lampyris Noctiluca: हर चमकती चीज सोना नहीं होती और हर चमकता कीट जुगनू नहीं होता

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lampyris Noctiluca
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lampyris Noctiluca: हर चमकती चीज सोना नहीं होती और हर चमकता कीट जुगनू नहीं होता

हर चमकती चीज सोना नही होती लेकिन आकर्षक जरूर होती है, फिर चाहे वह सोना हो, हीरा हो, रहस्यमयी रौशनी, अग्नि, बिजली या फिर परावर्तित, विवर्तित प्रकाश ही क्यो न हो…
लेकिन यह आकर्षण उस समय और अधिक बढ़ जाता है, जब यह चमकीला प्रकाश किसी जीव से उत्पन्न होता है। प्रकाश को हम सामान्यतः ऊर्जा या शक्ति से जोड़कर देखते हैं। दिव्य पुरुषों तथा देवताओं के चित्रों में भी उनके तेज को एक चकमकते प्रकाश के आभामंडल के रूप में दिखाया जाता है। प्रकृति में कुछ जीव और भी हैं जो विशेष प्रकार की रौशनी उत्पन्न कर सकते हैं। जुगनू तो जैसे इसका प्रतीक बन गया है। आइये जानते हैं, जीवो से निकलने वाली ऐसी ही रौशनी के विषय मे-
एक समय था जब बारिस से लेकर ठंड के मौसम तक खेत खलिहानों की झाड़ियों में जुगनुओं के टिमटिमाते झुंड मंडराते नजर आते थे। वहीं गाँव के किसी पेड़ पर जुगनू को देखकर खूब ताली बजाते थे। कभी कभी शरारती मन जुगनुओं को इखट्टा करने में जुट जाता था, उन्हें एक बोतल में भरकर इधर उधर ढींगे हांकने निकल पड़ते थे। लेकिन देखिए वे जुगनू अब कभी कभार और वो भी गाँवो में ही दिखाई देते हैं। शहर के बहुत से बच्चे तो अब जुगनुओं को पहचानते भी न होंगे।
मैं स्वयं भी जुगनुओं के इस प्रकाश से बड़ा प्रभावित रहा हूँ। यहाँ 2 अलग अलग प्रकार के बिजली पैदा करने वाले कीटों की इमेज है एक तो जाना माना कीट जुगनू ही है जबकि दूसरा एक अन्य मादा कीट है, जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं। पढियेगा, अच्छा लगेगा।
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जुगनू का नाम तो आप सभी ने सुना होगा इसे फायर फ्लाई बीटल या लाइटनिंग बग या ग्लो बग के नाम से जाना जाता है। जुगनू कीटो की श्रेणी में आता है। इसका वैज्ञानिक नाम lampyris noctiluca है जो Lampyridae कुल का सदस्य है । अंग्रेजी में इसे Firefly कहते हैं। इसके शरीर से प्रकाश या रौशनी निकलती है जिसके कारन यह आश्चर्य का केंद्र है। इसकी 2000 से अधिक प्रजातियाँ पायी जाती है, जिनका आकार छोटी चीटी से लेकर बड़े चीटे जितना हो सकता है।मैंने  जो फ़ोटो लगाई है उसका आकार चीटे जितना ही है। वैसे तो जुगनू का प्रकाश थोड़ी थोड़ी देर में टिमटिमाता (आता जाता) है, किन्तु एक अन्य कीट ने मेरा ध्यान आकर्षित किया, यह जमीन पर लगातार प्रकाश दे रहा था, शायद कुछ देर पहले ही मर चुका होगा या कहीं टकराकर बेहोश हो चुका होगा। नर जुगनू आसमान में उड़ते देखे जा सकते हैं, जबकि मादा उड़ नहीं सकती वह पेड़ की पत्तियो पर या पेड़ के नीचे की पत्तेदार सतह पर ही रहकर अंडे देने का कार्य करती है। ये कीट पौधों की पत्तियों को भोजन की तरह खाते हैं।
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C94366 Female glow worm (Lampyris noctiluca) at night..
आज की पोस्ट में शामिल दूसरा कीट है Pleotomus firefly का मादा कीट। यह भी Lamoyridae कुल का ही सदस्य है। मादा इसी तरह बिना पंखों वाली होती है जबकि हर उड़ सकता है। नर कम चमकीला प्रकाश उत्पन्न करते हैं जबकि मादा अधिक तीव्र व चमकीला। ये सुखी पत्तियों के ढेर से तीव्र बारिस के बाद खुले मौसम में बाहर निकलते हैं तभी इन्हें देखा जा सकता है। यह लाइट नर को आकर्षित करता है। मेंटिंग/ मिलन के समय यह चमक तीव्र होती है जो अंडे देने के बाद धीरे धीरे कम होती जाती है। अंडे देने के बाद मादा कीट अपना जीवन त्याग देती है।
वास्तव में इन कीटों के शरीर में ल्युसिफेरिन नामक ज्वलनशील पदार्थ पाया जाता है, जो ऑक्सीजन के संपर्क में आने पर चमकने लगता है, किन्तु इससे ज़रा भी ऊष्मा नहीं निकलती अर्थात यह शीतल प्रकाश होता है। याने इससे जुगनू कीट के स्वयं का शरीर या अन्य जीव का शरीर जलेगा नही। परंतु क्या कोई प्रकाश भी शीतल हो सकता है…? यह वैज्ञानिकों के लिए भी रहस्य और शोध का विषय है। इनके शरीर के दोनों किनारो पर स्वासनलियो का जाल होता है, उनसे ल्युसिफेरिन निकलता है, और बहार आने पर ऑक्सीजन से संपर्क करते ही चमकने लगता है। इस चमक को और अधिक प्रभावशाली बनाते है, इसके शरीर के पिछले भाग में मौजूर विशेष प्रकार के ऊतक जो आईने के रिफ्लेक्टर जैसा कार्य करते हैं। मित्रो को पोस्ट पसन्द आये तो वीडियो भी अपलोड करूँगा। इन कीटो के विषय मे अन्य कोई जानकारी आपके पास हो तो बताइये, साथ ही यह जानकारी आपको कैसी लगी, बताइयेगा जरूर…
धन्यवाद🙏
डॉ. विकास शर्मा
वनस्पति शास्त्र विभाग
शासकीय महाविद्यालय चौरई
जिला छिन्दवाड़ा (म.प्र.)