
मानसिक रूप से बीमार मुनीर …
कौशल किशोर चतुर्वेदी
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर के बयान उसे कुंठा से ग्रसित और मानसिक बीमारी से पीड़ित बता रहे हैं। मुनीर जिस तरह की भाषा बोल रहा है वह न केवल निंदनीय बल्कि दंडनीय भी मानी जा सकती है।
आसिम मुनीर की भाषा ओसामा बिन लादेन जैसी बताते हुए पूर्व अमेरिकी अफसर ने पाक को आतंकी देश घोषित करने की मांग की है। तो ब्रिटिश पॉलिटिकल कमेंटेटर डेविड वेंस ने पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर की परमाणु धमकियों की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने मुनीर के बयानों को निंदनीय और शर्मनाक बताते हुए कहा कि अमेरिका को पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंध तोड़ लेने चाहिए जब तक कि वह एक सभ्य देश की तरह व्यवहार न करे।
दरअसल मुनीर का यह व्यवहार उसकी अमेरिका यात्रा और ट्रंप की शह का परिचायक है। ऐसा भी माना जा सकता है कि मुनीर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की खुशामद करते-करते उनका जूठा पानी भी पी गया है। उसके बाद मुनीर को लगातार पागलपन के दौरे पड़ रहे हैं। उसे यह मालूम है कि भारत के साथ युद्ध में ना तो उसका परमाणु जखीरा काम में आएगा और ना ही अमेरिका उसे मदद कर पाएगा। फिर भी असभ्य तरीके से पेश आ रहे मुनीर का दिमाग पूरी तरह से काम नहीं कर पा रहा है।
पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइकल रुबिन ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के परमाणु संबंधी बयानों की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने मुनीर के बयानों की तुलना आतंकी संगठन आईएसआईएस और ओसामा बिन लादेन से की है। कहा कि मुनीर की धमकी भरी टिप्पणियों के बाद पाकिस्तान एक दुष्ट देश की तरह व्यवहार कर रहा है। माइकल रुबिन ने पाकिस्तान के व्यवहार को पूरी तरह से अस्वीकार्य बताते हुए सेना प्रमुख के बयानों की तुलना आतंकी संगठन आईएसआईएस और ओसामा बिन लादेन द्वारा पहले दिए गए बयानों से की। उन्होंने कहा, ‘अमेरिकी आतंकवाद को शिकायत के चश्मे से देखते हैं। वे कई आतंकवादियों के वैचारिक आधार को नहीं समझते। आसिम मुनीर सूट पहने ओसामा बिन लादेन हैं।’
अमेरिका के दौरे पर गए पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बाकायदा ‘उल्लू’ बना दिया है। मुनीर ये सोच रहे होंगे कि ट्रंप ने उनकी मनचाही मुराद पूरी कर दी है। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि हमारा ध्यान पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष द्वारा अमेरिका यात्रा के दौरान कथित तौर पर की गई टिप्पणियों की ओर आकर्षित हुआ है। परमाणु हथियार लहराना पाकिस्तान की आदत है। हमें खेद है कि ये टिप्पणियां एक मित्र देश की धरती से की गईं।
कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है कि चौतरफा दबाव से कुंठित मुनीर का सही समय पर इलाज नहीं हुआ तो वह पागलपन की सीमा पार कर पाकिस्तान को कहीं का नहीं छोड़ेगा। जो हाल अमेरिका में ट्रंप का है वही हाल पाकिस्तान में मुनीर का। और समय ट्रंप और मुनीर का इलाज करने की बाट जोह रहा है…।





