Life Logistics: क्या है हमारा इको सिस्टम
पृथ्वी पर प्रकृति के इकोसिस्टम मे पंचतत्व आकाश (Space) , वायु (Quark), अग्नि (Energy), जल (Force) तथा पृथ्वी (Matter) जिनसे सृष्टि की रचना हुई। साधारण भाषा में इको सिस्टम समझे पृथ्वी पर धूप पानी, मिट्टी, गैस आदी से मिलकर घास फुस पेड़ पौधे वृक्ष की उत्पत्ति हुई उन्हें खत्म करने के लिए गाय बैल बकरी हिरन आदि जानवर बने।
इनकी संख्या अधिक न बढ़ जाए इसलिए इन पर मांसाहारी जानवरों की रचना होती गई एक के ऊपर एक हरेक को खत्म करने के लिए जीवो की रचना बनती गई। इसी श्रंखला में मानव की भी उत्पत्ति हुई। वह उत्कृष्ट जीवन जी सके इसलिए उसमें बुद्धि विकसित की गई पृथ्वी पर मानव ही एकमात्र ऐसा जीव है जिसके पास बुद्धि होने से वह सशक्त एवं शक्तिशाली बना हुआ है। मानव जीवन में कई अजूबे भरे हुए हैं।
इंसान शाकाहारी या मांसाहारी होने से सब कुछ खा सकता है। हम कुछ भी खाएं परंतु हमारा मूलतः इस इको सिस्टम में एक ही कार्य है उस खाए हुए को मल के रूप में खाद स्वरूप वापस यही छोड़ना चूंकि पृथ्वी का स्बाभाव परिवर्तनशील है यहां कोई भी चीज अमर नहीं है हर वस्तु का एक नियमित समय तक अस्तित्व है या तो वह नष्ट होगी या किसी अन्य रूप में परिवर्तित हो जाएगी।
इंसान ही नहीं जितने भी चलित जीव हैं सब का यही कार्य है हरियाली और पेड़ पौधों को खाना और उसे पचाने के बाद मल के रूप में छोड़ना और वही मल खाद के रूप में पृथ्वी से मिलकर फिर नई उत्पत्ति में सहयोग करता है। जिसे हम बायोप्रोसेस कहते हैं। क्योंकि इंसान का एक जीवन समय निर्धारित किया हुआ है तब तक वह जिएगा। मानव शरीर को जीवित रखने के लिए भोजन, पानी और ऑक्सीजन अत्यावश्यक है।
प्रकृति मे भोजन के लिए तमाम तरह के खाद्धान, फल और फ्रूट उपलब्ध हैं, इंसान को अपने तजुर्बे और बुद्धि से यह ज्ञान रखना है कि किन चीजों को खाना है कि कौन सी चीज उसके लिए हानिकारक है और कौन सी है फायदेमंद। कैसा उसको पानी पीना है और कौन सा पानी वह नहीं पी सकता। कैसे वह ऑक्सीजन भरी सांस ले सकता है और कौन सी दूसरी गैसेस उसको नुकसान दायक है।
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कुल मिलाकर इंसान को स्वस्थ जीवन जीने के लिए जीवन पर्यंत कई बातों का ध्यान रखना होता है जिसका ज्ञान उसे होना आवश्यक है। बिना सोचे समझे जीने वाला अक्सर बीमार और तकलीफ मय जीवन जीता है। अतः लाइफ लॉजिस्टिक विषय अत्यावश्यक है।
अशोक मेहता
इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्)