Journalist Murder Case : पुलिस ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्या के मामले में 3 को पकड़ा, मुख्य आरोपी की तलाश!

जानिए, पुलिस को सैप्टिक टैंक में शव होने की शंका क्यों हुई!

238
Journalist Murder Case

Journalist Murder Case : पुलिस ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्या के मामले में 3 को पकड़ा, मुख्य आरोपी की तलाश!

Bijapur : पुलिस ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के आरोप में तीन को पकड़ा है। रितेश चंद्राकर को रायपुर एयरपोर्ट से पकड़ा। सुपरवाइजर महेन्द्र रामटेके और दिनेश चन्द्राकर को बीजापुर से पकड़ा गया। बस्तर रेंज आईजी पी सुंदरराज ने घटना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक जनवरी की रात के लगभग 8.30 बजे से मुकेश चंद्राकर के घर से लापता होने पर उनके बड़े भाई युकेश चंद्राकर ने बीजापुर कोतवाली थाना में 2 जनवरी को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

इस हत्या के मुख्य आरोपी ठेकेदार सुरेश चन्द्राकर को पकड़ने के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया। बीजापुर पुलिस अधीक्षक ने एएसपी युलैंडन यार्क के नेतृत्व में थाना प्रभारी कोतवाली बीजापुर निरीक्षक दुर्गेश शर्मा समेत अन्य अधिकारियों की तीन टीम का गठन किया। पूछताछ के बाद संदेह में आए व्यक्तियों की सीडीआर और लोकेशन लिए।

मृत पत्रकार मुकेश चंद्राकर की लास्ट लोकेशन के आधार पर 2 जनवरी को रात में ही चट्टान पारा स्थित ठेकेदार सुरेश चन्द्रकार के बाड़ा के सभी रूम को खुलवाकर चेक किया गया। तकनीकी साक्ष्य एवं पूछताछ से मिली जानकारी के अनुसार कई जगह खोजबीन की गई।

Also Read: When Tiger Ran: जब गांव के खेतों में बाघ ने लगाई दौड़, ग्रामीणों में मचा हड़कंप!

3 जनवरी को अनहोनी के आशंका भांपते हुए सुरेश चन्द्रकार के बाड़े में बैडमिंटन कोर्ट में सेप्टिक टैंक पर किए नए प्लास्टर को देखकर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराते हुऐ दोपहर लगभग ढाई बजे तहसीलदार एवं एफएसएल टीम की मौजूदगी में नए प्लास्टर स्थान को जेसीबी से तोड़कर टैंक के ढक्कन को खोला गया। ढक्कन खोलने पर टेंक से एक पुरुष का शव दिखा जिसके हाथ में बने टेटू से शव का शिनाख्त पत्रकार मुकेश चन्द्रकार के रूप में हुई।

फॉरेंसिक टीम द्वारा शव पंचनामें के दौरान प्रथम दृष्टया से पाया गया मृतक की सिर, पीठ, पेट एवं सीने में ठोस हथियार से वार कर किया गया था। शव पंचनामा के बाद 4 जनवरी को पोस्टमार्टम किया गया।।प्रकरण में थाना बीजापुर में बीएनएस की धारा 103, 238, 61, 3(5) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

3 जनवरी को संदिग्धों को पकड़ने के लिए गठित टीम को रायपुर भेजा गया। घटना के संदिग्ध रितेश चन्द्रकार को रायपुर एयरपोर्ट से पकड़ा गया। अन्य संदिग्ध महेन्द्र रामटेके (सुपरवाईजर) एवं दिनेश चन्द्रकार को बीजापुर से पकड़ा। तीनों आरोपियों से पूछताछ के साथ घटना में प्रयुक्त हथियार की बरामदगी की कार्रवाई की जा रही है।

IMG 20250105 WA0052

जांच में कई नए खुलासे हुए

मृतक मुकेश चन्द्रकार आरोपी रितेश चन्द्रकार के बीजापुर की चट्टान पारा स्थित ठेकेदार सुरेश चन्द्रकार के बाड़े में पहुंचा था। खाने खाने के दौरान आरोपी रितेश चन्द्रकार और मुकेश चन्द्रकार से पारिवारिक सबंध होने के बावजूद काम में बाधा डालने की बात को लेकर बहस हुई।

इस दौरान आरोपी रितेश चन्द्रकार ने सुनियोजित तरीके से बाड़े में मौजूद सुपरवाइजर महेन्द्र रामटेके के साथ मिलकर मुकेश चन्द्रकार के सिर, छाती, पेट एवं पीठ पर लोहे के रॉड से वार किया। दोनो के हमले से मुकेश चन्द्रकार की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई। उसके शव को ठिकाने लगाने के उद्देश्य से शरीर को पास के सेप्टीक टेंक में डाल दिया एवं उसे स्लेब के ढक्कन से बंद कर दिया।

आरोपी रितेश चन्द्रकार, महेन्द्र रामटेके एवं दिनेश चन्द्रकार द्वारा प्रयुक्त हथियार एवं मृतक के मोबाइल को ठिकाने लगाने के लिए अलग-अलग जगह गए। उसके बाद रितेश चन्द्रकार द्वारा अपने बड़े भाई दिनेश चन्द्रकार को सेप्टिक टेंक को प्लास्टर करने के लिए बताकर अपने बड़े भाई ठेकेदार सुरेश चन्द्रकार की गाड़ी से रायपुर के लिए रवाना हो गया। इसके बाद रितेश चन्द्रकार 2 जनवरी की शाम को रायपुर से दिल्ली चला गया।

Also Read: Former DIG’s Property Attached : पूर्व DIG उमेश कुमार गांधी की ₹4.68 करोड़ की संपत्ति ED ने अटैच की! 

एसआईटी टीम को विवेचना सौंपी गई

मामले की विवेचना के लिए एएसपी आईपीएस मयंक गुर्जर के नेतृत्व में गठित की 11 सदस्यीय एसआईटी टीम को सौंपा गया है। फरार आरोपी ठेकेदार सुरेश चन्द्रकार की गिरफ्तारी के लिए चार अलग-अलग पुलिस की टीम उसके संभावित लोकेशन पर घेराबंदी रही है।

पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज जगदलपुर सुंदरराज पी ने बताया गया कि मुकेश चन्द्रकार की हत्या के प्रकरण में शामिल किसी भी आरोपी बख्शा नही जाएगा। जांच के लिए गठित एसआईटी टीम द्वारा साईटिफिक एवं तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर विवेचना कर जल्द से जल्द न्यायालय में अभियोजन के लिए चार्ज रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।

Also Read: Kissa-A-IAS: Mandar Patki: 8 वीं में IAS बनने का सपना देखा, पहले अटेम्प्ट में ही बिना कोचिंग पूरा कर दिखाया!