डकैती के दौरान हत्या करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास,जुर्माना भी लगाया

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सिंहस्थ-2004

डकैती के दौरान हत्या करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास,जुर्माना भी लगाया

Ratlam : न्यायालय तृतीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश लक्ष्मण कुमार वर्मा ने घर में डकैती करने के साथ ही हत्या करने वाले हत्यारे को उम्रकैद की सजा सुनाई।

प्रकरण के अतिरिक्त लोक अभियोजक संजीव सिंह चौहान ने बताया कि फरियादी रतन भूरिया निवासी ग्राम नाल ने थाना रावटी पर पंहुचकर बताया था कि वह नाल गांव में रहता हैं और 8 दिसंबर 1989 को रात में 12 से 1:00 बजे के बीच घर में सामान खड़कने की आवाज होने पर उसकी नींद खुली तो देखा की 10-12 लोग उसके मकान में घुसकर चोरी कर रहें हैं,आवाज सुनकर उसका लड़का रंगजी,बाल्या,प्रभु तथा प्रभु बल्या की औरत सीता बाई व कक्कुडी की नींद खुल गई थी तब घर के मुखिया रंगजी ने घर में घुसे हुए बदमाशों को ललकारा तो उनमें से एक आदमी ने घर के पास रखा एक बड़ा पत्थर उठाकर रंगजी के पैर में दें मारा था तथा उनसे हाथापाई होने के दौरान रंगजी को उठाकर मकान के बाहर ले गए और वहीं पर रंगजी को जमीन पर पटककर पेट पर एक बड़ा पत्थर उठाकर मार दिया था तथा कुछ बदमाशों ने सिर व शरीर पर भी चोट पहुंचाई थी।जिससे रंगजी की मौत हो गई थी और डकैत चांदी के आभूषण और रुपए चोरी कर भाग गए थे।

थाने पर रिपोर्ट दर्ज होने के पश्चात आरोपी के विरुद्ध धारा 460 भादवि का प्रकरण दर्ज हुआ था। पुलिस ने आरोपी रूपा उर्फ रूपला,दीपला, जबरिया,नाना उर्फ मान सिंह,गनिला,कोदर एवं नंदु को फरार घोषित करते हुए न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया था।

और अभियुक्त दीपला को 2019 में गिरफ्तार किया था।इसके पश्चात 11 नवंबर 2019 को न्यायालय में चालान दीपला के विरुद्ध प्रस्तुत किया था।
न्यायालय में कथन के दौरान गवाह सीता बाई तथा कक्कूड़ी ने आरोपी दीपला को पहचानते हुए उसके द्वारा ही घटना को अंजाम देना बताया था।

मामले में न्यायालय तृतीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश लक्ष्मण कुमार वर्मा ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुए आरोपी को धारा 395,396,458 भादवि में डकैती के दौरान मृतक की निर्मम हत्या करने का दोषी पाया था। जिसके तहत धारा 396 भादवि में आजीवन कारावास तथा ढाई हजार जुर्माना एवं धारा 458 में 10 वर्ष का कारावास तथा ढाई हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई थी। अभियोजन की और से पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक संजीव सिंह चौहान द्वारा की गई।