मंदसौर विधायक ने अनुकम्पा नियुक्ति समेत पदोन्नति मामलों को उठाया

प्रदेश परामर्श दात्री समिति की बैठक हुई

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मंदसौर विधायक ने अनुकम्पा नियुक्ति समेत पदोन्नति मामलों को उठाया

वरिष्ठ पत्रकार डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट

मंदसौर। प्रदेश के स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री श्री इंदरसिंह परमार की अध्यक्षता में मध्यप्रदेश विधानसभा भवन भोपाल के कक्ष क्रमांक 7 में प्रदेश परामर्शदात्री समिति की बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें मंदसौर के वरिष्ठ विधायक श्री यशपालसिंह सिसोदिया ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए और अनुकम्पा नियुक्तियों में हो रहे विलंब का मुद्दा उठाया।

उन्होने कहा कि अनुकम्पा नियुक्तियों का निराकरण शीघ्रता से होना चाहिए, अभी अलग-अलग विभाग अपने -अपने हिसाब से अनुकम्पा नियुक्तियों की लकीरे खीचता है, जबकि जरूरतमदों को समय पर नियुक्ति मिलनी चाहिए। साथ ही कोरोना काल के समय दिवंगत हुए अधिकारियों-कर्मचारियों के प्रति अतिसंवेदनशीलता के साथ यदि कोई छूट रहा है, तो उस पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।

श्री सिसौदिया ने कहा कि वरिष्ठ पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया हाईकोर्ट के कारण लंबित है, उन्होने पूछा कि अनारक्षित पदों पर भी रोक है, इस संबंध में मंत्री परिषद की समिति गठित की गई थी, उसकी अद्यतन स्थिति क्या है? श्री सिसोदिया ने यह भी पूछा कि किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को सेवावृद्धि मिलने के बाद भी पदोन्नति मिलती है, इसके नियम क्या है?*

वरिष्ठ विधायक श्री सिसौदिया ने गुमनामी शिकायतों से होने वाली परेशानियों का मुद्दा भी उठाया और कहा कि कई लोगों ने इसे धंधा बना लिया है। अकारण और कई बार परेशान करने की नियत से गुमनामी शिकायतों में आने वाले तथ्यों की तो जांच होनी चाहिए, लेकिन व्यर्थ में परेशान नही किया जाना चाहिए। इन गुमनाम शिकायतों के कारण कई बार अधिकारी-कर्मचारी डीप्रेशन में आ जाते है। केन्द्र और राज्य सरकार के भी इस संबंध में स्पष्ट निर्देश है कि गुमनाम शिकायत करने वाले मामलों में तथ्यों की जांच की जाए, व्यर्थ में परेशान नही किया जाए ।

श्री सिसोदिया ने प्रदेश के कलेक्टर द्वारा प्रति सप्ताह आयोजित की जाने वाली टीएल की बैठकों में कम से कम माह में एक बार विधायकों के साथ टीएल बैठक में उपस्थिति किए जाने का भी सुझाव दिया ताकि बहुत कुछ समस्याओं का समाधान प्रतिमाह विधायकों के साथ कलेक्टर की अध्यक्षता में होने वाली समस्त अधिकारियों के साथ होने वाली टीएल की बैठक में आसानी से निर्णय हो सके।

श्री सिसौदिया ने वीआईपी गतिविधियों एवं कानून व्यवस्था की स्थिति के दौरान एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार के लगे रहने पर भी सवाल उठाएं और कहा कि अधिकारी लगातार इन गतिविधियों में लगे रहते है इस कारण दफ्तर खाली रहते है और आम जनता अपने छोटे-छोटे कामों के लिए परेशान होती है इसलिए आवश्यक है कि वीआईपी गतिविधियों एवं कानून व्यवस्था के लिए अलग से अमले की तैनाती की जाए ।

आपने नायब तहसीलदार, तहसीलदार के पदोन्नति मामलें को भी मीटिंग में रखा और कहा कि जल्द ही इस संबंध में भी निर्णय किया जाना चाहिए क्योंकि नीचे तक कई पद रिक्त है।

*बैठक में वरिष्ठ विधायक श्री यशपालसिंह सिसौदिया के अतिरिक्त श्री रमेशचन्द्र शर्मा, श्री राकेश मरावी, श्री घनश्याम सिंह, सामान्य प्रशासन विभाग (कार्मिक) प्रमुख सचिव दीप्ति गौड़ मुखर्जी, उपसचिव राज्य निर्वाचन आयोग नवीत कुमार धुर्वे, सचिव सामान्य प्रशासन विभाग डॉ. श्रीनिवास शर्मा, उपसचिव गिरिश शर्मा एवं माधवी नागेन्द्र उपस्थित थे।*