Lokayukt Trap: लोकायुक्त ने CMHO ऑफिस के 3 कर्मचारियों को 30 हजार की घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा
संभागीय ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की रिपोर्ट
नर्मदापुरम। अव्यवस्थाओं के साए में आए दिनों विवादों में रहने वाले जिले के सीएमएचओ दफ्तर में एक बार फिर आज गुरुवार को लोकायुक्त टीम ने कार्रवाई की। लोकायुक्त की 20 सदस्यीय टीम ने दफ्तर के लेखापाल, क्लर्क और कम्प्यूटर ऑपरेटर को अपने ही विभाग व ऑफिस की महिला नर्सिंग आफिसर से 30 हज़ार की घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा। लोकायुक्त की कार्रवाई से दफ्तर में हड़कंप मच गया। दफ्तर के कर्मचारी इधर-उधर चले गए। लेखापाल महेश मेवारी, क्लर्क गजेंद्र वर्मा और कम्प्यूटर ऑपरेटर संतोष नगाईच को टीम ने तत्काल हिरासत में ले लिया।
लोकायुक्त डीएसपी वीके सिंह के नेतृत्व में दो टीआई समेत 20 सदस्यीय टीम ने रिश्वत लेते तीनों को पकड़ा है। दफ्तर की जिला पब्लिक हेल्थ नर्सिंग ऑफिसर निर्मला दंडवाल से लेखापाल महेश मेवारी हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी सातवें वेतनमान समयमान के एरियर्स के भुगतान की राशि करीब 7.5 लाख रुपए के लिए 50 हजार की रिश्वत मांग रहे थे। करीब 4 महीने से महिला अधिकारी परेशान थी।
सीएमएचओ में बैठे दफ्तर के दलाल के रूप में कर्मचारी काम कराने के एवज में बार-बार घूस की मांग कर रहे थे। परेशान होकर महिला अधिकारी ने लोकायुक्त को शिकायत की। जिसके बाद गुरुवार को प्लानिंग कर लोकायुक्त टीम सीएमएचओ दफ्तर पहुंची। शिकायत कर्ता महिला अधिकारी निर्मला,लेखापाल के रूम में पहुंची व पूछा कि पेमेंट किसे देना है, तो लेखापाल महेश मेवारी ने कंप्यूटर ऑपरेटर संतोष नागईज को रूपए दिलवाए। संतोष नागईज ने क्लर्क गजेंद्र वर्मा को घूस के रुपय देते ही उस रूम में लोकायुक्त टीम पहुंच गई। टीम ने उनको रंगे हाथों पकड़ लिया।
ज्ञात रहे कि निर्मला थंडवाल जिला पब्लिक हेल्थ नर्सिंग अधिकारी के पद पर सीएमएचओ दफ्तर में ही पदस्थ है। जिला पब्लिक हेल्थ ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं और उनकी अगले माह सेवानिवृत्ति है। निर्मला थंडवाल ने बताया कि 2007 से उसे समयमान, वेतनमान का लाभ नहीं मिला है। वर्ष 2019 में उनके द्वारा समयमान के एरियर्स का भुगतान नहीं मिलने के कारण हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उसके बाद कोर्ट के आदेश के बाद शासन स्तर से इन्हें द्वितीय समयमान के साढ़े सात लाख रुपए से अधिक का भुगतान होना है। जिसके एवज में नर्मदापुरम सीएमएचओ कार्यालय के कुछ दलाल कर्मचारियों द्वारा रुपए लेकर काम कराने का कहा जा रहा था । लेखापाल ने 50 हजार की रिश्वत राशि मांगी थी। लेखापाल महेश मेवारी, बाबू गजेंद्र वर्मा व कम्प्यूटर ऑपरेटर संतोष चौरसिया बार-बार रुपए मांग रहे थे।
आखिर में महिला अधिकारी ने उनको लोकायुक्त द्वारा पकड़ाने का ठाना। उसने पहले लोकायुक्त का शिकायत की। फिर प्लानिंग कर लेखापाल से डील करी कि 30 हजार अभी देंगे, बाकी काम होने के बाद 20 हजार की शेष राशि देंगे। इसी प्लानिंग के बाद गुरुवार को महिला अधिकारी दफ्तर में लेखापाल के कक्ष में पहुंची। ज्ञात रहे कि पिछले साल भी घूस लेते सीएमएचओ और जिला लेखापाल रंगे हाथों पकड़ाए थे। लोकायुक्त ने एक साल पहले भी सीएमएचओ दफ्तर में कार्रवाई की थी। तब तत्कालीन सीएमएचओ डॉक्टर प्रदीप मोजेश को 2 हजार और जिला लेखापाल प्रबंधक (डीएएम) भावना चौहान को 5 हजार रुपय की रिश्वत लेते पकड़ा था। मामले के बाद डिस्ट्रिक्ट अकॉउंटेंट मैनेजर (डीएएम) भावना चौहान को हटा दिया गया । वहीं सीएमएचओ मोजेश का तबादला बुरहानपुर में सिविल सर्जन पद पर हुआ था।