KISSA-A-IAS:गालीबाज IAS जिनका गुस्सा हमेशा सर आंखों पर!
समाज में सबसे ज्यादा इज्जत आईएएस अधिकारियों की होती है। इसलिए कि इन्हें सुसंस्कृत, समझदार और सकारात्मक सोच वाला माना जाता है। इसके अलावा इनकी सबसे बड़ी खासियत यह भी होती है कि इनकी थाह पाना आसान नहीं होता। इनके चेहरे से गुस्सा और सहजता को कभी भांपा नहीं जा सकता। लेकिन, बिहार के मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने इस धारणा को करीब-करीब खंडित कर दिया। बीते चार-पांच दिनों में देशभर में उनके अपशब्दों वाले वीडियो वायरल हो रहे हैं। अफसरों की बैठक में उन्होंने खुले आम अपशब्द कहे, तो बात बाहर आई। लेकिन, जब एक वीडियो सामने आया तो ऐसे कई वीडियो बाहर आ गए। अब उन पर कार्रवाई की बात हो रही है।
बिहार में उनके खिलाफ जिस तरह से आवाजें उठ रही है, ये बात सामने आ गई कि इस सीनियर आईएएस ने ऐसा पहली बार नहीं किया। बल्कि, ऐसा करना उनकी आदत में शुमार था। लेकिन, बताते हैं कि इस बार उनकी मुश्किलें बढ़ गई। उनके कुछ और वीडियो वायरल हुए। इनमें भी वे बैठक में अफसरों को अपशब्द बोलते नजर आ रहे। वे अफसरशाही को लेकर आक्रोश जताते हुए अमर्यादित टिप्पणी भी करते दिखाई और सुनाई दिए। केके पाठक की बात-बात पर अपशब्द बोलने की आदत है।
#ViralVideo बिहार के IAS अधिकारी के के पाठक का बताया जा रहा है. pic.twitter.com/3y5Qvp0IW9
— Thakur Shaktilochan shandilya (@Ershaktilochan) February 2, 2023
कहा जा रहा कि वे न सिर्फ बैठक में, बल्कि वे ऑफिस में भी ऐसी ही भाषा इस्तेमाल करते रहते हैं।जिस बैठक का वीडियो सामने आया और बवाल हुआ वो उनकी बैठक की सामान्य आदत रही है। एक अफसर ने गिनकर बताया वे एक मिनट में धाराप्रवाह 22 गालियां तक देते थे। चार दिन पहले आईएएस केके पाठक का अमर्यादित बयान वाला वीडियो जब सामने आया, इसके बाद बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थाने तक पहुंच गए। मुख्यमंत्री के संज्ञान में मामला आने के बाद मुख्य सचिव को वीडियो की जांच की जिम्मेदारी दी गई है।
केके पाठक मद्य निषेध आबकारी और निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव सचिव होने के साथ बिहार लोक प्रशासन और ग्रामीण विकास संस्थान (बिपार्ड) के डीजी भी हैं। उनका अपशब्दों वाला वीडियो वायरल होने के बाद मामला सुर्खियों में है। सत्ता के गलियारे में इस मामले को लेकर उनकी बहुत ज्यादा आलोचना की जा रही है। क्योंकि, किसी आईएएस के बारे में अभी तक ऐसा कुछ सुना या देखा नहीं गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वायरल वीडियो मामले को चीफ सेक्रेटरी देख रहे है, वीडियो की जांच हो रही है।
हमेशा गुस्से में होने की आदत
अपराधियों के बीच केके पाठक अपने कड़े तेवर के लिए जाने जाते हैं। उनके नाम से अच्छे-अच्छे माफियाओं के पसीने छूट जाते थे। हमेशा अपने नए अंदाज में सुर्खियों में रहने वाले सीनियर आईएएस ऑफिसर को मुख्यमंत्री ने शराबबंदी की यही कमान यही सोचकर सौंपी थी कि इसका अच्छा असर पड़ेगा और वे स्थिति को काबू में कर लेंगे। यहां तक तो ठीक, पर उन्होंने अपने गुस्से का जिस तरह इजहार किया वो उनके गले पड़ गया। 1990 बैच के सीनियर आईएएस केशव कुमार पाठक जिन्हें लोग केके पाठक से नाम से जानते हैं। वे मूलरूप से यूपी के रहने वाले है। लेकिन, 2015 में जब महागठबंधन सरकार सत्ता में आई थी तो ये दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर थे। उस वक्त उनकी वापसी बिहार में कराई गई। तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता खासतौर पर महिलाओं से शराबबंदी का वादा कर रखा था।
लालू यादव ने उन्हें हटाकर अपना फैसला बदला
केके पाठक सिर्फ अपशब्दों तक ही सीमित नहीं हैं। उनकी काम करने की शैली भी अजीब है। एक बार तो लालू यादव को भी उनका ट्रांसफर करना पड़ा था। बात उस दौर की है, जब राजद के मुखिया लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। उस वक्त केके पाठक गोपालगंज के कलेक्टर थे। उस दौर में पाठक ने जिले में जो जलवा दिखाया, उसके बाद लालू यादव को पता चल गया था कि उन्होंने गलत दांव खेल दिया। कभी लालू यादव के नजदीक रहे पाठक की कार्यशैली से इतने परेशान हो गए कि अंत में लालू को उनका ट्रांसफर कर सचिवालय बुलाना पड़ गया था। नीतीश कुमार ने जब केके पाठक को मद्य निषेध विभाग में बुलाया तो भी राजनीति शुरू हो गई थी। विपक्ष ने भी इस फैसले पर प्रतिक्रिया दी थी।
एक ठेकेदार को ऑफिस में पीटा और धमकाया
बिहार के सीनियर आईएएस अधिकारी केके पाठक की गिनती एक कड़क अधिकारी के रुप में होती रही है। लेकिन, वह अपनी छवि के अनुरूप कई बार विवादों में घिर गए। जब वे बिहार सरकार में लघु सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव थे तब भी उनके खिलाफ सचिवालय में एफआईआर दर्ज की गई थी। आईएएस अफसर पर एक इंफ्रास्ट्रकचर प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक कुमुद राज सिंह की लाठी से पिटाई करने और रिवाल्वर तानकर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगा था।
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बताया गया कि केके पाठक ने कुमुद राज सिंह को विभाग के एक कार्यपालक अभियंता ने फोन करके प्रमुख सचिव के चैंबर में आने को कहा था। उसके बाद वे अपने सहयोगियों से साथ प्रधान सचिव के कक्ष में पहुंचे। ठेकेदार के अनुसार केके पाठक ने उनसे नालंदा के रहुई में उनके द्वारा किए गए काम के क्षतिग्रस्त होने को लेकर सवाल पूछा। जिस पर ठेकेदार ने जवाब दिया कि भारी बारिश के कारण कुछ क्षति पहुंची है, जिसे वे ठीक करा देंगे। ठेकेदार से इतना सुनते ही केके पाठक गुस्से से तिलमिला गए और गालियां देना शुरू कर दी। प्रधान सचिव ने अपने अंगरक्षक से डंडा लेकर मेरी पिटाई की और फिर अंगरक्षक की रिवाल्वर लेकर मेरे कनपटी पर सटा दी। ठेकेदार ने बताया कि केके पाठक उन्हें गोली मारने की धमकी दी। फिर ठेकेदार वहां से जान बचाकर भागे। ठेकेदार ने दावा किया है कि घटना के वक्त सचिवालय में काफी लोग थे, जिन्होंने सब कुछ देखा है। प्रमुख सचिव के कार्यालय के अंदर और बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों में इसकी फुटेज भी देखी गई थी।