Ministers in Charge of Districts : मंत्रियों को जिलों का प्रभार लोकसभा चुनाव के नजरिए से दिया जाएगा!

आदिवासी बहुल वाले जिलों को लेकर खास ध्यान रहेगा, कुछ मंत्रियों को दो जिलों का प्रभार!

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Ministers in Charge of Districts : मंत्रियों को जिलों का प्रभार लोकसभा चुनाव के नजरिए से दिया जाएगा!

Bhopal : डॉ मोहन यादव के मंत्रियों के बीच जिलों के प्रभार का बंटवारा जल्द किया जाएगा। कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए मंत्रियों को जिलों का प्रभार मिलेगा। विधानसभा चुनाव में जिन लोकसभा क्षेत्रों में भाजपा का प्रदर्शन कमजोर रहा है, वहां के जिलों का प्रभार बड़े नेताओं को देने की तैयारी है। इसके लिए सत्ता और संगठन मिलकर रणनीति बना रहे हैं। कुछ वरिष्ठ मंत्रियों को दो जिलों का भी प्रभार दिया जाएगा।

प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मुख्यमंत्री ने मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया। अब मंत्रियों को जिलों के प्रभार के बंटवारे का इंतजार है। हालांकि, विभाग वितरण के बाद मंत्रियों को जिलों का प्रभार देना भी बड़ी चुनौती होगी। क्योंकि, दोनों उप मुख्यमंत्री सहित 30 मंत्रियों के बीच प्रदेश के सभी 55 जिलों के प्रभारी तय होने हैं, जिसमें समीकरणों को बनाकर भी चलना है। प्रभारी मंत्री को जिले में चल रही योजनाओं की सीधी मॉनीटरिंग और नई योजनाओं की मंजूरी का अधिकार रहता है।

जिला स्तर पर होने वाले प्रत्येक कर्मचारी के तबादले के लिए प्रभारी मंत्री अनुशंसा करते हैं। प्रभारी मंत्री द्वारा समय-समय पर जिला योजना समिति की बैठक की जाती है। इसमें जिले से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के बाद निर्णय लिया जाता है।

आदिवासी बाहुल्य जिलों में फंसा पेंच

मंत्रियों को जिले के प्रभार दिए जाने पर आदिवासी बाहुल्य जिलों की जिम्मेदारी भाजपा सीनियर मंत्रियों को सौंप सकती है। इसके अलावा विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा को जिन जिलों में हार का सामना करना पड़ा है, उन जिलों पर इस बार विशेष फोकस रहेगा, यहां सीनियर नेताओं की तैनाती की जाएगी। भाजपा को 47 आदिवासी सीटों में से 25 सीटों पर सफलता मिली है। 2018 के मुकाबले 9 सीटों का इस बार भाजपा को फायदा हुआ है। ऐसे में भाजपा इस लीड को बरकरार रखने की कोशिश करेगी। ऐसे में पार्टी लोकसभा चुनाव में भी विजयी अभियान आगे ले जाने की रणनीति पर काम कर रही है।