Lawyers Strike Continues : वकीलों की हड़ताल जारी, आज भी कोर्ट नहीं जाएंगे!

52 जिलों में हड़ताल, स्टेट बार काउंसिल भी हड़ताल में शामिल!

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Lawyers Strike Continues : वकीलों की हड़ताल जारी, आज भी कोर्ट नहीं जाएंगे!

Bhopal : तीन महीने में 25 केस निपटाने के मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ के आदेश के खिलाफ प्रदेशभर के वकील 23 मार्च से हड़ताल पर हैं। 24 मार्च को हाईकोर्ट (जबलपुर) ने वकीलों से तत्काल काम पर लौटने को कहा था। अपने दस पेज के आदेश में हाईकोर्ट ने साफ कहा था कि यदि इसका पालन नहीं हुआ, तो इसे कोर्ट की अवमानना माना जाएगा। लेकिन, वकीलों की हड़ताल आज 5वें दिन भी जारी है।

सोमवार को स्टेट बार काउंसिल की सामान्य सभा की बैठक हुई। इसमें तय किया गया कि 29 मार्च तक प्रदेशभर के सभी वकील न्यायालयीन कार्य नहीं करेंगे। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस द्वारा कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट के नोटिस से वकीलों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। ऐसे में दोबारा 28-29 को प्रदेशभर में प्रतिवाद दिवस रहेगा। 29 मार्च को फिर से बैठक में आगे की रणनीति बनाई जाएगी।

देखिये वीडियो: क्या कह रहे हैं, बार काउंसिल के अध्यक्ष-

गुरुवार से हाईकोर्ट समेत सभी 52 जिलों के न्यायालयों में वकीलों की हड़ताल जारी है। इस हड़ताल में स्टेट बार एसोसिएशन भी शामिल है। वकीलों की मांग है कि पुराने 25-25 प्रकरणों की समयावधि 3-3 माह समाप्त की जाए। पुराने प्रकरणों की सुनवाई शुक्रवार, शनिवार को हो। बाकी प्रकरणों की सुनवाई नियमित रूप से की जाए। छोटे-छोटे प्रथम अपराधी की जमानत सेशन कोर्ट से निरस्त की जाती है। इस कारण हाईकोर्ट में केस पेंडिंग हो रहे हैं।

पक्षकार खुद ही कोर्ट में पेश

भले ही वकील हड़ताल पर हैं, लेकिन न्यायाधीश नियमित कोर्ट में बैठ रहे हैं और फैसले भी दे रहे हैं। पक्षकारों को बिना वकील कोर्ट में खुद पेश होना पड़ रहा है। इंदौर में भाई के लिए पैरवी करके जमानत दिलाई गई। मारपीट के एक मामले में जेल भेजे गए सुनील कुमार की और से जमानत दायर की गई। सुनील के भाई ने कोर्ट में हाजिर होकर कहा कि भाई का कोई पुराना आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। सामान्य विवाद हुआ था। कोर्ट शर्तों के साथ जमानत का लाभ दे। इस पर कोर्ट ने जमानत दे दी। ग्वालियर में एक पिता ने बेटे की पैरवी कर उसे जमानत दिलाई। जबलपुर में रेप पीड़िता खुद पेश हुई।

धार जिला कोर्ट में सागौर कुटी का तारंग द्विवेदी बिना वकील पेश हुआ। तारंग पर बगदून थाने में 2018 में छेड़खानी का केस दर्ज था। पेशी के दौरान तारंग ने कोर्ट में बताया कि मुझे गलत फंसाया गया। कंपनी ने बाद में महिला को हटा भी दिया था। मेरे समर्थन में दूसरी महिला कर्मचारी भी थीं। इससे पहले इसी केस में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की कोर्ट से बरी होने की बात भी मैंने कोर्ट में बताई। अगली तारीख में जो फैसला होगा, स्वीकार होगा।

कहां क्या है कोर्ट की स्थिति

भिंड में वादी-प्रतिवादी पक्षकार कम आए। सुनवाई नहीं हुई। जज भी खाली बैठे रहे। छिंदवाड़ा की कोर्ट में सन्नाटा रहा। जानकारी होने की वजह से कोई कोर्ट नहीं आया। नीमच में 350 से ज्यादा वकील हड़ताल पर हैं। हरदा, सतना, सीहोर में भी कामकाज ठप है। बुरहानपुर में कहा जा रहा है कि जो पक्षकार हाजिर नहीं हो रहे, उनके खिलाफ वारंट की तैयारी चल रही है। रीवा में रोजाना 35 पेशी सिविल केस, 70 पेशी क्रिमिनल केस प्रभावित हो रहे हैं। सागर कोर्ट में 36 न्यायालय हैं। रोजाना 100 से 150 मामलों में सुनवाई होती है, सब प्रभावित है। नर्मदापुरम डिस्ट्रिक्ट, सेशन, फैमिली समेत अन्य कोर्ट में हर दिन 1000 से 1200 ज्यादा केस प्रभावित हो रहे हैं। गुना में तीसरे दिन भी वकील हड़ताल पर रहे। दो दिन में कोर्ट में 57 केसों का निराकरण किया गया।