरियों के आंकलन को पूरे देश के सट्टा बाजार में तवज्जो दी जाती है। फलौदी सट्टा बाजार में देश के हर चुनाव के दौरान अरबों रुपये का सट्टा लगता है। इस सट्टा बाजार के भाव के अनुसार आकलन को सटीक माना जाता है।

झूठ बोले कौआ काटेः 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले फलौदी सट्टा बाजार में भाजपा को देश में 278 सीटों पर जीत मिलने का दावा किया गया था, जबकि एनडीए को 325 सीटें दी गईं थीं। तब भी उनका आकलन सटीक साबित हुआ था। इससे पहले मध्यप्रदेश और बिहार विधानसभा चुनाव में भी फलौदी के अनुमान के अनुरूप ही परिणाम आए थे।

अब अयोध्या-चित्रकूट का मैदानः 27 फरवरी को मतदान के पांचवें चरण में अयोध्या-चित्रकूट के साथ-साथ गांधी परिवार का गढ़ रहे अमेठी जिले की सीटों पर सियासी दलों की परीक्षा होनी है तो रायबरेली जिले की एक सीट भी इसी चरण में है। सुल्तानपुर, अयोध्या, अमेठी, बाराबंकी जैसे अवध के जिले हैं तो पूर्वांचल की तराई पट्टी में आने वाले बहराइच, गोंडा और श्रावस्ती जैसे अहम जिले की सीटें है। इसके अतिरिक्त प्रतापगढ़ प्रयागराज, कौशांबी जिलों की सीटों के साथ-साथ बुंदलेखंड के चित्रकूट जिले की भी दो सीटें शामिल हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में इन 60 सीटों में से 51 सीटें भाजपा ने जीती थी जबकि उसके सहयोगी अपना दल (एस) को दो सीटें मिली थी। वहीं, सपा के खाते में महज 5 सीटें मिली थी। इसके अतिरिक्त कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली थी और दो सीटें निर्दलीयों ने जीती थी। बसपा इस चरण में खाता भी नहीं खोल सकी थी।                                                                          images 13

यूपी के इस चरण के चुनाव में योगी सरकार के कई दिग्गज मंत्रियों की भी अग्निपरीक्षा है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य सिराथू सीट से चुनाव लड़ रहे हैं तो कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह पट्टी सीट से उतरे हैं। कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, इलाहबाद पश्चिम से प्रत्याशी हैं तो नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल नंदी इलाहाबाद दक्षिण, समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री मनकापुर सुरक्षित सीट से और राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय चित्रकूट सदर से चुनाव लड़ रहे हैं। योगी सरकार के मंत्री रहे मुकुट बिहारी की जगह उनके बेटे चुनावी मैदान में हैं। कुंडा से निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया इस बार अपनी जनसत्ता पार्टी से चुनावी मैदान में उतरे हैं। राजा भैया के खिलाफ डेढ़ दशक के बाद सपा ने अपना उम्मीदवार उतारा है। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की मां कृष्णा पटेल प्रतापगढ़ सदर और बहन पल्लवी पटेल सिराथू सीट से चुनावी मैदान में उतरी है। मां और बहन दोनों ही सपा गठबंधन से चुनाव लड़ रही हैं।

झूठ बोले कौआ काटेः भाजपा के लिए अपने दुर्ग को बचाए रखने की चुनौती है तो सपा, बसपा और कांग्रेस की सत्ता में वापसी का दारोमदार इसी चरण में टिका है।

चुनावी वार रूमः

भाजपा, सपा, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने सूचना प्रौद्योगिकी की अहमियत को समझते हुए अपने पार्टी मुख्यालयों पर बाकायदा वार रूम बना रखे हैं। इनमें तकनीक और राजनीति के जानकारों की प्रशिक्षित टीमें मौजूद है। इनकी मदद से व्हाट्सएप, फेसबुक और इंस्टाग्राम में बूथ स्तर तक बने सैकड़ों हजारों ग्रुप के जरिये मतदाताओं के दिलो दिमाग पर कब्जा करने की रणनीति पर सलीके से काम चल रहा है। वहीं कई छोटे दलों ने अपनी इस मुहिम को परवान चढ़ाने के लिये डिजिटल विज्ञापन एजेंसियों की मदद ली है। ये एजेंसियां न सिर्फ यू ट्यूब लाइव के लिये जरूरी न्यूनतम एक हजार सब्सक्राइबर बनाने में सहयोग करती है बल्कि एडवरटाइजिंग के जरिये पार्टी विशेष की क्लिप्स को फ्री यू ट्यूब सब्सक्राइबर को देखने के लिये बाध्य करती हैं।

गोरखपुर में बेनीगंज स्थित भाजपा के क्षेत्रीय कार्यालय में बने वॉर रूम को नई तकनीक से लैस करके इसे प्रदेश भाजपा मुख्‍यालय से जोड़ा गया है। वॉर रूम में एक कॉल सेंटर और वर्चुअल स्‍टूडियो तैयार किया गया है जिससे गोरखपुर क्षेत्र के 10 प्रशासनिक जिलों (संगठन के दृष्टिकोण से 12 जिले) के कार्यकर्ताओं को जोड़कर सूचनाओं का आदान-प्रदान होता है। इसके साथ ही विधानसभा क्षेत्रों में होने वाली वर्चुअल रैलियों और सभाओं का प्रबंधन यहीं से किया जाएगा.

