नेशनल लोक अदालत में 5230 प्रकरणों का राजीनामा से हुआ निराकरण

अलग रह रहे पति-पत्नी का हुआ मिलन, चेहरों पर छायी खुशी

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नेशनल लोक अदालत में 5230 प्रकरणों का राजीनामा से हुआ निराकरण

उज्जैन से अजेंद्र त्रिवेदी की रिपोर्ट

उज्जैन: लोक अदालत विवाद के पक्षकारों को समझौते के आधार पर सहज एवं सुलभ न्याय दिलाने का सरल एवं निःशुल्क माध्यम है। लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण से पक्षकारों समय एवं धन की बचत होती है तथा आपसी भाईचारा एवं सदभाव भी बना रहता है।” उक्त बात शनिवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत के शुभारंभ के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं प्रधान जिला न्यायाधीश श्री आर.के. वाणी ने कहीं।
जिला न्यायालय भवन के मुख्य प्रवेश द्वार पर विशेष न्यायाधीश एवं संयोजक नेशनल लोक अदालत श्री अश्वाक अहमद खान, जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिविसेप्रा श्री कपिल भारद्वाज, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री चन्द्रेश मण्डलोई एवं अन्य न्यायधीशगण, पेनल लॉयर्स एवं अतिथिगण के द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ कर समस्त पीठासीन अधिकारियों को नेशनल लोक अदालत में रखे गए प्रकरणों का अधिक से अधिक संख्या में निराकरण करने संबंधी निर्देश एवं शुभकामनाएँ दी गयीं।

नेशनल लोक अदालत में सैकड़ों की संख्या में पक्षकारगण आम नागरिक लाभांवित हुयें। विशेषकर पारिवारिक प्रकृति के विवादों के साथ-साथ क्लेम, विद्युत चोरी, चेक बाउंस आपराधिक एवं दीवानी प्रकरणों का काफी संख्या में निराकरण हुआ। पारिवारिक प्रकरणों में अनेक बिछड़े हुयें परिवारों को मिलाया गया एवं मोटर दुर्घटना क्लेम प्रकरणों में पीड़ित व्यक्तियों को लाखों रुपए की क्षतिपूर्ति राशि के अवॉर्ड भी पारित हुयें।

प्रधान जिला न्यायाधीश श्री आर.के. वाणी के न्यायालय में लंबित प्रकरणों में से एक मोटर दुध टिना क्लेम प्रकरण में जिसमें वर्ष 2021 में ग्राम ठिबगांव जिला खरगोन में मृतक कुलदीप व मृतक विजय अहिरवार की लोडिंग वाहन द्वारा टक्कर मार दी गयी, जिसमें कुलदीप व विजय की घटना स्थल पर मृत्यु हो गयी थी। उक्त दोनों मृतकों का क्षतिपूर्ति हेतु आवेदन उनके वारिसानों द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष अपने अभिभाषक माध्यम से प्रस्तुत किया था, उक्त प्रकरा नेशनल लोक अदालत के तहत 50 लाख रुपए एवं 30 लाख रुपए राशि का क्लेम अवॉर्ड पारित किया गया।
षष्ठम व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्री विनायक गुप्ता की खंडपीठ में एक मामला सामना आया, जिसमें जयपत्र धारी ने वर्ष 2009 में कुल सचिव विक्रम विश्वविद्यालय के विरुद्ध यह ईजरा प्रकरण पेश किया था। जयपत्रधारी विक्रम विश्वविद्यालय में डीन के पद से रिटायर हुए थो तथा उनके पिता भी युनिवर्सिटी में कुल सचिव लेखा के पद से रिटायर हुए थे जिनकी भविष्य निधि रु. 56,626 /- के संबंध में वाद पेश हुआ था, जिसे न्यायालय द्वारा निर्णय दि.24.11.1993 से उनके हित में डिकी किया गया था, उक्त मामले की द्वितीय अपील का निराकरण दि.06.08.2009 को हुआ। वादी जयपत्रधारी ने उक्त निर्णय के आलोक में न्यायालय में लोक अदालत के तहत 1980 से चल रहे पुराने विवाद का समाज की वृद्धि हेतु पिता की राशि का विश्वविद्यालय के विकास में लगाये जाने का निवेदन कर सौहार्दपूर्ण निराकरण कराया।
परिवार न्यायालय, उज्जैन में एक दंपत्ति के मध्य आपसी मनमुटाव के कारण काफी समय से विवाद चल रहा था. किंतु संतान के भविष्य को लेकर न्यायालय द्वारा समझाईश दी गयी तथा दोनों दंपत्ति को उपस्थित अधिकारीगण द्वारा पुष्पमाला पहनायी गयी एवं दोनों को उनके सुनहरे भविष्य की कामना करते हुए खुशी-खुशी विदा किया गया।

