Job Fairs : रोजगार मेलों में आवेदन से आधे बेरोजगारों को भी नहीं मिलती नौकरी!

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Job Fairs : रोजगार मेलों में आवेदन से आधे बेरोजगारों को भी नहीं मिलती नौकरी!

धार से छोटू शास्त्री की रिपोर्ट

Dhar : मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार बेरोजगारों को रोजगार देने की बात करती है, लेकिन रोजगार के नाम पर सिर्फ युवाओं से छलावा ही होता दिख रहा है। विधानसभा में एक प्रश्न के जवाब में सरकार की तरफ से दिए गए आंकड़ों में यह खुलासा हुआ। पूरे प्रदेश के अलावा धार जिले में भी रोजगार मेलों के नाम पर युवाओं को रिझाने का काम सरकार ने किया। लेकिन इन मेलों का सार्थकता गिनाने में लगी सरकार के आंकड़े हकीकत कुछ ओर ही बयां कर रहे है। धार जिले में 2022 में 66 हजार 619 बेरोजगार, रोजगार कार्यालय में पंजीकृत थे। इनमें से मात्र 30 बेरोजगारों को ही रोजगार दिया गया, इसमें एक भी महिला नहीं है।

सरदारपुर विधानसभा से कांग्रेस के विधायक प्रताप ग्रेवाल ने विधानसभा में रोजगार के आंकड़ों की जानकारी मांगने के लिए सरकार से प्रश्न किया था। इसके जवाब में सरकार की तरफ से खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने जवाब देते हुए यह आंकड़े जारी किए। विधायक ग्रेवाल ने बताया कि जिले में अप्रैल-2020 से फरवरी 2023 तक 16 रोजगार मेले लगाए गए। वहीं सरदारपुर विधानसभा में इस दौरान मात्र एक रोजगार मेले का आयोजन हुआ।

कांग्रेस की सीटों पर भेदभाव

विधायक ग्रेवाल ने बताया कि जनवरी-2021 को आयोजित इस मेले में 475 पुरुष तथा 18 महिलाओं ने रोजगार के लिए आवेदन दिया। इसमें से 272 पुरुषों व महिलाओं को 98 हजार प्रतिमाह से 12 हजार रुपए प्रतिमाह की नौकरी दी गई। ऐसे में साफ है कि इन मेलों का आयोजन कांग्रेस के कब्जे वाली सीटों पर कम हुआ। धार जिले में 2020-21 में 10 रोजगार मेले आयोजित हुए थे। इनमें 8 हजार 57 पुरुष तथा 2 हजार 961 महिलाओं ने भाग लिया। लेकिन, इसमें से 4 हजार 474 पुरुष तथा 560 महिलाओं को ही रोजगार दिया गया। लेकिन, उसके बाद 2021-22 तथा 2022-23 में मात्र 3-3 मेले ही आयोजित हुए और इसमें आवेदकों की संख्या में काफी कमी हुई तथा रोजगार भी नाम मात्र के लोगों को दिया गया।

रोजगार मेलों में आवेदन

विधायक ग्रेवाल ने कहा कि यहां एक ओर बेरोजगारी बढ़ती जा रही है, शासन बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने में असफल रहा है। शासन की योजना के प्रति बेरोजगारों का रुझान निरंतर कम होता चला जा रहा है जो इस बात का प्रमाण है कि धार जिले में 2020-21 रोजगार मेले में 11 हजार 18 बेरोजगारों ने आवेदन किया था जो 2021-22 में घटकर 377 तथा 2022-23 में मात्र 79 हो गया। इससे स्पष्ट है कि बेरोजगार नई मेलों में आवेदन तक नहीं करते है क्योंकि इन मेलो में जो रोजगार दिया जाता है, वह बहुत कम मासिक वेतन का होता है तथा स्थाई प्रवृत्ति का नहीं होता है।

हजारों बेरोजगारों में 30 को रोजगार

विधायक ने कहा कि धार जिले में 2022 में 66 हजार 619 बेरोजगार, रोजगार कार्यालय में पंजीकृत थे। इनमें से मात्र 30 बेरोजगारों को ही रोजगार दिया गया। इसमें एक भी महिला नहीं है। अप्रैल 2020 से जनवरी 2023 तक शासन द्वारा प्रदेश में 1321 मेले लगाए गए, जिसमें कुल मिलाकर सभी मेले में 1 लाख 73 हजार 51 पुरुष तथा 18 हजार 494 महिलाओं ने भाग लिया। इसमें से 74458 पुरूषों तथा 6 हजार 407 महिलाओं को निजी कंपनियों में रोजगार उपलब्ध कराया गया। प्रदेश में आयोजित मेले में औसत मासिक वेतन 6 से 9 हजार रुपए के बीच दिया गया। सबसे न्यूनतम वेतन 1 हजार रुपए, उसके बाद 1100 रुपए तथा 1200 रुपए प्रतिमाह, ग्वालियर तथा मुरैना के मेले में दिया गया। अधिकतम वेतन मात्र कुछ स्थानों पर 15 हजार रुपए रहा लेकिन सामान्यता अधिकतम वेतन 9 हजार रुपए से 12 हजार रुपए के बीच रहा।