Khargone Choupal: धरी रह गई CM की अधिकारी को सस्पेंड करने की घोषणा, आज तक आदेश नहीं

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Khargone Choupal: धरी रह गई CM की अधिकारी को सस्पेंड करने की घोषणा, आज तक आदेश नहीं

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समाधान ऑनलाइन में शिकायतो का निराकरण नही करने पर पिछले दिनो आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त जे एस डामौर को निलंबित कर दिया था। करीब एक महिना होने जा रहा है, लेकिन आज तक आदेश खरगोन नही पहुंचा। इस संबंध में अभी तक शासन और प्रशासन की और से वस्तुस्थिति का भी पता नहीं चला।

सोशल मीडिया से लेकर भोपाल, इन्दौर के अखबारो में निलंबन की खबर आग की तरह 18 जनवरी को फैली थी। आमजन में तो चर्चा यहां तक है कि सहायक आयुक्त डामौर साहब के पावर के आगे सीएम की निलंबन की सार्वजनिक घोषणा दब गई। चर्चा के विषय के बीच लोग सेटिंग और जुगाड की बात कर खूब चटकारे ले रहे है।

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गौरतलब है की समाधान ऑनलाइन योजना की समीक्षा के दौरान सीएम ने 18 जनवरी को सुश्री उपासना बडोले की आवास सहायता योजना की राशि की शिकायत को फोर्स क्लोज करने पर सहायक आयुक्त जे एस डामौर को निलंबित करने की घोषणा की थी।

सामान्यतः सीएम की ऐसी घोषणाओं के मामले में उसी दिन या अगले दिन आदेश जारी हो जाते हैं लेकिन इस मामले में आदेश अभी तक क्यों नहीं लिखे जारी हुए यह खोज का विषय है।

वैसे भी इससे पहले आदिवासी विभाग में तबादलो को लेकर भी डामौर की कई शिकायत हुई लेकिन उनका कोई कुछ नही बिगाड पाया। खंडवा लोकसभा उपचुनाव के दौरान प्रभारी मंत्री कमल पटेल के अनुमोदन के बिना आचार संहिता में संशोधन के नाम पर भी विभाग में खेल चर्चा में है। वैसे भी कई जाॅच भी चल रही है लेकिन सीएम शिवराजसिंह चौहान के निलंबन की घोषणा के बाद भी आदेश जारी नही होना, साहब का रूतबा बता रहा है।

 

अब मण्डलेश्वर में 50 बेड का आयुष अस्पताल अधर में – –

कमलनाथ सरकार में दिग्गज मंत्री रही डाॅ विजयलक्ष्मी साधौ ने मण्डलेश्वर को आयुष अस्पताल की बडी सौगात दिलाई थी। लेकिन पिछले दिनो आयुष विभाग की प्रमुख सचिव करलिन खोंगवार देशमुख के दौरे के बाद ऐसा लगता है कि मामला अधर में लटक गया है। करीब 9 करोड की लागत से 50 बिस्तर के आयुष अस्पताल की राशि सरकार ने 5 मार्च 2020 को स्वीकृत कर दी थी। डीपीआर बन गई।

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टेंडर भी लोक निर्माण विभाग के पीआईयू ने जारी कर दिया था। इन्दौर की एजेन्सी भुरामल रामचन्द्र का टेंडर खुल गया। विभाग ने वर्क आर्डर भी 30 अगस्त 2020 को जारी कर दिया। लेकिन अब सौगात खटाई में चली गई है। डीपीआर बनाने में करीब 2 लाख खर्च हुए। भूमिपूजन के बाद अस्पताल के अधर में आ जाने पर राजनैतिक चर्चा के बीच सवाल उठ रहे है। शहर के मध्य बनने वाले इस अस्पताल के लिये अब दो एकड जमीन शहर में आसपास कही भी नही है। सौगात के अटक जाने के इस मामले को राजनैतिक चश्मे से देखना लाजमी है।

सरकार बदल जाने से क्या सौगात या विकास रूक जाता है। पहले मेडिकल कालेज और अब 50 बिस्तर का आयुष अस्पताल का मामला लटकने को कई लोग बर्दाश्त नही कर पा रहे है। सरकार और प्रशासन पर सवाल खडे हो रहे है। पहले अस्पताल का भूमिपूजन हो जाने के बाद अब काम रूकना जिले और शासन स्तर के अधिकारी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खडे कर रहे है।

