

45 से ज्यादा उम्र वालों को कांग्रेस लड़ाएगी विधानसभा- लोकसभा का चुनाव, तय गाईड लाइन अनुसार जिला अध्यक्षों को नहीं मिलेगा टिकट
भोपाल: जिला अध्यक्ष बनाए जाने की उम्र का क्राइटेरिया तय करने के बाद उम्रदराज लीडर्स में मचे हड़कंप से अब उन्हें भी राहत देने का रास्ता कांग्रेस पार्टी ने निकाल लिया है। कांग्रेस ने तय किया है कि वह 45 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को अगले विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में उतारेगी। वहीं यह भी साफ कर दिया है कि जिला अध्यक्ष अगला विधानसभा और लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इस आश्वासन के बाद जिलों के सीनियर लीडर्स अब चुनाव की तैयारी में अभी से जुट सकते हैं।
राहुल गांधी ने संगठन सृजन के तहत तय की गाईड लाइन में यह भी है कि जिला अध्यक्ष इस बार का विधानसभा और लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। पहले कांग्रेस में यह गाईड लाइन थी कि यदि चुनाव लड़ना है तो दो साल पहले जिला अध्यक्ष का पद छोड़ दिया जाए और फिर चुनाव की तैयारी की जाए, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। जो जिला अध्यक्ष बनेगा वह विधानसभा और लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ सकेगा। पार्टी जिला अध्यक्षों को टिकट नहीं देगी। जिला अध्यक्ष बनाए जाने से पहले एआईसीसी और पीसीसी के नेता पैनल में शामिल सभी से वन टू वन चर्चा करेंगे, जिसमें उन्हें यह बता दिया जाएगा कि वे टिकट की मांग न करें।
दरअसल जब यह बात सामने आई की पार्टी में अब 35 से 45 साल की उम्र वालों को ही जिला अध्यक्ष की कमान दी जाएगी, तब सीनियर लीडर्स में मायूसी छा गई, लेकिन राहुल गांधी ने पहले से ही इसका हल भी निकाल रखा था। उन्होंने पहले ही यह तय कर दिया था कि इस बार के चुनाव में 45 साल से अधिक की उम्र वाले नेताओं को टिकट दिया जाएगा, लेकिन शर्त यही रहेगी कि वे अभी से चुनाव के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दें।