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मंत्री सिलावट ने Kaliasot Dam की नहरों में गंदगी और अतिक्रमण पर अधिकारियों को लगाई फटकार
भोपाल: जल संसाधन एवं मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास विभाग मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने भोपाल के कालिया सोत डैम से निकलने वाले हुजूर क्षेत्र के विभिन्न नहरों का निरीक्षण किया।
इनके साथ में हुजूर विधानसभा क्षेत्र के विधायक रामेश्वर शर्मा और विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे। निरीक्षण के दौरान श्री सिलावट ने कहा कि वह भविष्य में इन नहरों को पाइप लाइन में बदलने की योजना की तैयारियों पर काम कर रहे हैं। जिससे यहां से पानी सप्लाई के साथ-साथ सड़क निर्माण भी कराया जा सके।
मंत्री ने विभाग के अधिकारियों को लगाई फटकार
जल संसाधन मंत्री ने निरीक्षण के दौरान नहरों अतिक्रमण और गंदगी देखकर अधिकारियों को जमकर फटकार लगाया। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों को क्षेत्र में जाकर नहरों के हालात का जायजा लेना है और किसानों से सिंचाई की व्यव्यस्था पर जानकारी लेनी है। अधिकारी किसानों से जानकारी जुटाएं कि उन्हें सिंचाई में क्या क्या समस्याएं आ रही हैं। और उसके अनुरूप योजना तैयार करें। उन्होंने जल्द से जल्द प्रदेश के सभी नहरों को अतिक्रमण मुक्त और साफ सफाई कराने के निर्देश दिए।
किसानों से करें संवाद- श्री सिलावट
जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने अधिकारियों को तत्काल निर्देश देते हुए कहा कि पूरे मध्य प्रदेश के नहरों और तालाबों को अतिक्रमण मुक्त किया जाए।
इसके साथ ही गहरीकरण एवं सौन्दर्यीकरण किया जाए और तालाबों में सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए जाए। उन्होने अधिकारियों को किसानों से संवाद करने के निर्देश देते हुए कहा कि वे किसानों से संवाद कर उनकी समस्याओं को जाने और उसका निरकरण करें। किसानों को सिंचाई के लिए समय पर पानी उपलब्ध हो इसकी जिम्मेदारी अधिकारियों को तय करना होगा।
स्प्रिंकलर सिंचाई पर दिया जा रहा जोर
जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि जल संसाधन विभाग किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्नत कृषि को बढ़ावा देने के लिए कई कार्य किये जा रहे हैं, इनमें स्प्रिंकलर सिंचाई तकनीक को शामिल किया जा रहा है। इस तकनीक से पानी का अपव्यय कम होता है।
इस तकनीक से ज्यादा फसल प्राप्त कर सकते हैं। किसानों के सभी फसलों के लिए सिंचाई बहुत जरूरी है। सिंचाई के कई नए तरीके अपनाए जा रहे हैं।
जिनमें ड्रिप सिंचाई, फव्वारा विधि से सिंचाई आदि शामिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिंचाई के कई तरीके ऐसे हैं जिनमें पानी की आवश्यकता अधिक होती है, वहीं कुछ ऐसे भी तरीके हैं जिनसे सिंचाई करने पर पानी की बचत के साथ बेहतर उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। जिसको लेकर अधिकारियों को योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
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