महेश्वर, मण्डलेश्वर को हमेशा सौगात देने वाली पूर्व मंत्री विधायक डाॅ विजयलक्ष्मी साधौ भी आयुष अस्पताल का काम शुरू नही होने से खफा है। डाॅ साधौ का मीडियावाला से चर्चा के दौरान कहना था की विकास और सौगात में राजनीति नही होना चाहिये। ठेकेदार को वर्क आर्डर जारी हो जाने के बाद काम रोकने का जबाब अब जनता 2023 मे देगी।

 

राज्यपाल से महिला बुनकर की सीधी बात में हुआ खुलासा, मात्र 4 हजार रुपये है मासिक आय

मध्यप्रदेश में श्रमिकों का शोषण हो रहा है इसका खुलासा खुद राज्यपाल मंगू भाई पटेल के समक्ष तब हुआ जब वह खरगोन के महेश्वर में हथकरघा चलाकर परिवार पालन पोषण करने वाली महिला से मिले। महामहिम राज्यपाल मंगू भाई पटेल दो दिवसीय दौरे के दौरान खरगोन के महेश्वर पहुँचे थे।

इस दौरान माननीय राज्यपाल ने जब विश्व प्रसिद्ध महेश्वरी साडी बनाने वाले बुनकरों और हथकरघा संचालन करने वाली महिलाओं से सीधी बातचीत में सप्ताह की कमाई लगभग हजार रुपये बताई। करीब 4 से 5 हजार रुपये मासिक आय से परिवार पालन कैसे होता होगा। बहरहाल क्या राज्यपाल मंगु भाई पटेल के दौरे के बाद माँ अहिल्या बाई के द्वारा रोजगार के लिये बुनकरो के उत्थान की जो सोच थी वो पूरी होगी। हुनर वाले बुनकरो को अब शोषण से मुक्ति मिलेगी ?

बाल कांग्रेस के जरिये क्या कांग्रेस बना पायेगी माहौल ?

विधानसभा चुनाव 2023 के रण में विजय के लिये राजनैतिक दल कोई कसर अपनी और से बाकी नही छोड रहे है। कांग्रेस ने घर चलो घर घर चलो अभियान के बीच बाल कांग्रेस का गठन जिले में विधानसभा वार करना शुरू कर दिया है। खरगोन विधानसभा के लिये तो बकायदा विधायक रवि जोशी ने प्रिंस पाटीदार को बाल कांग्रेस का कैप्टन भी बना दिया है। 16 वर्षो तक के किशोरो को बाल कांग्रेस में शामिल किया जायेगा।

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बाल कांग्रेस के गठन को लेकर सवाल उठ रहे है कि क्या बच्चो का खेल भी राजनीति हो जाएगी। गुटबाजी के बीच क्या बाल कांग्रेस के जरिये कांग्रेस बना पायेगी माहौल ? हालांकि कांग्रेस के जनजागरण कार्यक्रम के प्रदेश प्रभारी विधायक रवि जोशी का कहना है इसमे कोई राजनीति नही है। कांग्रेस की सोच है की बाल कांग्रेस के माध्यम से देश आजादी, इतिहास, आंदोलन और कांग्रेस के योगदान से बच्चो को अवगत करना है। बच्चा जुड़े तो परिवार भी जुडेगा। आने वाली पीढी को देश की आजादी में बलिदान देने वालो की जानकारी और अच्छे विचार मिलेगे।

इधर बाल कांग्रेस के गठन को लेकर भाजपा के एक दिग्गज नेता ने नाम नही छापने की शर्त पर तंज करते कहना था की बच्चे वोट थोडी देते है। हम क्या करेगे बच्चो का संगठन बनाकर ?

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और अंत में – –
यूपी के चुनाव में कांग्रेस की ओर आजमगढ़ के पर्यवेक्षक बनकर पहुंचे खरगोन शहर के चहेते युवा नेता पुष्करराज सिह चौहान की मेहनत का असर चुनाव परिणाम ही बतायेगे ? वही भाजपा की ओर से यूपी के प्रयागराज क्षेत्र पहुंचे महेश्वर के पूर्व विधायक राजकुमार मेव की सक्रियता और संगठन में वापसी करती पैठ ने महेश्वर में उनकी पार्टी के नेताओ की नींद उडा दी है ?