MP: बारिश में होने वाली संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिये एडवाईजरी

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भोपाल : मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने एडवाईजरी में कहा है कि बरसात में अक्सर दस्त, उल्टी, बुखार, आव, पेट दर्द, पेचिस, पीलिया, टाइफाइड, डायरिया जैसी बीमारियाँ होती हैं। बीमारियों से सावधान रहें, बीमार न हों इसके उपाय करें एवं स्वस्थ रहें।

उन्होंने बताया कि उल्टी, दस्त, पेचिस, आव, संक्रामक बीमारी से बचने के लिए ताजा भोजन का सेवन करें। शुद्ध पानी पिंए (उबला पानी, आरो का पानी, फिल्टर, हैण्डपंप का पानी छानकर पिएं) कुएं, नदी, नाला का पानी न पिएं, पानी क्लोरीनेशन करके ही पानी पिएं, सड़ी-गली सब्जी, फल, बासी खाना न खाएं, मांस का बरसात के दिनों में सेवन न करें। व्यक्तिगत स्वच्छता रखें, खाने के चीजों को छूने से पहले साबुन से अच्छी तरह हाथ धोंएं, संक्रमित चीजों को छूने के बाद साबुन से अच्छी तरह हाथ धोऐं, भोजन खाने के पहले या शौच के बाद हाथों को अच्छी तरह साबुन से धोंऐं, स्वच्छ शौचालय का उपयोग करें।

उन्होंने कहा कि उपचार के लिए डॉक्टर के परामर्श से उल्टी, दस्त के लिए टेबलेट फ्युराजोलाडिन, मेट्रोजिन डायक्लोमिन, मेट्रोक्लोरापामाइड, जिंक, ओ.आर.एस. का घोल, खीरा, दही, सिकंजी, चावल का पानी (माड) तथा तरल पदार्थ अधिक मात्रा में सेवन करें। इसी प्रकार दस्त से संबंधित संक्रामक बीमारी होने पर नजदीकी अस्पताल जायें, ग्राम स्तर में आशा कार्यकर्ता डीपो होल्डर के माध्यम से जीवन रक्षक दवाइयां प्राप्त करें।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने जनसमुदाय को एडवाइजरी में कहा है कि बरसात के दिनों में वेक्टर जनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, फायलेरिया (हाथी पांव) जैसे गंभीर बीमारी होती हैं। गंदा पानी, नाली, गड्ढों में पानी एकत्रित होने से मच्छर के लार्वा से अण्डें पनपते हैं। मादा एनाफिलिस मच्छर के काटने से मलेरिया होता है। डेंगू का लार्वा साफ पानी में पैदा होता है जैसे कूलर, टूटे हुए टायर, टंकी में एडीज मच्छर के लार्वा पनपते हैं। एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है। चिकुनगुनिया का वायरस सीधे हड्डी पर अटैक करता है जिससे असहनीय दर्द होता है।

मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया, फायलेरिया से बचने के लिए घर के आस-पास सफाई रखें, पानी इक्ट्ठा न होने दें, गड्ढों को भरें, टायर, कबाड़ सामान ढंक्कर रखें, इनमें पानी इकट्ठा नहीं होने दें, कूलर व टंकी के पानी को एक सप्ताह में खाली करें, नीम का धुआँ करें, शाम के समय खिड़की दरवाजा बंद रखें, रात्रि में सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। पूरी आस्तीन के कपडे़ पहनें। मच्छर भगाने वाले साधन जैसे- क्रीम, क्वाइल, रिपेलेन्ट इत्यादि का उपयोग करें। टायर, कबाड़ सामान ढंक्कर रखें इनमें पानी इकट्ठा नहीं होने दें। बुखार आने पर तत्काल स्वास्थ्य केन्द्र में जांच कराये। बुखार आने पर नजदीकी अस्पताल जाकर खून की जांच कारायें एवं ग्रामीण क्षेत्र में आशा कार्यकर्ता के पास जाकर खून की जांच करायें और दवायें प्राप्त करें।