दूसरी ओर, गोरखनाथ मंदिर के हिंदू सेवाश्रम में बने चुनाव कार्यालय को भी वार रूम में परिवर्तित किया गया है। यह वही हिंदू सेवाश्रम है, जहां गोरखपुर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री योगी प्रदेश में किसी भी स्थान से रहते हुए अपने विधानसभा क्षेत्र पर नजर रखे हुए हैं। हिंदू सेवाश्रम में कार्यकर्ताओं की टीम तीन शिफ्ट में 24 गुणा 7 के फार्मूले पर काम कर रही है। हर आठ घंटे पर शिफ्ट बदल जा रही है। मतदाताओं को सहेजने के लिए भी बाकायदा कार्यकर्ताओं की एक दिन पूर्व ही जिम्मेदारी तय कर दी जा रही है। वार्डवार एक वरिष्ठ कार्यकर्ता के नेतृत्व में प्रतिदिन एक संपर्क टीम बनाई जा रही है, जो सुबह ही वार्डों में जनसंपर्क के लिए निकल जा रही है। इस टीम का नेतृत्व राज्यसभा सदस्य शिव प्रताप शुक्ल, सांसद रवि किशन, नगर विधायक डा. राधा मोहन दास अग्रवाल, एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह आदि कर रहे हैं।

डिजिटल वॉर में सपा, भाजपा से कतई पीछे नहीं है। पार्टी की वर्चुअल बैठकें हो रही है। इनमें जमीनी स्तर तक के कार्यकर्ताओं से बेहतर संवाद स्थापित किया जा रहा है। पार्टी की रणनीति साझा करने में डिजिटल प्लेटफार्म की अहमियत सामने आ रही है। वहीं फेसबुक,यू ट्यूब और व्हाट्सएप के जरिये पार्टी की हर छोटी बड़ी घटना अथवा जानकारी को साझा किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर पार्टी के प्रचार के लिए पीएम मोदी के गढ़ वाराणसी में महिलाओं की स्पेशल टीम तैयार की गई है। सपा के वुमेन वार रूम में महिला कार्यकर्ताओं को सोशल इंजीनियरिंग का पाठ पढ़ाया जा रहा है। कांग्रेस ने भी आरएसएस-भाजपा के कथित दुष्प्रचार का मुकाबला करने के लिए 100 वॉर रूम बनाया है। राजधानी लखनऊ में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में पिछले छह महीने से वॉर रूम चल रहा है।

और ये भी गजबः चौथे चरण के मतदान में लखनऊ जिला प्रशासन ने दो अभिनव पहल कीं। पहली, कैंट विधानसभा की एपी सेन गर्ल्स इंटर कॉलेज में ग्रीन बूथ बनाया गया। बूथ जाने के रास्ते पर तिरंगे के रंग में गुब्बारे सजे थे। बूथ के अंदर बग्घी खड़ी थी, ताकि वोटर सेल्फी ले सकें। बुजुर्ग और दिव्यांग वोटरों के लिए ई-रिक्शा का भी इंतजाम किया गया था। साथ में पोलिंग बूथ को पेड़ों से सजाया गया था। पावर सप्लाई के लिए सोलर एनर्जी के पैनल लगाए गए थे। इस ग्रीन बूथ पर सबसे बड़ा आकर्षण सेंड आर्ट थी। लोकतंत्र के पर्व में मताधिकार का प्रयोग करने के संदेश के साथ वाराणसी के फाइन आर्ट्स के छात्र रूपेश ने 2 दिन की मेहनत के बाद यह शानदार सैंड आर्ट तैयार की थी।

लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश का दावा है कि लखनऊ में बना ये ग्रीन बूथ देश का पहला ग्रीन बूथ है। उन्होंने कहा कि ये पहला प्रयास है जो पर्यावरण संरक्षण और मताधिकार के प्रयोग का संदेश देता है। ग्रीन बूथ के साथ लखनऊ जिला प्रशासन ने बुधवार को एक और नया प्रयोग किया। हर पोलिंग बूथ पर पहुंचने वाले पहले पुरुष मतदाता, पहली महिला मतदाता और पहले बुजुर्ग मतदाता से मत वृक्ष लगवाए गए। इस तरह हर बूथ पर 3 मत वृक्ष लगाए गए। लखनऊ में कुल 1527 पोलिंग बूथ बनाए गए थे। इस तरह लखनऊ में 1 दिन में 4581 पौधों का वृक्षारोपण भी हुआ। वन विभाग की तरफ से हर पोलिंग बूथ पर यह मत वृक्ष पहुंचाए गए थे।