Jobat By-Election: दीपक नहीं माने तो Congress के लिए संकट

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*झाबुआ से कमलेश नाहर की रिपोर्ट*

Jhabua MP: जोबट उपचुनाव में नामांकन दाखिल करने की समय सीमा समाप्त होने तक 9 ने नामांकन दाखिल किए। कांग्रेस के बागी और दिवंगत विधायक कलावती भूरिया के भतीजे दीपक भूरिया यदि अपना फार्म वापस नही लेंगे, तो मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार है। पार्टी पॉलिटिक्स के अलावा जातिगत आधार पर वोटों का ध्रुवीकरण करने के प्रयास किए जा सकते हैं।
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आई पूर्व विधायक सुलोचना रावत ने सत्ता व संगठन की ताकत के साथ अपना पर्चा जमा किया। रैली में सत्ता की शक्ति का पुरजोर एहसास हुआ। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, राज्यसभा सांसद डॉ सुमेरसिंह सोलंकी, सांसद गुमानसिंह डामोर व गजेन्द्रसिंह पटेल, मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा व महेंद्रसिंह सिसोदिया, रमेश मेंदोला, रंजना बघेल, जयदीप ठाकुर सहित कई नेता और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
उधर, कांग्रेस प्रत्याशी महेश पटेल ने मप्र कांग्रेस प्रभारी कुलदीप इंदौरा की मौजूदगी में अपना नामांकन भरा। उनके साथ राज्यसभा सांसद नारायण लाल राठवा सहित अनेक विधायक मौजूद रहे।
दीपक भूरिया की रैली में कांतिलाल विक्रांत भूरिया विरोधी नारे लगे। मुकाबले में कलावती भूरिया के भतीजे दीपक भूरिया ने नामांकन दाखिल कर कांग्रेस की मुसीबतें बढ़ा दी है। दीपक भूरिया ने निर्दलीय फार्म भरा। उनकी नामांकन रैली में शामिल कार्यकर्ताओं ने झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया व प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष डॉ विक्रांत भूरिया के खिलाफ नारेबाजी भी की।ज्ञात रहे दीपक भूरिया को मनाने के लिए कांग्रेस के कई बड़े नेता  लगे हुए थे। दीपक ने अपनी बुआ और दिवंगत विधायक कलावती भूरिया के सम्मान की रक्षा के लिए चुनाव लड़ना तय किया है।

*सुलोचना का करियर*
अपने ससुर विधायक अजमेरसिंह की मृत्यु के बाद राजनीति में आई सुलोचना रावत ने कांग्रेस में 25 साल निकाले।इस दौरान वे चार बार चुनाव लड़ी, 3 बार जीती, एक बार हारी। 1998 में प्रदेश सरकार में नर्मदा घाटी विकास राज्यमंत्री भी बनी। माधोसिंह डावर से 3 बार आमना सामना हुआ। 2 बार जीती एक बार हार गई। पिछले विधानसभा चुनाव (2018) में टिकिट कलावती भूरिया को दिया गया था। इससे नाराज होकर विशाल रावत ने निर्दलीय चुनाव लड़ा। जिसके चलते कांग्रेस को जीत के लिए कड़ी मशक्कत करना पड़ी थी। महज 1845 वोट से मतगणना के आखरी चरणों मे जीत नसीब हुई थी।

*महेश कभी जीते नही*
महेश पटेल आलीराजपुर क्षेत्र के कद्दावर कांग्रेसी नेता माने जाते है।महेश पटेल ने वर्ष 2003 व 08 में दो बार विधानसभा चुनाव लड़ा पर जीत नही सके।इनके पिता स्व वेस्ता पटेल विधायक रह चुके।छोटे भाई मुकेश पटेल वर्तमान में आलीराजपुर से विधायक है। महेश की पत्नी सेना पटेल 2013 में चुनाव लड़ी और हारी थी। वे 2 बार आलीराजपुर नगरपालिका की अध्यक्ष भी रह चुकी है।