NEET-UG Exam Case : 25 सेंटरों पर बिजली गुल होने से ‘नीट यूजी’ परीक्षा प्रभावित होने के मामले की सुनवाई हाई कोर्ट में 26 मई को!

इंदौर के अलावा उज्जैन के सेंटरों के स्टूडेंट्स भी प्रभवित, दोनों जिलों से 60 याचिकाएं लगी!

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NEET-UG Exam Case : 25 सेंटरों पर बिजली गुल होने से ‘नीट यूजी’ परीक्षा प्रभावित होने के मामले की सुनवाई हाई कोर्ट में 26 मई को!

Indore : बिजली गुल होने से इंदौर के 25 परीक्षा केन्द्रों पर नीट-यूजी स्टूडेंट ठीक से पेपर नहीं दे पाए थे। इस मामले में जनहित याचिका पिछले दिनों हाईकोर्ट में दायर की गई। याचिका में नीट-यूजी की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने अपना पक्ष वचुअर्ल रखते हुए आग्रह किया कि पूरे मामले की जांच के लिए अलग से कमेटी का गठन किया जाए। प्रकरण की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 26 मई का दिन निर्धारित किया है।

याचिकाकतार्ओं के एडवोकेट मृदुल भटनागर ने बताया कि नीट-यूजी मामले में उज्जैन के स्टूडेंट्स की याचिकाओं पर भी सुनवाई हुई। परीक्षा के दिन इंदौर में दो घंटे तक लाइट गुल रही थी। जबकि, उज्जैन में 40 से 45 मिनट तक बिजली बाधित हुई। मामले में दोनों जिलों की 60 याचिकाएं लगी है। अभी और छात्र भी याचिका दायर करने की तैयारी में हैं। इस मामले में 13 याचिकाओं पर सुनवाई होना थी। सॉलिसिटर जनरल ने हाईकोर्ट से मांग की है कि इन सेंटर में से जो बच्चे चाहें, उन्हें दोबारा मौका दिया जाए, जिससे छात्रों को सही मौका मिल पाए और वे अपनी क्षमता का परिचय दे सकें।

इस पर सवाल उठाते हुए याचिकाकतार्ओं के वकील ने कहा कि ये परीक्षा साधारण परीक्षा नहीं है, इसमें अनकट पॉवर सप्लाय देना थी, उसमें ये फेल हुए हैं। एनटीए (परीक्षा लेने वाली एजेंसी) ने अपने जवाब में ये बात मानी भी, कि कई सेंटर पर 10 मिनट से 1 घंटे 10 मिनट तक बिजली नहीं थी। हम कमेटी बनाकर ये निर्णय लेंगे कि दोबारा परीक्षा कराना है या नहीं। आगे की पूरी प्रक्रिया कमेटी तय करेगी।

 

पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने रोक लगाई थी

इससे पहले हुई सुनवाई में एनटीए ने हाईकोर्ट में जवाब पेश किया था। कोर्ट ने नीट-यूजी के रिजल्ट पर रोक लगा दी थी। मामले में 25 से ज्यादा सेंटरों से जुड़े स्टूडेंट्स प्रभावित हुए। जिनकी संख्या अब 50 से ज्यादा हो गई। इनकी मांग है कि रिएक्जाम कराई जाए। याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि याचिकाकर्ता पीड़ित स्टूडेंट्स काफी ज्यादा हैं। सभी ने अपनी परेशानियां बताई कि लाइट गुल होने पर कैसे उनके प्रश्नपत्र बिगड़े।

उज्जैन में भी ऐसी स्थिति बनी थी। वहां के 5 से ज्यादा स्टूडेंट्स हैं। ऐसे में हाईकोर्ट में रिज्वाइंडर पेश करने के लिए समय मांगा जाएगा। साथ ही मांग की जाएगी कि जिन सेंटरों के स्टूडेंट्स की परीक्षा प्रभावित हुई है उनकी रिएक्जाम कराई जाए। इनमें से कई तीन-चार अटेम्ट वाले हैं। उधर, एनटीए ने जवाब में बताया था कि हमने बिना किसी असुविधा के एग्जाम कराया था। इस दौरान कई सेंटर पर लाइट नहीं होने पर कैंडल और जनरेटर की व्यवस्था की थी। चूंकि समर सीजन में परीक्षा आयोजित हुई थी।

 

यह थी दलील

इस मामले में 16 मई को हुई सुनवाई में एनटीए की ओर से जवाब देने के लिए सॉलिसिटर जनरल वीडियो कॉलिंग के जरिए पेश हुए थे। उन्होंने कहा कि यदि पूरा रिजल्ट रोका गया तो सैकड़ों छात्र प्रभावित होंगे। बिजली गुल होने से प्रभावित 11 सेंटर की रिपोर्ट पर 2 दिन में जवाब पेश कर देंगे। तब हाईकोर्ट ने एनटीए, बिजली कंपनी और परीक्षा केंद्र को नोटिस जारी किए थे। इन सभी को 30 जून तक जवाब पेश करना होगा।

 

25 केंद्रों की बिजली गई, अंधेरा छाया

इंदौर में 49 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, जहां 27 हजार छात्रों ने परीक्षा दी। इसी दौरान अचानक तेज बारिश और 120 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चली आंधी से बिजली गुल हो गई थी। बिजली जाने से कई छात्रों को मोमबत्ती और मोबाइल टॉर्च की रोशनी में पेपर देना पड़ा। अंधेरा होने से छात्र प्रश्नपत्र पढ़ नहीं पाए और परीक्षा के बाद कई छात्र रोते हुए बाहर निकले। यह पहला मौका था जब एनटीए ने शहर के सरकारी स्कूलों में परीक्षा केंद्र बनाए थे। यहां पॉवर बैकअप का कोई इंतजाम नहीं था। दूसरी परेशानी यह भी है कि नीट के अलावा मेडिकल, नर्सिंग, वेटरनरी, होम्योपैथी, आयुर्वेदिक कॉलेजों में एडमिशन का विकल्प नहीं है। छात्रों का पूरा साल बर्बाद हो जाएगा।