छिंदवाड़ा में नाथ पर बरसे कमल योद्धा…
25 मार्च 2023 का दिन छिंदवाड़ा के राजनैतिक परिदृश्य में हमेशा चर्चा में रहेगा। छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र में विजय पताका फहराने के लिए कमल दल के योद्धाओं ने आज यहां गर्जना की। खुली चुनौती भी दी कि 2023 और 2024 के परिणामों में यह साबित हो जाएगा कि छिंदवाड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गरीब कल्याण योजनाओं का गढ़ है। नाथ को झूठनाथ और कपटनाथ जैसे संबोधनों से नवाजकर छिंदवाड़ा की जनता को सीधा संदेश दिया कि अब यहां कमल खिलाने तक भाजपा चैन की सांस नहीं लेगी। भाजपा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद सबसे ताकतवर चेहरा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा जैसे योद्धा दिल खोलकर कमलनाथ पर बरसे। और पिछले लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में कांग्रेस के खाते में दर्ज इकलौती लोकसभा सीट छिंदवाड़ा पर फतह करने का ऐलान कर दिया। अब यह बात तय है कि छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर दिग्गजों की आवाजाही लगातार बनी रहेगी। तो भाजपा ने सरकार बनाने के बाद छिंदवाड़ा जिले का प्रभारी मंत्री युवा तुर्क कमल पटेल को बनाया था, जो लगातार नाथ को घेरने का काम करते रहे हैं।
एक नजर डालते हैं कि छिंदवाड़ा में भाजपा के योद्धाओं ने किस तरह तीर चलाकर नाथ को छलनी करने की कोशिश की। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कमलनाथ से उनके कामों का हिसाब मांग लिया। तो भरोसा दिलाया कि देश को सुरक्षित और समृद्ध बनाने के साथ-साथ गरीब कल्याण के काम सिर्फ भाजपा कर सकती है। इसलिए आप सभी इस साल होने वाले चुनाव में जिले की सातों विधानसभा सीटों, 2024 में लोकसभा सीट पर भाजपा को जिताने और एक बार फिर मोदी जी की सरकार बनाने का संकल्प लें। 2014 में भाजपा की सरकार बनते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह स्पष्ट कर दिया था कि हमारी सरकार गरीबों, पिछड़ों, आदिवासियों और दलितों की सरकार है।
तो शिवराज ने वार किया कि कमलनाथ नहीं, झूठनाथ हैं, रोज झूठी घोषणाएं करते हैं। सभी योजना बंद कर दी थी, ये कमलनाथ नहीं कपटनाथ हैं।अमित भाई ने छिंदवाड़ा में कदम भी नहीं रखा और कांग्रेस वाले घबरा गए। उन्होंने वीडियो जारी कर एक सवाल पूछा है कि 5,600 करोड़ रुपये की सिंचाई कॉम्प्लेक्स परियोजना का काम क्यों रोक दिया? सुन लो कमलनाथ, हमने इसलिए रोका है कि तुमने बिना डिजाइन के अनुमोदन के ठेकेदारों को 2,150 करोड़ रुपये का भुगतान करने का पाप किया है। हम जाँच कर रहे हैं, अधिकारी सस्पेंड हुए हैं। विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि छिंदवाड़ा किसी व्यक्ति का गढ़ नहीं है बल्कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की जनकल्याणकारी योजनाओं के हितग्राहियों का गढ़ है। यहां 12 लाख आयुष्मान कार्डधारी मौजूद है। आज हम सभी श्री अमित शाह के नेतृत्व में संकल्प लें कि छिंदवाड़ा की सातों विधानसभा सीटें और लोकसभा सीट जीतकर भाजपा परचम फहरायेंगे और इतिहास बनायेंगे। कमलनाथ ने हिसाब मांगने की बात पर यह पलटवार भी किया कि शाह को मोदी और शिवराज से हिसाब लेना चाहिए कि उन्होंने क्या किया है?
शाह ने कहा कि कांग्रेस ने सिर्फ गरीबी हटाओ का नारा दिया, गरीबी हटाने के लिए कुछ नहीं किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार अपनी योजनाओं के जरिये देश के 80 करोड़ लोगों के जीवन में परिवर्तन ला रही है। मोदी सरकार ने 60 करोड़ जनधन खाते खोले हैं, जिनमें विभिन्न योजनाओं की राशि सीधे तौर पर भेजी जा रही है। 13 करोड़ परिवारों को गैस सिलेंडर दिये हैं। 10 करोड़ घरों में शौचालय बनवाए हैं, 3 करोड़ गरीब परिवारों को पक्के घर दिये हैं। 60 करोड़ लोगों के पांच लाख रुपये तक के इलाज का खर्च मोदी सरकार उठा रही है। मोदी सरकार करोड़ों गरीबों को पांच किलो अनाज मुफ्त दे रही है और कोरोना संकट के दौरान 130 करोड़ लोगों को मुफ्त टीके लगवाए हैं। शाह ने कहा कि कमलनाथ जी को प्रदेश की जनता ने मौका दिया था, उन्हें छिंदवाड़ा की जनता को यह बताना चाहिए कि इस दौरान उन्होंने क्या किया? उन्होंने सिर्फ प्रदेश के संसाधनों की लूट-खसोट और भ्रष्टाचार किया। कन्हान कांपलेक्स बांध में सैकड़ों करोड़ का एडवांस पेमेंट जिन लोगों को किया गया, उसमें कमलनाथ के करीबी शामिल हैं। अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में उनके करीबियों के नाम हैं। कमलनाथ ने बेरोजगारी भत्ता देने और वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने की बात कही थी, लेकिन कोई भी वादा पूरा नहीं किया। छिंदवाड़ा में सहकारी शक्कर कारखाना नहीं खुला। हर्राडोल कोयला खदान और माचिस का कारखाना शुरू नहीं हुआ। चौसरा थर्मल पॉवर प्लांट नहीं लगा। बांधों की परियोजना पूरी नहीं की। शाह ने कहा कि कांग्रेस और कमलनाथ सिर्फ वादे करते हैं, उन्हें पूरा नहीं करते। कमलनाथ सरकार ने भाजपा की शिवराज सरकार द्वारा शुरू की गई संबल और तीर्थदर्शन जैसी गरीब कल्याण की योजनाओं को बंद करने का काम किया।
यानि संदेश साफ है कि नाथ परिवार को छिंदवाड़ा में पराजित कर कमल खिलाने में भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ेगी। तब तक चैन की सांस नहीं लेगी, जब तक मिशन छिंदवाड़ा सफल नहीं होता या फिर 2023 और 2024 के परिणाम तस्वीर को साफ नहीं कर देते।