Naxal Encounter : नक्सली हिंसा के मास्टर माइंड 1.5 करोड़ के इनामी वसवा राजू का मारा जाना बड़ी सफलता!

वसवा राजू हमेशा AK47 साथ रखता था, उसके मारे जाने की अधिकृत घोषणा नहीं!

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Naxal Encounter : नक्सली हिंसा के मास्टर माइंड 1.5 करोड़ के इनामी वसवा राजू का मारा जाना बड़ी सफलता!

 

Bijapur (Chhattisgarh) : अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच जारी मुठभेड़ में नक्सली संगठन के टॉप लीडर और डेढ़ करोड़ के इनामी वसवा राजू के मारे जाने की भी खबर है। डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) के जवानों द्वारा चलाए जा रहे इस ऑपरेशन में नक्सलियों की कमर टूट गई। यह मुठभेड़ बीजापुर, नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिलों की संयुक्त सीमा पर स्थित माड़ क्षेत्र में हो रही है।

इस मुठभेड़ में नक्सल संगठन के जनरल सेक्रेटरी वसवा राजू को दंडकारण्य क्षेत्र में नक्सल गतिविधियों का मास्टरमाइंड माना जाता था और उस पर डेढ़ करोड़ रुपए का इनाम था। यह नक्सली पिछले कई सालों से अबूझमाड़ के जंगलों में सक्रिय था और नक्सल संगठन की रणनीतिक गतिविधियों में अहम भूमिका निभाता था। वसवा राजू के मारे जाने की पुष्टि होती है, तो यह सुरक्षा बलों की अब तक की सबसे बड़ी सफलता मानी जाएगी, क्योंकि वह नक्सलियों के सबसे गोपनीय नेटवर्क का हिस्सा था।

 

पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन 

मुठभेड़ के बाद इलाके में सघन सर्चिंग ऑपरेशन जारी है। जवानों को नक्सलियों के कई ठिकानों पर दस्तावेज और हथियार मिलने की संभावना है। माड़ क्षेत्र में लंबे समय से नक्सलियों की एक बड़ी बैठक हो रही थी, जिसे जवानों ने घेर कर यह ऑपरेशन शुरू किया। यह ऑपरेशन नक्सलवाद के खिलाफ छत्तीसगढ़ सरकार और सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी है।

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1.5 करोड़ का ईनामी जो एके-47 लेकर चलता 

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच एक मुठभेड़ हुई। बुधवार को हुई इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने 26 नक्सलियों से अधिक को मार गिराया। फिलहाल, मुठभेड़ अभी भी जारी है। जानकारी के अनुसार, डीआरजी जवानों ने नक्सली संगठन के महासचिव नंवबल्ला केशव राव उर्फ बसवराजू को ढेर कर दिया।

बसवा राजू पिछले 35 सालों से माओवादी संगठन की केन्द्रीय कमेटी का सदस्य है। वह श्रीकाकुलम जिले के जियन्नापेटा गांव का रहने वाला है। उसकी उम्र लगभग 70 साल है। बसवा राजू नवंबर 2018 से सीपीआई माओवादी संगठन का महासचिव है। वह पिछले 35 सालों से माओवादी संगठन की केन्द्रीय कमेटी का सदस्य है।

बसवा राजू हमेशा एके 47 रायफल साथ रखता था। वह छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र के इलाके में सक्रिय था। बसवा राजू 24 सालों से पोलित ब्यूरो सदस्य के तौर पर काम कर रहा है। उसने पार्टी के केंद्रीय सैन्य आयोग के प्रभारी के तौर पर भी काम किया है।

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इंजीनियर है बसवा राजू

बसवा राजू ने वारंगल से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। उसने रिजनल इंजीनियरिंग कॉलेज वारंगल से बीटेक किया है। लोग उसे नंवबल्ला केशव राव गनगन्ना, विजय, दरपू नरसिम्हा रेड्डी, नरसिम्हा, प्रकाश, कृष्णा आदि नामों से भी जानते हैं। जानकारी के अनुसार, उसने साल 1970 में अपना घर छोड़ दिया था।

बसवा राजू वारफेयर में माहिर है। वारफेयर का मतलब है युद्ध करने की कला। गणपति के बाद बसवा राजू को साल 2018 में संगठन के महासचिव की जिम्मेदारी मिली थी। वह संगठन में ज्यादातर समय सैन्य कमान संभालता रहा है। बसवा राजू सैन्य कमान संभालने और आक्रामक हमलों के लिए ही जाना जाता है। हमलों की रणनीति बनाने में भी बसवा राजू को माहिर माना जाता है।