Multiple Accounts: अपने फालतू खातों को बंद करा दें

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Multiple Accounts: अपने फालतू खातों को बंद करा दें

सैलरी अकाउंट जीरो बैलेंस वाले खाते (zero balance salary account) होते हैं. लेकिन तमाम ऐसे लोग होंगे जिन्होंने बैंकों में अपना खाता तो खुलवाया लेकिन उसे आगे लंबे समय तक चलाया नहीं और बीच में ही उसे छोड़ देते हैं. नौकरीपेशा वालों के साथ भी ऐसा होता है कि नौकरी बदलते ही या फिर किसी और शहर में ट्रांसफर होने पर पुरानी नौकरी या पुराने शहर में खुला बैंक खाता यूं ही छोड़ देते हैं. उसे न तो बंद कराते हैं और न ही उसे आगे चालू रखते हैं.  इन खातों में न्यूनतम बैलेंस रखना जरूरी नहीं होता है.बेकार पड़े बैंक खाते (unused bank account) बैंक समेत अकाउंट होल्डर के लिए भी नुकसानदायक होते हैं. ऐसे अकाउंट आपको आर्थिक नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसलिए इस तरह के खातों को समय पर बंद करा देने में ही भलाई है.

क्या आप जानते हैं कि अगर आपने भी एक से ज्यादा अकाउंट ओपन करा रखे हैं तो आपको भारी नुकसान हो सकता है.आइए जानिए रिजर्व बैंक के क्या नियम हैं-

आरबीआई ने नहीं जारी की है कोई लिमिट
आपको बता दें रिजर्व बैंक की ओर से अकाउंट ओपन कराने के लिए कोई भी लिमिट तय नहीं की है. ग्राहक 2,4 या फिर 5 कितने भी अकाउंट ओपन करा सकता है. आरबीआई की ओर से कोई लिमिट जारी नहीं की गई है.

मल्टीपल अकाउंट रखने में होती हैं कई परेशानियां
अगर आप एक से ज्यादा यानी मल्टीपल अकाउंट रखते हैं तो आपको कई तरह के बेनिफिट्स मिल सकते हैं, लेकिन यह आम इंसान के लिए काफी मुश्किल है. बैंक अकाउंट ओपन कराने के साथ ही आपको उसके मिनिमम बैलेंस को मेनटेन करना होता है. इसके अलावा भी कई अन्य तरह की सुविधाओं को आपको मैनेज करना होता है.

देने होते हैं कई तरह के चार्ज
अगर आप एक से ज्यादा खाते रखते हैं तो आपको उसका मेंटेनेंस चार्ज, क्रेडिट और डेबिट कार्ड चार्ज, सर्विस चार्ज समेत कई चार्ज का भुगतान करना होता है. तो अगर आप सिर्फ एक बैंक में अकाउंट रखेंगे तो आपको सिर्फ एक बैंक के ही चार्ज देने पड़ेगें.

कई बार देनी होती है पेनाल्टी
कई बैंकों में मिनिमम बैलेंस, 5000 होता है व कई बैंकों में 10,000 होता है. अगर आप इससे कम बैलेंस रखते हैं तो आपको पेनाल्टी देनी पड़ती है, जिसका सीधा असर आपके सिबिल स्कोर पर पड़ता है.

फिल करना होता है फॉर्म
आरबीआई ने बताया है कि आप अपने फालतू खातों को बंद करा दें, जिससे आपको इस तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े. आपको बता दें खाते को बंद कराने के लिए आपको एक डी-लिंक फॉर्म फिल करना होता है. आपको बैंक की ब्रांच से अकाउंट क्लोजर फॉर्म मिल जाता है, जिसको फिल करके जमा करने पर आपका खाता बंद हो जाता है.