रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट
Ratlam MP: विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट श्री योगेन्द्र कुमार त्यागी ने दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त बालु उर्फ बालिया पिता गिरधारीलाल जाति गायरी उम्र 35 वर्ष नि. डॉगडी थाना मनासा जिला नीमच (म.प्र.) को अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3(2)(5) एक्ट में आजीवन कारावास एवं 1000/- रू अर्थदंड, लैंगिक अपराधों से बालकों का सरंक्षण अधिनियम, 2012 की धारा 6 में 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 1000रू अर्थदंड, धारा 366 भादवि में 7 वर्ष का कठोर कारावास एवं 500 रू अर्थदंड धारा 344 भादवि में 1 वर्ष का कठोर कारावास एवं 200 रू अर्थदंड से दंडित किया गया।
मामले में जानकारी देते हुए अभियोजन मिडिया सेल प्रभारी शिव मनावरे ने बताया कि 25.दिसम्बर.2015 को जिले के थाना रावटी पर 17 वर्षीय अवयस्क पीड़िता ने अपनी मां के साथ थाने पंहुच कर घटना के बारे में बताया कि पूर्व में उसने बालू गायरी के यहां ट्रेक्टर में रेती भरने की मजदूरी की थी।मजदूरी के 2000/- रूपए बालू गायरी से लेना बाकी थे।मजदूरी करने के बाद वह सब गांव में वापस आ गये थे।
तब आज से करीब तीन माह पूर्व बालू गायरी का पीड़िता के पास फोन आया और कहा कि तुम्हारे दो हजार रूपये जो मजदूरी के बाकी है,रावटी बस स्टेण्ड पर आकर मुझसे ले जाओ।तब पीड़िता मजदूरी के पैसे लेने रावटी बस स्टेंड गई जहां बालू मिला और उससे बोला कि मनासा चल वहां पर रूपए दे दुंगा और बहला फुसलाकर मुझे बस में बिठाकर मनासा ले गया।
मनासा में उसे एक किराये के कमरे में रखा और शादी करने का बोल कर उससे दुष्कर्म किया।उसने करीब तीन महीने तक किराये के कमरे में उसे रखा व शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करता रहा।जब भी बालू घर से बाहर जाता था तो उसे घर के अंदर बंद कर बाहर से ताला लगा जाता था। 24.दिसम्बर.2015 को पीड़िता की मां व पड़ोसी ढूंढ़ते हुए मनासा आए और पीड़िता को बरामद किया। पीड़िता ने अपने साथ हुई घटना उन्हें बताई व उन्हें साथ लेकर थाने पर रिपोर्ट करने पहुंची। पीड़िता द्वारा बताई गई घटना पर थाना रावटी पर अपराध क्रं. 285/2015 पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
विवेचना के दौरान पीड़िता के कथन लेखबद्ध कर मेडिकल करवाया गया तथा 30.दिसम्बर.2015 को अभियुक्त बालु उर्फ बालिया उर्फ बालचंद को गिरफ्तार कर उसका मेडिकल करवाया गया।
मामले में जांच पड़ताल के बाद अभियोग पत्र विशेष न्यायालय में दिनांक 27.जनवरी.2016 को आरोपी के विरूद्ध धारा 363, 366, 344, 376(2)(आई)(एन) भादवि, धारा 5/6 पॉक्सो एक्ट, धारा 3(2)5, 3(1)12 एससी एसटी एक्ट में प्रस्तुत किया गया।
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जहां विशेष न्यायालय द्वारा फैसला सुनाते हुए 08.दिसम्बर.2021 को अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य को प्रमाणित मानते हुए आरोपी को दोषसिद्ध किया गया।
प्रकरण की पैरवी श्रीमती गौतम परमार, विशेष लोक अभियोजक द्वारा की गई।