Mandsaur News – अ.भा. साहित्य परिषद ने किया सुहानी शाम का रंगारंग आयोजन

बैसाखी पर नगर के गीत, संगीत एवं साहित्य प्रेमियों ने सहभागिता की

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Mandsaur News – अ.भा. साहित्य परिषद ने किया सुहानी शाम का रंगारंग आयोजन

मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट

मन्दसौर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद जिला इकाई मंदसौर ने साहित्य परिषद के बैनर तले ने सुहानी शाम का आयोजन बैसाखी अवसर पर किया । इस मौके पर जिला इकाई अध्यक्ष एवं कवि साहित्यकार श्री नरेन्द्र भावसार का जन्मोत्सव भी मनाया गया ।

शनिवार की शाम हुए आयोजन में नगर के गीतकार, संगीतकार, सिने और टीवी कलाकार एवं साहित्य प्रेमियों ने शिरकत की ।

सर्वश्री डॉ. घनश्याम बटवाल, डॉ. उर्मिला तोमर, मुन्ना बेटरी, श्रीमती ललिता अभय मेहता, रमेश गंगवानी, संजय भारती, नंदकिशोर राठौर, नरेन्द्र त्रिवेदी, राजेन्द्र तिवारी, गोपाल बैरागी, श्रीमती यशिता हरिश दवे, श्रीमती चंदा अजय डांगी, नरेन्द्रसिंह राणावत, सतीश सोनी, चेतन व्यास, विजय अग्निहोत्री, सुरेन्द्र शर्मा (पहलवान), हस्ती सांखला, आरूणी शर्मा, उदिता मेहता, विभा राठौर, प्रीति कुमावत, बालकवि ध्रुव जैन, सुनीता शर्मा, डॉ. नील त्यागी ने अपनी प्रस्तुतियों के साथ रचना पाठ किया।

श्री भावसार को बधाई के साथ बैसाखी पर्व के उत्सवी वातावरण की परस्पर शुभकामनाएं दी ।

 

इस अवसर पर आरंभ में सरस्वती वंदना श्रीमती हेमा भावसार ने प्रस्तुति के साथ गीत ‘‘अब तो तुमसे हर खुशी अपनी’’ सुनाया।

टी वी फेम हास्य कवि मुन्ना बैटरी (अजय सोनी) ने जन्मदिन के साथ जीवन साथी की तलाश कर लेने पर सहज हास्य ‘‘इस उम्र में हम सफर के लिये हिम्मत की दाद देकरदी बधाई’’ सुनाया। रमेश गंगवानी ने ‘‘जब आपके घर खुदाई है, दिलों में ख्यालों में सनम हो’’ सुनाई। सुनीता शर्मा ने ‘‘हवाओं ने बिखेरी खुशबू, जब तेरी आरजू से हुई गुफ्तगू’’, उदिता मेहता ने ‘‘कोई गुलदस्ता फूल ना उपहार लाई, जन्मदिन पर शब्दों का हार लाई’’ को सुनाया।

हस्ती सांखला ने हास्य कविता ‘‘ एक कवि की रचना दूसरा कवि पढ़ गया, दूसरा कविता बोला ये रीत कैसी, पहला बोला जैसी लिखी पढ़ दी वैसी की वैसी’’।

 

वहीं इस साहित्यिक आयोजन में जनपरिषद संयोजक डॉ घनश्याम बटवाल ने ‘‘खुशी से निराशा खत्म होती है , उदासी भी खुशी के आंसू रोती’है’ ,सूरज की पहली किरण के साथ रात के अंधेरे की विदाई होती है , गज़ल प्रस्तुत की । अजय डांगी ने अपनी रचना “अब कोई फरक नहीं पड़ता, किनारे सड़कों के कोई दरख़्त नहीं दिखता।’’ सुरेन्द्र शर्मा पहलवान ने ‘‘एक एक मोती जोड़ माला बनाई, साहित्य की बात हर दिल तक पहुंचाई’’ प्रस्तुत की ।

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इस अवसर पर कवि नरेन्द्रसिंह राणावत, राजेन्द्र तिवारी, विजय अग्निहोत्री आरूणि शर्मा, ललित बटवाल ने भी काव्य रचनाएं प्रस्तुत की। सतीश सोनी, राजू अग्रवाल, यशिता दवे, चेतन व्यास, डॉ. नील त्यागी, नरेन्द्र त्रिवेदी ने सुरीले गीत सुनाये।

कार्यक्रम का संचालन नंदकिशोर राठौर ने किया व आभार सिने आर्टिस्ट संजय भारती ने माना।