

MP Excise Auction: 23 प्रतिशत ग्रोथ के साथ 21 जिलों में हुए शराब दुकानों के ठेके, 3 जिलों में नहीं खुला खाता
भोपाल. आबकारी विभाग की शराब दुकानों के ठेके आवंटन की इस बार की रणनीति काफी सफल रही है। अब तक नवीनीकरण, टेंडर और लाटरी में पिछले साल के मुकाबले 23 प्रतिशत ज्यादा पर शराब दुकानों के ठेके गए है।
बुरहानपुर में पिछले साल के मुकाबले सर्वाधिक 34 प्रतिशत ग्रोथ रही है। यदि राशि की बात करें तो भोपाल में शिवहरे ग्रुप को शराब दुकानों के ठेके देने से राशि में आबकारी विभाग को सर्वाधिक राशि प्राप्त हुई है। मध्यप्रदेश के तीन जिले ऐसे भी है जहां अब तक नवीनीकरण, टेंडर और लाटरी होंने पर भी एक भी शराब दुकान समूह का ठेका नहीं हो पाया है। इन जिलों में राजगढ़, दमोह और जबलपुर जिले शामिल है यहां शराब ठेके उठने की संख्या शून्य रही है।
अब तक हुए शराब दुकानों के ठेके में 12 हजार 500 करोड़ का रेवेन्यू आ चुका है।इसी हिसाब से बची हुई दुकानों के ठेके हुए तो इस बार शराब के ठेकों से रेवेन्यू सोलह हजार करोड़ के मुकाबले सत्रह हजार करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। अब तक 21 जिलों में शराब दुकानों ठेके हो चुके है। 31 जिलों में शराब दुकानों के ठेके देने की प्रक्रिया चालू है। खंडवा, निवाड़ी और बैतूल में एक-एक ग्रुप ठेके से बच गए थे वहां के ठेकों का आवंटन भी अब हो गया है। इस बार 81 समूहों के ठेके डिस्पोज हुए है। ठेका समूहों का आकार बढ़ा दिया गया है।
भोपाल में सर्वाधिक रेवेन्यू मिला है यह रेवेन्यू शिवहरे गु्रप से मिला है इस समूह से 31 प्रतिशत ज्यादा रेवेन्यू मिला है। देखा जाए तो इस बार लक्ष्य से सात प्रतिशत ज्यादा ग्रोथ रही है। पिछले दस साल में सर्वाधिक अच्छा प्रदर्शन इस बार शराब दुकान ठेकों के आवंटन में रहा है। इंदौर के ठेके नवीनीकरण से गए है। नवीनीकरण का समय निकल चुका है अब ई टेंडर और नीलामी से शराब दुकानों के ठेके दिए जा रहे है।