New Parking Policy in MP: व्यवस्थित होंगे शहर,MP में शहरी क्षेत्रों में पार्किंग के लिए बनेगी नई पॉलिसी

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New Parking Policy in MP: व्यवस्थित होंगे शहर,MP में शहरी क्षेत्रों में पार्किंग के लिए बनेगी नई पॉलिसी

भोपाल,प्रदेशभर के शहरी क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहे वाहनों की संख्या के हिसाब से नगरीय प्रशासन विभाग ने नई पार्किंग पॉलिसी तैयार की है। इसे तीन दिसंबर के बाद गठित होंने वाली नई सरकार के हिसाब से लागू किया जाएगा। नई पालिसी में बाजारों, मेलों, धार्मिक स्थलों, भीड़ वाले स्थानों को चिन्हित कर वहां सुव्यवस्थित पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। नई पॉलिसी में व्यापरियों के लिए मासिक पास, फास्टैग की तर्ज पर आॅटोमेटिक और मैन्युअल किराया लेने की व्यवस्था और पार्किंग स्थलों में सीसीटीवी, लाइट, गार्ड जैसे सुरक्षा प्रबंध भी किए जाने का प्रावधान किया जा रहा है। इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रमोट करने के लिए पार्किँग स्थलों पर चार्जिंग स्टेशन और रियायती पार्किंग का प्रावधान भी नई पालिसी में किया जाएगा।

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मध्यप्रदेश में पंजीकृत होंने वाले वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसमें पंजीकृ त होंने वाली कारों की संख्या 9.3 प्रतिशत और दुपहिया वाहनो की संख्या में 62 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है। इसको ध्यान में रखते हुए नगरीय प्रशासन विभाग ने शहरी क्षेत्रों के लिए पार्किंग पॉलिसी तैयार की है। वर्तमान में शहरी क्षेत्रों में बेतरतीब पार्किंग का निर्माण हुआ है। जहां जरुरत नहीं वहां पार्किंग विकसित की गई है या ऐसे स्थानों पर पार्किंग विकसित की गई है जहां वाहनों का पहुंचना मुश्किल है या वे बाजार, रेलवे और बस स्टेशनों से अपेक्षाकृत अधिक दूरी पर स्थित है। इसलिए इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए शहरी क्षेत्रों की पार्किंग पॉलिसी तैयार की गई है जिसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।

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सर्वे के बाद होगा पार्किंग स्थलों का चयन-
नगरीय प्रशासन विभाग प्रदेश के सभी शहरी क्षेत्रों में अब पार्किंग का निर्माण करने से पहले सर्वे कराएगा। जो बड़े बाजार, शॉपिंग मॉल, धार्मिक स्थल है वहां सर्वे कराया जाएगा कि रोजाना वहां कितने वाहनों की आवक-जावक किस समय होती है। पार्किंग की जरुरत किस समय ज्यादा है। इसके लिए उन क्षेत्रों में वाहन खड़े करने के लिए मल्टीलेबल पार्किंग और सामान्य पार्किंग बनाई जाएगी। धार्मिक स्थलों, मेलों और अन्य बड़े आयोजनों के दौरान अस्थाई पार्किंग बनाने का प्रावधान भी नई पार्किंग पॉलिसी में किया जाएगा। ये पार्किंग स्थल नगरीय निकाय खुद भी तैयार करेंगे और पीपीपी के जरिए भी इन्हें विकसित किया जाएगा।

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पार्किंग स्थलों पर सुविधाएं-
पार्किंग स्थलों पर पीने के पानी की सुविधा, रोजाना सफाई का प्रबंध, अग्नि सुरक्षा के लिए फायर उपकरण भी लगाए जाएंगे। पर्याप्त मात्रा में लाइट जिससे वाहन दिखाई देते रहे यह प्रबंध भी होंगा। सीसीटीवी और अन्य कैमरों की मदद से तथा पर्याप्त संख्या में गार्डो की तैनाती करके और वाहन पार्क कराने के लिए अमले की तैनाती की व्यवस्था भी यहां की जाएगी। ठेकेदारों को दी गई पार्किंग में अक्सर अधिक राशि लेकर कम की पर्ची देने या अधिक राशि लेने की शिकायते आती है इसलिए फास्टैग की तर्ज पर आटोमेटिक किराया काटने और मैन्युअल किराया काटने का प्रबंध भी किया जाएगा।
मानीटरिंग की व्यवस्था-
शहरी क्षेत्रों में जो भी पार्किंग होगी उनकी मानीटरिंग की व्यवस्था भी की जाएगी। इसके लिए अमला भी तैनात होगा और कुछ सीसीटीवी कैमरों का प्रबंध भी किया जाएगा। शिकायतों की सुनवाई के लिए अलग से अंतर विभागीय कमेटी भी बनाई जाएगी। पार्किंग पॉलिसी के क्रियान्वयन से जुड़े विभागों को इस समिति के निर्णयों को मानना होगा। ठेकेदारों की मोनोपाली न हो इसलिए अवधि के अनुसार किराया भी पहले से तय होगा और उसका समय-समय पर निरीक्षण और मानीटरिंग भी होगी।
इलेक्ट्रिक व्हीकल को प्रमोट करेंगे-
इलेक्ट्रानिक व्हीकल को प्रमोट करने के लिए बाजार, मॉल, कार्यालयों के पास ऐसी पार्किँग बनाई जाएंगी जहां चार्जिंग की व्यवस्था भी होगी। इन वाहनों को रियायती दरों पर वाहन पार्क करने की सुविधा दी जाएगी।

ओवरनाईट पार्किंग में रियायत-
शहरी क्षेत्रों में सड़कों पर और भवनों के बाहर पार्किंग वैसे ही प्रतिबंधित है। इसलिए जहां ऐसे वाहन खड़े किए जाते है उनके लिए ओवरनाइट पास की पार्किंग में वाहन खड़े करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी और उसमें उन्हें रियायत भी दी जाएगी। मासिक पास भी इनके लिए जारी किए जाएंगे।

किराया शहरों के हिसाब से निकाय करेंगे तय-
किस शहर में पार्किग में खड़े होंने वाले वाहनों का अवधि के हिसाब से क्या किराया तय किया जाए यह अधिकार निकायों को दिया जाएगा। वे वहां का न केवल किराया तय करेंगे बल्कि उसमें विभिन्न वर्गो को दी जाने वाली रियायतों का स्वरुप भी तय करेंगे।
रेलवे और बस स्टेशनों पर भी पार्किग-
शहरी क्षेत्रों में रेलवे स्टेशन और बस स्टेशनों के बाहर भी वाहन पार्किंग के लिए स्थल विकसित किए जाएंगे। ताकि किसी एक ठेकेदार की मोनापॉली न हो और आमजन को रियायती दरों पर वाहन पार्किंग की सुविधा उपलब्ध हो सके।