KISSA-A-IAS: ‘ब्यूटी विथ ब्रेन’ का अनुपम उदाहरण है यह IAS अफसर

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KISSA-A-IAS: ‘ब्यूटी विथ ब्रेन’ का अनुपम उदाहरण है यह IAS अफसर

हाल ही में एक खबर सामने आई कि हैदराबाद में एक महिला IAS अफसर के घर में घुसने के आरोप में तहसीलदार को पकड़ा गया। ये महिला अधिकारी तेलंगाना के मुख्यमंत्री की सचिव स्मिता सभरवाल हैं। जुबली हिल्स के बंगले के तैनात सुरक्षा कर्मियों ने उस तहसीलदार को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। ये एक ऐसी घटना थी, जो सामान्यतः किसी इस स्तर के अधिकारी के बंगले पर संभव नहीं है। लेकिन, इस महिला IAS ने दूसरे दिन ट्वीट करके खुद ही इस घटना का खुलासा किया। उन्होंने अपने ट्वीट में इस बात पर जोर दिया कि आप कितनी भी सुरक्षा में हों, पर फिर भी सुरक्षा की स्वयं जांच जरूर करें।

स्मिता सभरवाल तेलंगाना की सबसे काबिल IAS अधिकारियों में से एक हैं। उन्हें देश की महिला IAS अधिकारियों में सबसे खूबसूरत भी माना जाता है। उन्हें ‘ब्यूटी विथ ब्रेन’ का अभूतपूर्व संगम कह सकते है।
वे जहां भी तैनात रही, उनके बेहतरीन कामकाज के चर्चे खूब हुए। स्मिता सभरवाल को एक ईमानदार,कर्मठ और परिणाम देने वाली अधिकारी के रूप में भी जाना जाता है।

KISSA-A-IAS: ये वो महिला IAS अफसर है जिन्हें कहा जाता है 'ब्यूटी विथ ब्रेन'

वारंगल में नगर निगम आयुक्त के रूप में उन्होंने ‘फंड योर सिटी’ योजना शुरू की थी। इसके साथ उन्होंने सार्वजनिक और निजी भागीदारी के साथ फुट ओवर ब्रिज, ट्रैफिक जंक्शन, पार्क, बस स्टॉप जैसी बड़ी संख्या में सार्वजनिक उपयोगिताओं का निर्माण किया गया।

KISSA-A-IAS: ये वो महिला IAS अफसर है जिन्हें कहा जाता है 'ब्यूटी विथ ब्रेन'

IAS स्मिता सभरवाल किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। उनके नाम पर कई ऐसे रिकॉर्ड दर्ज हैं, जिन्हें तोड़ना आसान नहीं होगा। स्मिता सभरवाल को ‘जनता की अधिकारी’ (पीपुल्स ऑफिसर) कहा जाता है। उनके काम करने का अंदाज काफी हटकर है। उनके संघर्ष और ईमानदारी ने उन्हें जनता के बीच काफी लोकप्रिय बनाया है। उनके दबंग अंदाज को देखकर ही लोग उनका काफी सम्मान करते हैं। उन्होंने हेल्थ केयर सेक्टर में ‘अम्माललाना’ प्रोजेक्‍ट की शुरुआत की। इस प्रोजेक्‍ट की सफलता के चलते स्मिता को प्राइम मिनिस्टर एक्सीलेंस अवार्ड भी दिया गया। स्मिता के करीमनगर में बतौर डीएम तैनात रहने के दौरान ही करीमनगर को ‘बेस्ट टाउन’ का अवॉर्ड भी मिला चुका है।

बोर्ड परीक्षा की टॉपर
स्मिता सभरवाल का जन्म 19 जून 1977 को पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में हुआ था। उनके पिता रिटायर्ड सेना अधिकारी कर्नल प्रणब दास हैं। उनकी मां का नाम पुरबी दास है। पिता की आर्मी जॉब होने की वजह से स्मिता अलग-अलग शहरों में पली-बढ़ी। रिटायरमेंट के बाद वे हैदराबाद में सेटल हो गए। स्मिता की स्कूलिंग वहीं हुई। वे 12वीं में ISC टॉपर थीं, फिर उन्होंने कॉमर्स स्ट्रीम से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की।

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दूसरे प्रयास में चौथी रैंक
स्मिता सभरवाल पहले अटेंप्ट में प्रीलिम्स परीक्षा पास नहीं कर पाई थीं। लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी और दोगुनी मेहनत के साथ तैयारी की। साल 2000 में अपने दूसरे प्रयास में वे यूपीएससी परीक्षा पास करने वाली सबसे कम उम्र की स्टूडेंट बनीं। इसमें उन्होंने ऑल इंडिया लेवल पर 4th रैंक हासिल की। उन्हें तेलंगाना कैडर मिला। नियुक्ति के बाद वे चित्तूर में सब-कलेक्टर रहीं। वे कडप्पा रूरल डेवलपमेंट एजेंसी की प्रोजेक्ट डायरेक्टर, वारंगल की नगर निगम कमिश्नर और कुरनूल की संयुक्त कलेक्टर रही हैं। वे तेलंगाना के वारंगल, विशाखापट्टनम, करीमनगर और चित्तूर में पोस्टेड रह चुकी। उन्हें हर जगह काफी सम्मान मिला।

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सीएम ऑफिस में तैनात
IAS स्मिता तेलंगाना के मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात होने वाली पहली महिला आईएएस अधिकारी हैं। स्मिता ने IPS डॉ अकुन सभरवाल से शादी की है। उनके दो बच्‍चे नानक और भुविश हैं। स्मिता सभरवाल सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में रहती हैं। उनके काम करने के अंदाज और गरीबों की मदद के जुनून को सराहा जाता है।


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इस विवाद से जुड़ा नाम
स्मिता सभरवाल का नाम एक विवाद के साथ भी जुड़ा है. उन्होंने एक आपत्तिजनक कार्टून छापने पर एक मैगजीन को नोटिस भेज दिया था। मैगजीन के कार्टून में स्मिता को रैंप वॉक करते हुए दिखाया था और तेलंगाना के मुख्‍यमंत्री के चंद्रशेखर राव उनकी फोटो खींच रहे थे। कार्टून के साथ लिखा था ‘स्मिता मीटिंग में ट्रेंडी साड़ी और कपड़े पहनकर आती हैं।’ इस कार्टून पर आपत्ति जताते हुए स्मिता ने आउटलुक को कानूनी नोटिस भेजकर जवाब मांगा था।

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Suresh Tiwari
सुरेश तिवारी

MEDIAWALA न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक सुरेश तिवारी मीडिया के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है। वे मध्यप्रदेश् शासन के पूर्व जनसंपर्क संचालक और मध्यप्रदेश माध्यम के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहने के साथ ही एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी और प्रखर मीडिया पर्सन हैं। जनसंपर्क विभाग के कार्यकाल के दौरान श्री तिवारी ने जहां समकालीन पत्रकारों से प्रगाढ़ आत्मीय रिश्ते बनाकर सकारात्मक पत्रकारिता के क्षेत्र में महती भूमिका निभाई, वहीं नए पत्रकारों को तैयार कर उन्हें तराशने का काम भी किया। mediawala.in वैसे तो प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की खबरों को तेज गति से प्रस्तुत करती है लेकिन मुख्य फोकस पॉलिटिक्स और ब्यूरोक्रेसी की खबरों पर होता है। मीडियावाला पोर्टल पिछले सालों में सोशल मीडिया के क्षेत्र में न सिर्फ मध्यप्रदेश वरन देश में अपनी विशेष पहचान बनाने में कामयाब रहा है।