माथे पर कलंक लगाता मणिपुर …
मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घूमाने की घटना पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया। भारत के मुख्य न्यायाधीश की पीड़ा सामने आई कि हमें इन तस्वीरों से धक्का पहुंचा है। हिंसा प्रभावित क्षेत्र में महिलाओं को सामान की तरह इस्तेमाल किया गया। अगर राज्य सरकार कार्रवाई नहीं करेगी, तो हम करेंगे। अगले शुक्रवार को सुनवाई करेंगे। संसद में सोनिया गांधी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मिले और बातचीत की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मीडिया से कहा कि आज जब मैं आपके बीच आया हूं, लोकतंत्र के इस मंदिर के पास खड़ा हूं तब मेरा हृदय पीड़ा और क्रोध से भरा हुआ है। मणिपुर की जो घटना सामने आई है, वो किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मसार करने वाली घटना है। मैं सभी मुख्यमंत्रियों से कहना चाहता हूं कि वो अपने राज्य की मां और बेटियों की सुरक्षा के लिए सदैव सजग रहें और कानून व्यवस्था को और मजबूत करें।मणिपुर में जो हुआ है वो बेहद शर्मनाक है। ये पूरे देश को शर्मसार करने जैसा है।
इस घटना को लेकर मैं आपको आश्वासन देता हूं कि जो भी दोषी हैं उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी। मणिपुर में महिलाओं के साथ जो हुआ वो किसी भी सभ्य समाज के लिए सही नहीं है। मोदी ने कहा कि इस देश के किसी भी कोने में, किसी भी राज्य सरकार में राजनीति और वाद-विवाद से ऊपर उठकर कानून व्यवस्था का महात्म्य और नारी का सम्मान है। मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि किसी भी गुनहगार को बख्शा नहीं जाएगा। कानून अपनी पूरी शक्ति से और सख्ती से एक के बाद एक कदम उठाएगा। मणिपुर की इन बेटियों के साथ जो हुआ है इसको कभी माफ नहीं किया जाएगा। गुनाह करने वाले कितने और कौन हैं, वो अपनी जगह पर हैं पर बेइज्जती पूरे देश की हो रही है। ट्विटर ने सरकार के निर्देश के बाद मणिपुर में महिलाओं से हुई अमानवीयता के सभी ट्वीट हटाये। और फिर मणिपुर हैवानियत का मुख्य आरोपी सहित दो आरोपी गिरफ्तार हो गए। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि आरोपियों के लिए मौत की सजा सुनिश्चित करेंगे।
मणिपुर भारत के पूर्वोत्तर में स्थित एक राज्य है। इसकी राजधानी इंफाल है। मणिपुर के पड़ोसी राज्य उत्तर में नागालैंड और दक्षिण में मिज़ोरम, पश्चिम में असम, और पूर्व में इसकी सीमा म्यांमार से मिलती है। इसका क्षेत्रफल 22,347 वर्ग कि.मी (8,628 वर्ग मील) है। यहाँ के मूल निवासी मैतेई जनजाति के लोग हैं, जो यहाँ के घाटी क्षेत्र में रहते हैं। इनकी भाषा मेइतिलोन है, जिसे मणिपुरी भाषा भी कहते हैं। यह भाषा 1992 में भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में जोड़ी गई है और इस प्रकार इसे एक राष्ट्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त हो गया है। यहाँ के पर्वतीय क्षेत्रों में नागा व कुकी जनजाति के लोग रहते हैं। मणिपुरी को एक संवेदनशील सीमावर्ती राज्य माना जाता है। मणिपुर का शाब्दिक अर्थ ‘आभूषणों की भूमि’ है। भारत की स्वतंत्रता के पहले यह रियासत थी। आजादी के बाद यह भारत का एक केंद्रशासित राज्य बना। यह संपूर्ण भाग पहाड़ी है। जलवायु गरम एवं तर है तथा वार्षिक वर्षा का औसत 65 इंच है। यहाँ नागा तथा कूकी जाति की लगभग 60 जनजातियाँ निवास करती हैं। यहाँ के लोग संगीत तथा कला में बड़े प्रवीण होते हैं। यहाँ कई बोलियाँ बोली जाती हैं। पहाड़ी ढालों पर चाय तथा घाटियों में धान की खेती होती है। मणिपुर से होकर एक सड़क बर्मा को जाती है।
मणिपुर का मूल झगड़ा मूल निवासी और बाहरी का है। पर जिस तरह मणिपुर महीनों से आग में जलता रहा है, उससे ऐसा कतई नहीं लगा कि राज्य के मुख्यमंत्री और दूसरे जिम्मेदार वाकई मणिपुर की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर संवेदनशील हैं। मैतेई मूल निवासी के नाम पर मणिपुर के सबसे बड़े दुश्मन बनते गए और शासन-प्रशासन आंखें मूंदे हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा। जिस तरह का वीडियो वायरल हुआ है, मणिपुर की यह घटना भारत के माथे पर कलंक बनकर पूरी दुनिया में “यत्र नार्यस्तु पूज्यंते, रमन्ते तत्र देवता” की भारत की छवि को तार-तार कर रही है। लग तो यही रहा है कि मणिपुर अब असुरपुर बनकर देश की साख पर बट्टा लगा रहा है। और जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कानून व्यवस्था दुरुस्त करने की अपील की है, वह बात मन को खल रही है। क्या हमें इसी दिन का इंतजार था कि जब घटना घटे और हम तब कानून व्यवस्था की घुट्टी पिलाएं। यदि यह वीडियो वायरल न होता, तो शायद इतनी घिनौनी, सभ्य समाज पर दाग लगाने वाली घटना उन महिलाओं की पीड़ा बन दफन हो गई होती। समझ में यह नहीं आता कि कानून व्यवस्था के मोर्चे पर पूरी तरह से फेल मणिपुर के मुख्यमंत्री को माथे पर बिठाकर क्यों सम्मान दिया जा रहा है? क्या इसीलिए कि मणिपुर माथे पर कलंक का टीका लगाकर भारत को दुनिया में बेइज्जत कराता रहे…। और देश की 140 करोड़ आबादी अपमान के घूंट पीने को मजबूर हो।