मोदी, प्रियंका और मध्यप्रदेश…
भारत चुनाव आयोग के सख्त निर्देश आ गए हैं कि दो दिन में राजनैतिक, दलगत, चुनाव प्रभावित शासकीय योजनाओं सहित अन्य किसी भी प्रचार प्रसार के बैनर पोस्टर तत्काल हटाए जाएं। संकेत साफ हैं कि मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ सहित चुनाव वाले सभी राज्यों में चुनाव आचार संहिता कभी भी लग सकती हैं। इससे ठीक पहले 5 अक्टूबर को मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकौशल में संस्कारधानी में रहेंगे और जनसभा को संबोधित करेंगे। वहीं कांग्रेस का उम्मीदों से भरा चेहरा प्रियंका गांधी इसी दिन महाकौशल में जनआक्रोश रैली को संबोधित करेंगी। चुनाव आचार संहिता लगने से पहले दो प्रमुख दलों के बड़े नेताओं का एक ही दिन में मध्यप्रदेश में यह दौरा खासा मायने रखता है।
मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन हो गया है और मध्य प्रदेश में मतदाताओं की संख्या 5 करोड़ 60 लाख से अधिक है। और इसमें महाकौशल और मालवा के मतदाताओं की भी बड़ी तादाद है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने यह साफ कर दिया है कि नाम जोड़ने के आवेदन नामांकन की अंतिम तिथि से 10 दिन पहले तक लिए जाएंगे। और चुनाव की घोषणा के बाद मतदाता सूची से नाम हटाने के आवेदन पर कार्रवाई नहीं होगी। तो यह भी साफ है कि चुनावी घोषणाओं का यह अंतिम दौर है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दौरे में बड़ी सौगातें देंगे, जो शायद इसके बाद संभव नहीं हो पाएगा। प्रधानमंत्री वीरांगना रानी दुर्गावती स्मारक का भूमिपूजन करेंगे।बालाघाट-गोंदिया खंड को चार लेन की आधारशिला रखेंगे।झरखेड़ा-बैरसिया-ढोलखेड़ी को जोड़ने वाली सड़क और देशगांव से रूढ़ी चार लेन सड़क की आधारशिला रखेंगे। सौगातों की लंबी फेहरिस्त है। तो वीरांगना रानी दुर्गावती पर स्मारक सिक्के और डाक टिकट जारी करेंगे। वहीं प्रियंका गांधी 5 अक्टूबर को धार जिले में मध्यप्रदेश और केंद्र सरकार पर सवालिया निशान लगाएंगी। पिछले 6 महीने में प्रियंका गांधी मध्यप्रदेश के दौरे पर 3 बार और पीएम नरेंद्र मोदी तकरीबन 8 बार आ चुके हैं। दो अक्टूबर को भी वे ग्वालियर में थे, जहां पर उन्होंने एक विशाल जनसभा को संबोधित किया था।
तो चुनावी संग्राम में दो बड़े नेताओं की सभाएं मध्यप्रदेश के मतदाताओं पर कितना असर डालेंगी, यह आगामी दो महीने पांच दिन में पूरी तरह से साफ हो जाएगा। अभी तो आचार संहिता लगने का इंतजार सभी को है। मोदी, प्रियंका और मध्यप्रदेश के मतदाताओं का आमना-सामना शायद आचार संहिता लगने से पहले आखिरी बार है…।