Misbehavior With Lawyers : कोर्ट में पेशी के समय वकीलों से दुर्व्यवहार पर रोष
Indore : जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष दिनेश पांडे ने न्यायालय में वकीलों का एक पुलिस अधिकारी द्वारा अपमान किए पर गहरा रोष व्यक्त किया है। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि वकीलों का अपमान करने वालों का हम सम्मान नहीं करेंगे! वे न्यायालय परिसर में एसीपी मुतिउर रहमान के व्यवहार से खफा थे। उन्होंने कहा कि पुलिस कमिश्नर से मामले की शिकायत की जाएगी।
दो दिन पहले आजाद नगर थाना क्षेत्र में एक बदमाश सात साल की बच्ची को उठा कर अपने कमरे में ले गया और चाकुओं के वार से उसकी हत्या कर दी। बच्ची के चिल्लाने की आवाज सुनकर पड़ोसी पहुंचे और दरवाजा तोड़ा, तब तक वह बदमाश निर्दयता पूर्वक उस बच्ची को चाकुओं से गोदकर हत्या कर चुका था। इस घटना में आरोपी और मृतक बच्ची दोनों ही मुस्लिम थे। शनिवार को इस जघन्य अपराध करने वाले आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया।
जब न्यायालय में आरोपी को पुलिस ने पेश किया, तब वहां उपस्थित अधिवक्ताओं से एसीपी मुतीउर रहमान ने अभद्रता की। जानकारी के मुताबिक उन्होंने अधिवक्ताओं को धमकी देते हुए कहा कि न्यायालय के सामने कोई खड़ा नहीं रहेगा। उन्होंने पुलिस जवानों से कहा कि जो भी सामने दिखाई दे, उसे मारो। इस मामले की जानकारी मिलने पर जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष दिनेश पांडे ने गहरी आपत्ति दर्ज की। उन्होंने कहा कि एसीपी मुतीउर रहमान प्रकरण की गंभीरता को समझते हुए आरोपी को बचाने का प्रयास न करें।
जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष कि यह पुलिस थाना या पुलिस विभाग नहीं है, यहां अधिवक्ताओं का स्वाभिमान और सम्मान काम करता है। कृपया अधिवक्ताओं का सम्मान करें। भी वकील से अभद्र व्यवहार करने से पहले सोच लेना बेहतर होगा। इस तरह की धमकियां न्यायालय में नहीं दी जाए तो बेहतर होगा। आपको उचित लगे तो थाने में ही न्यायालय बनवालीजिए और वहीं पर पेशी करवा कर आपकी मनमर्जी जो निर्णय आपको करवाना हो, वहीं करवा लीजिए।
दिनेश पांडे ने कहा कि यह न्यायालय है न कि आपका थाना। अपनी शालीनता से ही कोर्ट परिसर में आएं, अन्यथा जो सम्मान देना नहीं जानता, उसे अपमान सहन करने की ताकत भी हम सिखा देते हैं। भविष्य में जहां भी न्यायालय परिसर में कहीं भी, किसी भी अभिभाषक से इस प्रकार की हरकत करने का प्रयास किया गया तो हम उसका प्रतिकार करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि एसीपी के व्यवहार की शिकायत पुलिस कमिश्नर से की जाएगी। इसलिए कि हम मानवता के लिए लड़ाई लड़ते हैं। अगर एसीपी को आरोपी को बचाना था, तो उसे यहां लाना ही नहीं था।