Kalyan Mandir Navgrih MahaTeerth:विश्व के पहले अनूठे श्री कल्याण मंदिर नवग्रह महातीर्थ में होगा प्रतिष्ठा महोत्सव 14 जनवरी से

4 फरवरी को मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री सहित देश की प्रमुख हस्तियां होगी शामि

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Kalyan Mandir Navgrih MahaTeerth:विश्व के पहले अनूठे श्री कल्याण मंदिर नवग्रह महातीर्थ में होगा प्रतिष्ठा महोत्सव 14 जनवरी से

उज्जैन से सुदर्शन सोनी की रिपोर्ट

उज्जैन। धर्मधानी उज्जयिनी में तीर्थ विकास का एक और नया अध्याय जुडने वाला है। शहर से 10 किमी दूर बडनगर रोड स्थित ग्राम धरमबडला में 25 बीघा क्षेत्र में अभ्युदयपुरम् जैन गुरुकुल अंतर्गत सफेद संगमरमर का अद्भुत नक्काशीदार 45 शिखरवाला श्री कल्याण मंदिर नवग्रह महातीर्थ का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ है। अब इस मंदिर में मूलनायक प्रभू अभ्युदय पार्श्वनाथ की ज्वेलरी स्टोन (ग्रीन मरकज) से बेंगलूर में तराशी गई 63 इंच की अत्यंत मनोहारी प्रतिमा प्रतिष्ठित हो

तीर्थ प्रेरक, मालव मार्तण्ड व संस्कार यज्ञ प्रणेता जैनाचार्य श्री मुक्तिसागर सूरि की निश्रा में यह 23 दिवसीय भव्य प्रतिष्ठा महोत्सव 14 जनवरी से 4 फरवरी 2023 तक आयोजित होगा। आयोजन में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित विभिन्न प्रदेशो के कई काबिना मंत्री व प्रमुख हस्तियां शामिल होगी

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उल्लेखनीय हैं कि वर्ष 2012 में इस गुरुकुल की आधारशिला रखी गई थी, 10 सालों में करीब 45 करोड की लागत से इसका निर्माणकार्य संपन्न हुआ है। महोत्सव के लिए 25 बीघा क्षेत्र में वाराणासी नगरी बसाई जा रही है, जिसमें भव्य डोम, अस्थायी मंदिर, आवास, भोजन व अन्य व्यवस्थाएं रहेगी।

तीर्थ प्रेरक मालव मार्तण्ड, आचार्य मुक्तिसागर सूरि महाराज ने मीडिया से चर्चा में बताया कि प्रभू पार्श्वनाथ की महिमा के वर्णन वाले श्री कल्याण मंदिर स्तोत्र की रचना पर आधारित विश्व का पहला अनूठा जिनालय उज्जैन में स्थापित होने जा रहा है। करीब 2100 वर्ष पहले आचार्य सिद्धसेन दिवाकरसूरि ने अवंतीनगरी (अब उज्जयिनी) में ही इस स्त्रोत की रचना की थी। जिसकी कुल 44 गाथा है, इसी महत्व के दृष्टिगत बड़नगर रोड स्थित धरमबड़ला पर सफेद संगमरमर से श्री कल्याण मंदिर नवग्रह के साथ 45 शिखर युक्त नवीन मंदिर बनाया गया है। प्रत्येक शिखर मंदिर में प्रभू पार्श्वनाथ की प्रतिमाएं प्रतिष्ठित होगी। जो प्रमुख 108 पार्श्वनाथ तीर्थ में स्थापित प्रतिमाओं के वर्ण व प्रतीक स्वरुप रहेगी। महोत्सव संयोजक मफतलाल संघवी व मीडिया प्रभारी डॉ. राहुल कटारिया के अनुसार करीब 600 शिल्पकारों ने 10 साल में बड़ी ही नयनरम्य नक्काशीदार कलात्मक शैली से इस जिनालय का निर्माण किया है। मंदिर के आसपास स्तोत्र की संस्कृत भाषा में गाथा और नीचे उसका हिंदी और अंग्रेजी में अर्थ भी उल्लेखित है। तीर्थ की आभा देखते ही बनती है, मुख्य मार्ग से भी इसकी मनोहारी छंठा के दर्शन होते है। 4 फरवरी 2023 को मंदिर का मुख्य भव्य प्रतिष्ठा समारोह होगा। इसके लिए परिसर में डोम पांडाल निर्माण आरंभ हो गया है, सुरत से आए 150 कर्मचारी इस कार्य में जुटे है।

 

*पत्रिका आलेखन हुआ, देशभर में जाएंगे आमंत्रण

 

रविवार को कार्यक्रम की आमंत्रण पत्रिका का आलेखन कार्यक्रम आचार्यश्री की निश्रा में संपन्न हुआ। अब इस महोत्सव की पत्रिका व आमंत्रण देशभर के समाजजनों को विभिन्न माध्यमों से भेजा जाएगा। प्रतिष्ठा महोत्सव संरक्षक उज्जैन विधायक पारस जैन, चैतन्य कश्यप विधायक रतलाम, अनिल जैन कालूहेडा, संयोजक मफतलाल संघवी मुंबई, गौतमचंद धींग, राजेंद्र मूणत, एमआईसी मेंबर रजत मेहता, मीडिया प्रभारी डॉ. राहुल कटारिया आदी ने श्वेतांबर जैन समाजजनों से महोत्सव में शामिल होकर धर्मलाभ लेने का अनुरोध किया है

