LIFE LOGISTIC:पुरानी पद्धति से उन्नत जीवन

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LIFE LOGISTIC:पुरानी पद्धति से उन्नत जीवन

जीवन शैली वह कला है जिससे आदमी स्वस्थ और मस्त रहता है। यदि आप कोई इतिहास पढ़ते हो या ऐतिहासिक फिल्म देखते हो तब आपको यह अच्छी तरह दिखेगा कि वे किस तरह उन्नत जीवन जीते थे। आप सिर्फ ठाट बाट देखते होंगे पर जब आप उनका दूसरा पक्ष देखेंगे तब आपको लगेगा कि वह कितने मेहनती थे। एक महान योद्धा बने हुए होते थे। योद्धा बनने के लिए कितनी एक्सरसाइज करते थे। महिलाएं भी युद्ध कला सिखती थी हालांकि उनका पहनावा सुंदरीकरण बहुत ठाट बाट का था पर सुरक्षा के लिए स्वयं एक योद्धा की ट्रेनिंग भी लेते थे।

आम से आम साधारण आदमी भी एक व्यवस्थित जीवन शैली से बंधा हुआ करता था। बाहर से जब भी आएंगे पैर पर पानी डालेंगे हाथ मुह धोएंगे वह इसलिए होता था कि आपका ब्लड सरकुलेशन नॉर्मल हो जाए। यह प्रथा भी तभी से चालू है कि जब भी कोई आते हैं तो सबसे पहले उन्हे जलपान कराते हैं ताकि जलपान लेते से उनमें कुछ ऊर्जा का संचार हो जाए। पहले के जमाने में व्यक्ति सबसे ज्यादा खुली जगह पर सोना पसंद करते थे ताकि ताजी हवा उन्हें शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ रखें। आज के जमाने में कई ऐसे भी हैं जिन्होंने कभी भी सूर्योदय और सूर्यास्त नहीं देखा होगा और यदि देखा भी होगा तो किसी पिकनिक स्पॉट पर जाकर देखा होगा।


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हर व्यक्ति ने अपनी एक जीवन शैली निर्धारित करना चाहिए और उसमें नियमित तौर पर सोना, खाना और रहना और भरपूर मेहनत करना, यह सब क्रमबद्ध और शामिल होना चाहिए।
आज का दौर बिना वजह तनाव का दौर है। व्यक्ति अखबार, टीवी, मोबाइल और आपस में अधिकतर बातचीत मे दुखी बातों पर ज्यादा ध्यान देते हैं, उस पर चर्चा ज्यादा होती है और इन सब बातों का असर व्यक्ति के स्वभाव पर आने लगा है।

लय बद्ध संगीत और खेल नियमित जिंदगी का हिस्सा था जिसे अब नई पीढ़ी मानसिक तौर पर पुराने पद्धति के तौर तरीके भूलती जा रही है।

अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्)