Mandsaur News : भाजपा और कांग्रेस का दावा अधिक मतदान उनके पक्ष में, चुनाव परिणाम तो 3 को आएंगे, एक निर्दलीय को जीत का भरोसा

Mandsaur News : भाजपा और कांग्रेस का दावा अधिक मतदान उनके पक्ष में, चुनाव परिणाम तो 3 को आएंगे, एक निर्दलीय को जीत का भरोसा

मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट

मंदसौर। साढ़े दस लाख में से साढ़े आठ लाख से अधिक मतदाताओं ने अपना निर्णय ईवीएम मशीन में 17 नवम्बर को दे दिया है। अब मतगणना से परिणाम 3 दिसंबर को आएंगे पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पुरी तरह आश्वस्त हैं कि उनके उम्मीदवार विजय प्राप्त कर रहे हैं।

जबकि जिले की एकमात्र सुरक्षित सीट मल्हारगढ़ में कांग्रेस निष्कासित, निर्दलीय चुनाव लड़े श्यामलाल जोकचंद्र को भरोसा है कि जीत उनकी होगी।

महत्वपूर्ण है कि मालवा अंचल की जीत प्रदेश सरकार बनाने में बड़ा घटक रहा है। प्रदेश को तीन मुख्यमंत्री देने वाले मंदसौर संसदीय क्षेत्र से जिले में इस बार दो वर्तमान सरकार के मंत्री श्री जगदीश देवड़ा एवं श्री हरदीपसिंह डंग भाजपा से तो पूर्व मंत्री श्री सुभाष सोजतिया कांग्रेस से चुनाव लड़े।

इस प्रतिनिधि ने भाजपा जिलाध्यक्ष श्री नानालाल अटोलिया एवं कांग्रेस जिलाध्यक्ष श्री विपिन जैन से बात की दोनों के ही जीत के प्रति अपने तर्क और आधार हैं।

2018 की तुलना में 3 प्रतिशत अधिक मतदान बारे में कांग्रेस अध्यक्ष श्री जैन कहते हैं कि मतदाताओं में उत्साह था और वर्तमान व्यवस्था से त्रस्त और परेशान होकर बदलाव के लिए मत कांग्रेस को मिला है।

जबकि भाजपा जिलाध्यक्ष श्री अटोलिया कहते हैं कि युवाओं और महिलाओं में विशेष उत्साह देखने में आया जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की लाड़ली बहना योजना और सुशासन के भरोसे के कारण भाजपा के पक्ष में गया है।

अधिक मतदान पर कांग्रेस अध्यक्ष कहते हैं दीपावली पर्व अवकाश की वजह से नगर और जिले के अधिकांशतः कामकाजी युवाओं की उपस्थिति गृह नगर में रही और हजारों युवाओं ने मतदान किया जो संकेत है अगले मुख्यमंत्री कमलनाथ होंगे।

भाजपा अध्यक्ष का मानना है कि महिलाओं में इतना उत्साह रहा कि स्वयं स्फूर्त होकर मतदान केन्द्र पहुंची बुलाना या लाना नहीं पड़ा, यह जागरूकता भी दर्शाता है वहीं महिला हितकारी योजनाओं के प्रति विश्वास भी। युवाओं में तो रुझान भाजपा के प्रति है। दोनों कारक निर्णायक हैं जो भाजपा के विजयी होने का संकेत देरहे हैं।

एक प्रश्न के उत्तर में कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा कि वे मंदसौर क्षेत्र में ही रहे चूंकि स्वयं उम्मीदवार थे, जिले की तीन अन्य सीटों पर नहीं जा पाये। संगठन की व्यवस्था में हर विधानसभा में ब्लॉक और मण्डल स्तर तक पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने एकजुटता से चुनाव लड़ा है। जनमानस भी कांग्रेस के साथ खड़ा दिखाई दिया। आपने बताया पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन जिले की चारों विधानसभा क्षेत्रों में गई और प्रचार के साथ जनसंपर्क किया था। कहीं कोई समस्या नहीं आई।

क्षेत्र में संगठन की शिकायत पर एक दर्जन से अधिक लोगों पर कार्यवाही करते हुए पार्टी से निष्कासित किया है।

इधर भाजपा जिलाध्यक्ष श्री अटोलिया ने सेबोटेज, नाराज़गी, असंतोष को खारिज करते हुए कहा कि टिकट मिलने के पहले सभी दावेदारों ने प्रयास संगठन स्तर पर किये, पर जब पार्टी ने प्रत्याशी घोषित कर दिये सभी एकजुट होकर समर्थन में जुट गए। यह भाजपा संगठन की विशेषता है।

वर्तमान जिले की चारों सीटों पर भाजपा विधायक हैं और तीन दिसंबर के निर्णय में कोई बदलाव नहीं होगा। भाजपा इस बार अधिक अंतर से विजय प्राप्त करेगी।

जिले में चली लम्बी निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान और मतदान सम्पन्न होने तक प्रशासन, पुलिस, निर्वाचन अधिकारी कर्मचारियों की भूमिका पर किये सवाल पर कांग्रेस अध्यक्ष श्री जैन ने कहा सामान्य तौर पर अच्छा और शांतिपूर्ण वातावरण रहा। शिकायत जैसा मामला नहीं आया।

एक दो बार पुलिस अधीक्षक को अकारण वाहनों रोके जाने के कारण मोबाइल करना पड़ा।

इधर भाजपा जिलाध्यक्ष श्री अटोलिया ने माना कि जिले में चारों विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार और जनसंपर्क के लिए जाना हुआ कहीं भी चुनाव व्यवस्था संबंधित शिकायत नहीं मिली।
यही वजह रही कि रिकॉर्ड मतदान भी जिले में शांतिपूर्ण हुआ। प्रशासन ने निष्पक्ष और सहज वातावरण बनाने में अच्छी भूमिका निर्वहन की।

चुनावी माहौल में मंदसौर संसदीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, नरेंद्र सिंह तोमर, गुजरात मुख्यमंत्री, प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भाजपा के लिए तो सांसद और स्टार प्रचारक राहुल गांधी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी, मीनाक्षी नटराजन, अर्चना जायसवाल आदि ने कहा कि पक्ष में जनसभाएं और जनसंपर्क किया।

मजेदार बात यह देखने मे आई कि मतदाताओं ने कुरेदने पर भी मतदान पूर्व अपने पत्ते नहीं खोले यह परिपक्वता भी बताता है वहीं गारंटी पॉलिटिक्स आकर्षण भी दर्शाता है।

अब निर्णय की बेताबी से प्रतीक्षा की जारही है। चूंकि विधानसभा निर्वाचन के लिए 30 नवम्बर को दक्षिण राज्य तेलंगाना में अंतिम चरण मतदान है।

मध्यप्रदेश के साथ राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मतदान पहले ही हो चुका है। देखते हैं दोनों प्रमुख दलों के भरोसे को मतदाताओं ने कहां तक और किस हदतक स्वीकार किया है।