इस लोक अदालत में माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री आर के वाणी की खंडपीठ में 16 प्रकरण एवं विद्युत अधिनियम संबंधी विशेष न्यायाधीश (शहरी क्षेत्र) श्री संजय श्रीवास्तव द्वारा 112 एवं विद्युत अधि. विशेष न्यायाधीश (ग्रामीण क्षेत्र) श्रीमती मंजुल पाण्डेय द्वारा 59 प्रकरणों का निराकरण किया गया. जिनमें काफी प्रकरण 05 साल की लंबी अवधि से न्यायालय में लंबित थे।

जन उपयोगी सेवाओं की लोक अदालत में जिला न्यायाधीश / सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री कपिल भारद्वाज के द्वारा विद्युत का 01 प्रकरण एवं इंश्योरेंस का 01 प्रकरण का निराकरण करते हुए संबंधित पक्षकार को बीमा की राशि रु.1,90,550/- की क्षतिपूर्ति राशि का अवॉर्ड पारित किया गया।

*लोक अदालत की विशेष झलकियाँ——*

*1.* पैरालीगल वॉलंटियर्स एवं सामाजिक संस्था शुभ संदेश सामाजिक कल्याण समिति, उज्जैन की अध्यक्ष श्रीमती प्रीति गोयल के सहयोग से मान प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय श्रीमान आर. के. वाणी के कर कमलों से समझौता कराने वाले पक्षकारों को भीषण गर्मी को देखते हुए पंछियों के लिए मिट्टी के सकोरों का वितरण किया गया।

*2.* वनविभाग के सहयोग से प्रकरणों में समझौता करने वाले पक्षकारों को न्याय वृक्ष प्रदान किया गया एवं भीषण गर्मी से पक्षकारों को राहत दिलाने हेतु स्वर्णिम भारत मंच,दिनेश श्रीवास्तव उज्जैन के सहयोग से नेशनल लोक अदालत में लगभग 400 लोगों को ठंडी-ठंडी छाँछ निःशुल्क पिलाई।

लोक अदालत के संयोजक एवं विशेष न्यायाधीश श्री अश्वाक एहमद खान एवं परिवार न्यायालय के न्यायाधीश श्री वी. के. गुप्ता, जिला न्यायाधीशगण श्री संजय श्रीवास्तव, श्री विवेक कुमार चंदेल, श्री शशिकांत वर्मा, श्री संजय राज ठाकुर, श्री सुनील कुमार शोक, श्रीमती मंजुल पाण्डेय, श्री अभिषेक नागराज, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री राजेंद्र सिंह सिंगार व न्यायिक मजिस्टेट प्रथम श्रेणी श्री वीरेन्द्र जोशी, श्री विनायक गुप्ता, श्री राजेश जैन, श्री अतुल यादव, सुश्री सोनाली वर्मा, श्री वीरेन्द्र वर्मा सहित समस्त न्यायिक अधिकारीगण, अधिवक्ता श्री संतोष कुमार सिसोदिया, श्री प्रकाशचंद्र सैनी, श्री बालकृष्ण सैनी, श्री रजनीकांत तिवारी सहित अन्य अधिवक्तागण तथा प्राधिकरण के सचिव श्री कपिल भारद्वाज, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री चन्द्रेश मण्डलोई, अभियोजन अधिकारीगण, लीड बैंक अधिकारी श्री संदीप अग्रवाल एवं विभिन्न बैंकों के अधिकारीगण, फाईनेंस कंपनियों एवं विद्युत विभाग के अधिकारीगण, समस्त न्यायालयीन कर्मचारीगण, पैरालीगल वॉलंटियर्स श्रीमती प्रीति गोयल, श्री रमेशचंद्र खत्री, श्रीमती अंजना शुक्ला, श्री राकेश कुमार वर्मा, श्रीमती भारती उके, श्रीमती अंजु भाटिया, श्री कुंदन सिर्वी, श्रीमती अनीता पंवार, श्री राजेंद्र कुमार सोनी, श्री प्रभातसिंह परिहार, श्री अंकित शर्मा, श्री एस.एस. नारंग, श्रीमती रेखा व्यास, श्री आकाश परमार, श्री सुरेश जैन, श्री प्रवीण रावत, श्री राजेश कासलीवाल एवं सामाजिक कार्यकर्तागण श्री चेतन अहिरवार, श्री अजेंद्र त्रिवेदी, श्री ओमप्रकाश गुप्ता एवं काफी संख्या में पक्षकारगण उपस्थित रहें।

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उक्त लोक अदालत में प्रीलिटिगेशन के 12638 रखे गए प्रकरणों में से 4043 प्रकरण तथा न्यायालय में लंबित 8950 रखे गए प्रकरणों में से 1187 प्रकरण निराकृत हुयें। लोक अदालत में कुल 5228 प्रकरणों का निराकरण हुआ और कुल रु.11,86,04908/- की राशि के अवॉर्ड पारित हुयें, जिसमें मोटर दुर्घटना के 26 क्लेम प्रकरणों में पीड़ित व्यक्तियों को रु.15238000/- के अवॉर्ड पारित हुयें।