Mandsaur News: गौ माता आवारा नहीं – पूर्व विधायक श्री सिसोदिया
प्रदेश शासन के आदेश पर की संशोधन की मांग
मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट
मंदसौर। प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्यभर में विशेष अभियान चलाकर मवेशियों के नियंत्रण हेतु प्रदेश स्तरीय 5 सदस्यों की समिति गठित की गई है इस निर्णय का आमतौर पर स्वागत हुआ है।
किन्तु मंदसौर के पूर्व विधायक एवं भाजपा प्रदेश प्रवक्ता यशपालसिंह सिसोदिया ने आदेश में उल्लिखित शब्द “आवारा मवेशी” पर आपत्ति जाहिर करते हुए सोशल मीडिया पोस्ट पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव एवं सामान्य प्रशासन विभाग (GAD OF MP) को कहा है कि मवेशियों में गौमाता भी शामिल है, और सभी मवेशियों-पशुओं को आवारा नहीं कहा जा सकता, क्योंकि उनके पशुपालक होते हैं, सड़कों, मार्गों और गलियों में ये विचरण जरूर करते हैं पर वे लावारिस नहीं हैं, आवारा भी नहीं हैं। फिर सनातन संस्कृति और विभिन्न धर्म की मान्यता में गाय और गौवंश को माता और पवित्र दर्जा दिया गया है ऐसे में मवेशियों के साथ गौमाता को जोड़कर आवारा शब्द से संबोधित किया जाना उचित नहीं है।
यह अवश्य है कि पशुपालकों द्वारा मवेशियों को छोड़ दिया जाता है और शहरी क्षेत्रों में कई बार दुर्घटनाओं के कारण बनते हैं, नागरिक, महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को अकारण इन मवेशियों के कारण दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है इसके बारे में मंदसौर, नीमच रतलाम उज्जैन सहित विभिन्न स्थानों पर नागरिकों ने पशुओं पर नियंत्रण की मांग उठाई है जिसके आधार पर मध्यप्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 5 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति गठित की है।