इंदौर से प्रदीप जोशी की रिपोर्ट
इंदौर। किसी भी राज्य की ऐतिहासिक विरासते, कला और संस्कृति के प्रचार प्रसार का विस्तार वहां के मूल निवासियों के सहयोग से ही संभव होता है। क्योंकि लोगों में अपनी मातृभूमि और विरासत को सहेजने का एक जज्बा होता है। मध्यप्रदेश के इतिहास में कला, संस्कृति, शौर्य और पौराणिक रंगो का भरपूर समावेश है। इन्हीं रंगों को मनोरंजन के अलग अलग माध्यमों से देश दुनियां तक पहुंचाने की कोशिश हम कर रहे है। यह बात बॉलीवुड के सुप्रसिध्द कहानीकार दिलीप शुक्ला ने कही।
अंदाज अपना अपना, घायल, दामिनी, जय हो, दंबग और दबंग की सभी सिक्वल फिल्मों में अपनी कलम का जादू दिखाने वाले श्री शुक्ला अब मालवा क्षेत्र को अपनी कर्म स्थली बना रहे है। इंदौर प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने दो फिल्मों की घोषणा भी की।
श्री शुक्ला ने बताया कि मालवा इंटरटेनमेंट के बैनर तले बनने वाली दोनों फिल्म में ज्यादातर कलाकार स्थानीय होंगे।
स्थानीय कला और कला को उभारने की कोशिश –
बड़े बैनर की कई फिल्मों में अपनी लेखन क्षमता का लोहा मनवा चुके दिलीप शुक्ला ने बताया कि मालवा एंटरटेनमेंट और मीरा प्रोडक्शन के बैनर तले आने वाले समय में दो फिल्मों का निर्माण किया जा रहा है। ‘हथेली पर चांद’ और ‘मालवा 90’ नामक इन फिल्मों में इंदौर व मप्र के कलाकारों को प्रमुख सहायक भूमिकाएं निभाने का मौका दिया जाएगा। इस फिल्म में मालवी भाषा का जुड़ाव रहेगा वहीं एक मालवी गीत भी इसमें शामिल किया जाएगा। प्रयास ये किया जाएगा कि दोनों फिल्मों में स्थानीय कलाकारों की भागीदारी अधिकतम हो।
उन्होंने बताया कि हथेली पर चांद विशुध्द पारिवारिक फिल्म होगी वहीं मालवा 90 फिल्म मनोरंजक होगी। इसके अलावा 10 लघु फिल्मों का निर्माण भी वे करने जा रहे हैं। ये फिल्में मप्र के साहित्यकार व लेखकों की कृतियों पर आधारित प्रेरणादायी फिल्में होंगी। इन्हें वेब सीरीज की तर्ज पर रिलीज किया जाएगा।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा –
श्री शुक्ला ने कहा कि इन फिल्मों की शूटिंग भी मालवा और मप्र के दर्शनीय स्थलों पर की जाएगी। इसके पीछे उद्देश्य मध्यप्रदेश खास कर मालवा क्षेत्र के पर्यटन स्थलों की खूबसुरती से लोगों को रूबरू करवाना है। फिल्मों के जरिए निश्चित रूप से रोजगार को बढ़ेगा मिलेगा, साथ ही पर्यटन के क्षेत्र में भी स्थानीय लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।
बड़े पर्दे का वजूद बना रहेगा –
कोरोना कॉल के बाद टॉकीजों में दर्शकों की घटती संख्या और ओटीटी जैसे माध्यमों के बढ़ते चलन के चलते फिल्मों के भविष्य को लेकर किए गए सवाल पर श्री शुक्ला का कहना था कि जल्दी ही थिएटर्स में दर्शकों की वापसी होगी क्योंकि बड़े पर्दे की कार्यसंस्कृति, कंटेंट व आकर्षण अलग होते हैं। इसलिए नित नए माध्यम आने के बावजूद बड़े पर्दे का वजूद बना रहेगा।
दर्शक नकारने लगेंगे तब बनेगी अच्छी फिल्मे –
श्री शुक्ला ने माना की कहानी कमजोर होने के कारण बेहतर फिल्मों का निर्माण नहीं हो पा रहा है। घायल, दामिनी अथवा अंदाज अपना अपना जैसी शुध्द मनोरंजक फिल्म आज भी लोगों के जैहन में है। ग्रामीण पृष्ठभूमि वाली लोक संस्कृति के रंग में ढली पारिवारिक फिल्मे आज भी लोग देखना चाहते है मगर ऐसी फिल्मों को बनाने का रिस्क निर्माता उठाना नहीं चाहते। बैकार फिल्मे चाहे कितने भी बडे बजट की हो दर्शक नकारने लगेंगे तो फिर पुराना दौर लौट आएंगा। श्री शुक्ला ने कहा कि इसकी शुरूआत धीरे धीरे होने लगी है।
इंदौर में होगा ख्यात फिल्मी हस्तियां का जमावड़ा –
मालवा एंटरटेनमेंट और मीरा फिल्म्स प्रोडक्शन के बैनर तले इंदौर में कला व्योम फेस्टीवल का आयोजन अगले वर्ष 16- 20 फरवरी 2022 तक किया जा रहा है। इसमें कला, फिल्म और साहित्य जगत की कई ख्यातनाम हस्तियां शिरकत करेंगी। फेस्टीवल के तहत तीन दिनी प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जाएगा। मध्य प्रदेश शासन के संस्कृति विभाग के सहयोग से आयोजित होने वाले कलाव्योम में सिनेमा, रंगमंच, लोककला और साहित्य के रंग होंगे। इन रंगों में विशेष लोकप्रिय कलाकारों के साथ-साथ राज्य की उभरती हुई प्रतिभाओं की भी सहभागिता होगी। प्रेस क्लब में कलाव्योम फेस्टीवल से जुड़े पोस्टर का विमोचन भी किया गया। इस मौके पर लेखिका डॉ ममता चंद्रशेखर, प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष प्रदीप जोशी, मालवा एंटरटेनमेंट के संचालक अशोक श्रीमाल और मीरा फिल्म्स प्रोडक्शन के संचालक अभिषेक गुप्ता भी इस दौरान मौजूद थे।