जिला व जनपद पंचायत , नगर निगमों व नगर पालिकाओं के लिए 128 भाजपा पर्यवेक्षकों की जम्बो सूची जारी मंदसौर संसदीय क्षेत्र से मात्र एक नाम

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वरिष्ठ पत्रकार डॉ घनश्याम बटवाल की ख़ास ख़बर

मंदसौर । रविवार को जिले व प्रदेश में ग्राम पंचायतों में उपसरपंच का निर्वाचन हुआ । कहीं भाजपा समर्थित तो कहीं कांग्रेस समर्थितों को चुना गया । निर्दलीयों को भी स्थान मिला तो कई पंचायत में निर्विरोध भी उप सरपंच चुने गये ।
अब जनपदों और जिला पंचायतों में अध्यक्ष , उपाध्यक्ष का निर्वाचन 27 , 28 और 29 जुलाई को होना है । प्रशासनिक स्तर पर तैयारी है वहीं राजनीतिक दावेदारी भी तेज़ी से चल रही है । कई जिलों व जनपदों में कशमकश है तो कहीं भाजपा – कांग्रेस में भी अंतर विरोध देखा जारहा है । निर्दलियों की दमदारी भी सामने आई है ।
इसके बाद प्रदेश के 16 नगर निगमों के महापौर , नेता प्रतिपक्ष , नगर पालिकाओं और नगर परिषदों के अध्यक्ष का चुनाव तत्काल बाद होना है । भाजपा , कांग्रेस , आप , निर्दलीयों द्वारा पाल बांधी जारही है ।
सब चाहते हैं सब अपने अनुकूल हो ।

भाजपा संगठन प्रदेश कार्यालय मंत्री भगवानदास सबनानी के हस्ताक्षर से जारी जम्बो पर्यवेक्षक सूची में 76 पार्टी पदाधिकारी नगर निगम , नगर पालिका के लिए एवं 52 पदाधिकारियों के नाम जिला पंचायत और जनपद पंचायतों के लिए शामिल हैं ।
प्रदेश को दो मुख्यमंत्री देने और, पार्टी को प्रदेश अध्यक्ष देने वाले मंदसौर संसदीय क्षेत्र से एकमात्र नाम इस जम्बो सूची में स्थान पा सका है ।
किसान मोर्चा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बंशीलाल गुर्जर को शाजापुर के पर्यवेक्षक का दायित्व सौंपा है । यह महत्वपूर्ण है कि स्वयं श्री गुर्जर की पत्नी श्रीमती रमादेवी गुर्जर मंदसौर नगर पालिका अध्यक्ष की दावेदार हैं ।

मंदसौर नगर पालिका के लिए पार्टी प्रदेश मंत्री श्रीमती संगीता सोनी , नीमच के लिए प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अशोक पोरवाल , जावरा के लिए कल्याण अग्रवाल को पर्यवेक्षक बनाया है ।
जिले की जनपदों और जिला पंचायत के लिए प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुरेंद्र शर्मा मंदसौर और जगदीश अग्रवाल नीमच के पर्यवेक्षक होंगे ।

वर्तमान में संसदीय क्षेत्र के सभी 8 विधानसभा स्थानों पर भाजपा विधायक हैं । लोकसभा सांसद भाजपा के और मल्हारगढ़ विधायक वित्तमंत्री , सीतामऊ – सुवासरा विधायक उर्जा मंत्री , जावद विधायक उद्योग मंत्री हैं ।
जानकारों के मुताबिक भाजपा के गढ़ होने पर भी संगठन स्तर पर पर्याप्त महत्व नहीं मिल रहा है । इसके परिणामस्वरूप गरोठ , भानपुरा , शामगढ़ , जावरा , पिपलोदा आदि स्थानों पर जिला पंचायत , जनपदों और नगर पालिका , नगर परिषदों में 2015 की तुलना में कम जीत हुई है
अब पर्यवेक्षक किस प्रकार समन्वय स्थापित कर अंदरखाने चल रहे मनमुटाव और असन्तोष की लगाम थामते हैं । मजेदार बात यह है कि मंदसौर , शामगढ़ , नीमच , मनासा समेत अन्य स्थानों पर पार्टी के निष्कासित कार्यकर्ता चुनाव जीत गए हैं । प्रदेश के अन्य जिलों और स्थानों पर भी यह स्थिति बनी है ।
भाजपा ही नहीं कांग्रेस भी इन हालातों से दो चार होरही है ।

आनेवाले दिनों में राजनीतिक उठापटक देखने को मिल सकती है , इस पर सबकी नजरें रहेंगी ।