*तीर्थ में आधुनिकता के साथ संस्कार युक्त शिक्षा

– कल्याण मंदिर व नवग्रह जिनालय के संयोग का यह विश्व का पहला मंदिर – जिसके दर्शन मात्र से प्रभु पार्श्वनाथ की असीम कृपा मिलेगी ग्रहों का संकट दूर

– 25 बीघा क्षेत्रफल में फैला है मंदिर व पूरा गुरुकुल संकुल परिसर। यहां संचालित स्कूल सीबीएसई से सम्बद्ध है। जहां नौनिहालों को आधुनिक शिक्षा के साथ संस्कारों का भी पाठ पढाया जाता है। यहां अभी 300 विद्यार्थी अध्ययनरत है।

– करीब 45 करोड़ की लागत से मंदिर, आवासीय परिसर, स्थायी उपाश्रय, धर्मशाला, भोजनशाला, स्कूल भवन एवं अन्य जरूरी निर्माण हुए हैं

प्रतिष्ठा महोत्सव के लिए व्यापक तैयारियां, एक लाख समाजजन आना संभावि

– 25 बीघा में वाराणसी नगरी निर्मित होगी, जो प्रभू पार्श्वनाथ जी की जन्म स्थली है। 18 हजार वर्ग फीट का मुख्य डोम रहेगा, जिसे महाराजा अश्वसेन दरबार नाम दिया गया है, जिसमें प्रतिदिन धार्मिक आयोजन होंगे

– 24 हजार वर्ग फीट डोम में भरत चक्रवर्ती भोजन मण्डप बनेगा। जिसमें हजारों लोग एक साथ भोजन प्रसाद ग्रहण कर सकेंगे। पूरे महोत्सव में विभिन्न प्रदेशो के करीब 1 लाख समाजजनों के आने का अनुमान है

– करीब 10 बीघा क्षेत्र में आवास व्यवस्था जुटाई जाएगी, जिसमें 50 सामान्य कक्ष, 25 वीआईपी कक्ष व डॉरमेटरी सुविधा रहेगी। बाहर से आने वाले समाजजन यहीं ठहरेंगे

– 6 हजार वर्ग फीट में पार्श्व प्रभू प्रासाद (अस्थायी मंदिर) तैयार होगा, जहां लोग प्रभू का पूजन-आरती आदी करेंगे। 60 बॉय 60 वर्ग फीट में श्री शालिभद्र पेढ़ी कार्यालय बनेगा

– वाहन पार्किंग के लिए आसपास के खेत आरक्षित किए गए है, इनमें चार व दो पहिया वाहनों की पॉर्किंग सुविधा रहेगी

– पूरा परिसर सीसीटीवी कैमरों व आधुनिक सुरक्षा से लैस रहेगा। मुंबई की सुरक्षा एजेंसी के गार्ड पूरे समय निगरानी रखेंगे

महोत्सव अंतर्गत यह होंगे प्रमुख आयोज

– 14 जनवरी मकर संक्रांती से हवन, पूजन व अनुष्ठान आरंभ हो जाएंगे। इसके साथ ही प्रतिदिन धार्मिक, सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे

– 29 जनवरी को सूरजनगर ग्राउंड से महोत्सव में शामिल होने आए पूज्य साधु-साध्वियों की नगर प्रवेश यात्रा निकलेगी। जो दौलतगंज, कंठाल, छत्रीचौक, ढाबा रोड होते हुए कार्तिक मेला मैदान पहुंचेगी। यहां धर्मसभा होगी

– 30 जनवरी से प्रभू पार्श्वनाथ के च्यवन, जन्म, दीक्षा, केवल ज्ञान एवं निर्वाण के पांचों कल्याणक के साथ लाइट एण्ड साउंड के साथ मंचीय कार्यक्रम होंगे

– 3 फरवरी को तीर्थ परिसर से भव्य रथयात्रा निकलेगी एवं आचार्य श्री मुक्तिसागर सूरीजी के शिष्य पन्यास प्रवर श्री अचलमुक्ति सागर जी का आचार्य पद आरोहण होगा

– 3 फरवरी की शाम में आध्यात्मिक कवि सम्मेलन होगा, जिसमें तारक मेहता का उल्टा चश्मा फेम प्रसिद्ध कवि शैलेष लोढ़ा सहित अन्य प्रसिद्ध कविगण काव्य पाठ करेंगे

महोत्सव के लिए जैन समाज की कई प्रमुख हस्तियों सहित गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, दक्षिण भारतीय प्रांत, उत्तर प्रदेश, बिहार, उडिसा, पंजाब सहित मप्र के विभिन्न शहरों से समाजजन आएंगे।।।।।न।।।।।।त। होगा*।*   ।गी। ल के विभिन्न शहरों से समाजजन आएंगे।