MP के उद्योगपति की पत्नी के पास है चांद पर 10 एकड़ जमीन,चंद्रयान- 3 की लैंडिंग से आई याद, जागी नई उम्मीदें
इटारसी से संभागीय ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की खास रपट
इटारसी/ बैतूल। चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान बैतूल जिले के एक NRI उद्योगपति को याद आया कि उनकी पत्नी भी चांद पर 10 एकड़ जमीन की मालकिन है। तीन साल पहले उन्होंने अमेरिका में एक लॉटरी में चांद पर जमीन जीत ली थी, जिसे करवा चौथ पर उन्होंने पत्नी को गिफ्ट किया था। बैतूल में श्री रुक्मणि बालाजी धाम बनाने वाले NRI शिवनारायण उर्फ सैम वर्मा (85) की पत्नी जयदेवी वर्मा (76) के पास लूनर रिपब्लिक की नागरिकता है। सैम वर्मा ने 2020 में अमेरिका की एक कंपनी को लॉटरी के 10 हजार डॉलर (तीन साल पहले कीमत 7 लाख रुपए) दिए थे। न्यूयॉर्क की इंटरनेशनल लूनर लैंड रजिस्ट्री कंपनी ने रजिस्टर्ड क्लेम एंड डीड तैयार कर सर्टिफिकेट भी जारी किया था।
सैम वर्मा ने बताया कि अगर चांद पर जाने का मौका बनता है तो वे अपनी इस नायाब जमीन के टुकड़े को जरूर देखना चाहेंगे।
11 नवंबर 2020 को सैम वर्मा ने चांद पर 10 एकड़ जमीन का सौदा किया तो उनकी पत्नी को मिले सर्टिफिकेट में जमीन की स्थिति का भी उल्लेख है। जमीन चांद पर 255 नॉर्थ लेटिट्यूड 38.0 अंश, ईस्ट लॉन्गीट्यूड, ट्रेक्ट 2, पार्सेल्स 2947 से 2956 लौरस माउंटेन के पास है। इसका रकबा 10 एकड़ है। कंपनी ने जमीन का नक्शा भी सौंपा है, जिसमें प्लॉट को लकीरों से दर्शाया गया है। कंपनी ने इसका एक एग्रीमेंट भी साइन किया है।
सैम वर्मा ने बताया कि तीन साल पहले जब मैं अमेरिका में था, टीवी पर एक विज्ञापन आया कि लूनर सोसाइटी, चांद पर लॉटरी सिस्टम के जरिए जमीन बेच रही है। उसी समय विचार आया कि क्यों न पत्नी को करवा चौथ पर चांद की जमीन का एक टुकड़ा ही भेंट कर दूं। मन में यही भाव था कि चंद्रमा के प्रति हमारी जो मानवीय उत्सुकता है, उसे मोटिवेट करूं। तब मैंने तुरंत लॉटरी में अपना नंबर लगाकर कंपनी को रुपए भेज दिए । वैज्ञानिक इन रुपयों से चांद पर रिसर्च करते हैं। मेरे लिए यही बड़ी बात थी। सैम वर्मा कहते हैं कि लैंडर विक्रम को सबसे कठिन परिस्थितियों में उतारकर भारतीय वैज्ञानिकों ने साबित कर दिया कि वे दुनिया में सबसे जीनियस हैं। उन्हें अब तक मौका नहीं मिला था, लेकिन उन्होंने ये कर दिखाया है।
सैम वर्मा की पत्नी जयदेवी बताती हैं कि जब पति ने उन्हें चांद का टुकड़ा तोहफे में दिया तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। अब चंद्रयान-3 वहां पहुंच गया है तो एक उम्मीद बंधी है कि आम इंसान भी बहुत जल्द सामान्य तौर पर चांद पर जाएंगे। चांद पर जमीन खरीदने का जिक्र अब तक किसी से नहीं किया था। बुधवार को चंद्रयान की सफलता पर याद आया कि उनके पास तो चांद का एक टुकड़ा भी है।
वैसे सर्वज्ञात है कि धरती पर मौजूद किसी भी देश का अंतरिक्ष पर कोई अधिकार नहीं है। इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष कानून भी बना हुआ है। इस कानून की पांच संधियों और समझौतों में ‘किसी एक देश के जरिए बाहरी अंतरिक्ष का गैर-विनियोग, हथियार नियंत्रण, अन्वेषण की स्वतंत्रता, अंतरिक्ष वस्तुओं से होने वाली क्षति के लिए दायित्व, अंतरिक्ष यान और अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा और बचाव शामिल है।
जानकारी के अनुसार ‘लूनर सोसाइटी ऑफ इंटरनेशनल’ और ‘ इंटरनेशनल लूनर लैंड्स रजिस्ट्री’ वह कंपनी है जो चांद पर जमीन बेचने का दावा करती है। दुनिया भर के कई लोग इस कंपनी के जरिए चांद पर जमीन खरीद चुके हैं। वेबसाइट Lunarregistry.com के मुताबिक चांद पर एक एकड़ जमीन की कीमत 37.50 डॉलर यानी करीब 3,080 रुपए है। स्पेस लॉ पर किताबें लिखने वाले लेखक डॉ. जिल स्टुअर्ट की एक किताब में लिखा है कि लोग चांद पर जमीन खरीदने और गिफ्ट करने को अब एक फैशन ट्रेंड बना चुके हैं। यह काम कई हजार करोड़ों रुपयों का बिजनेस बन चुका है। करीब 3 हजार रुपए प्रति एकड़ की कीमत होने के चलते लोग इस पर सोच-विचार भी नहीं करते। *चांद पर यहां है सैम वर्मा की पत्नी की जमीन*
11 नवंबर 2020 को सैम वर्मा ने चांद पर 10 एकड़ जमीन का सौदा किया। उनकी पत्नी को मिले सर्टिफिकेट में जमीन की स्थिति का भी उल्लेख किया गया है। जमीन चांद पर 255 नॉर्थ लेटिट्यूड 38.0 अंश, ईस्ट लॉन्गीट्यूड, ट्रेक्ट 2, पार्सेल्स 2947 से 2956 लौरस माउंटेन के पास है। इसका रकबा 10 एकड़ है। कंपनी ने जमीन का नक्शा भी सौंपा है, जिसमें प्लॉट को लकीरों से दर्शाया गया है। कंपनी ने इसका एक एग्रीमेंट भी साइन किया है।