New Policy of Police Training: ASP-DSP से लेकर SI तक को करना होगी मिड कैरियर ट्रैनिंग

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New Policy of Police Training: ASP-DSP से लेकर SI तक को करना होगी मिड कैरियर ट्रैनिंग

 

भोपाल:New Policy of Police Training: मध्य प्रदेश में पुलिस अफसर की ट्रेनिंग के लिए नई पॉलिसी तैयार की गई है। अब ASP-DSP से लेकर SI तक को मिड कैरियर ट्रैनिंग करना होगी।

पुलिस ट्रैनिंग शाखा प्रदेश के पुलिस अफसरों और जवानों को प्रशिक्षण देने के लिए नई पॉलिसी लेकर आया है। इस पॉलिसी में सिफारिश की गई है कि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, डीएसपी से लेकर उपनिरीक्षक तक को मिड कैरियर ट्रैनिंग प्रोग्राम करवाया जाए। डीएसपी या एएसपी के लिए नेशनल लेवल की यूनिवर्सिटी और निरीक्षक, उपनिरीक्षको के लिए राज्य स्तर के विश्वविद्यालय की सिफारिश इस पॉलिसी में की जाने वाली है।

मिड कैरियर ट्रैनिग प्रोग्राम (एमसीटीपी) के तहत राष्टÑीय प्रतिष्ठित विवि की भागीदारी के माध्यम से आठ साल की सेवा पर डीएसपी और 12 साल की सेवा पर एएसपी के लिए यह कोस शुरू किया जाना चाहिए। इन अधिकारियों को इसमें बताया जाना चाहिए कि बड़े शहर की पुलिसिंग कैसे की जाती है, किसी संघर्ष के दौरान कानून व्यवस्था को कैसे नियंत्रित रखा जाता है। संचार के माध्यमों का तत्काल कैसे उपयोग कानून व्यवस्था में हो सकता है एवं नेतृत्व कौशल के लिए विशेष ट्रैनिंग दी जाना चाहिए।

वहीं आठ साल की सेवा पर उपनिरीक्षक और 16 साल की सेवा के बाद निरीक्षकों को भी एमसीटीपी करवाया जाना चाहिए। यह एक राज्य आधारित प्रतिष्ठित विवि के माध्यम से करवाए जाने की सिफारिश की गई है। वहीं यह भी सलाह इसमें दी गई है कि हर जिले में एक मेंटर्स का कैडर भी तैयार किया जाना चाहिए। जिसमें एक सावधानी पूर्वक सर्वेक्षण किया जाना चाहिए, इन मेंटर्स से आईपीएस से लेकर रंगरूट तक जरुरत पड़ने पर सलाह ले सके। पदोन्नति पूर्व पाठ्यक्रमों और सेवाकालीन पाठ्यक्रमों को पूरा करने के लिए क्षेत्रीय जिला मुख्यालय लाइन या नियंत्रण कक्ष में अतिरिक्त कमरे जोड़कर संभाग स्तर पर प्रशिक्षण केंद्र विकसित किए जाने की भी सिफारिश इस पॉलिसी में की गई है।

 *अभी 12 साल में एक बार होती है ट्रैनिंग* 

प्रदेश पुलिस में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और डीएसपी संवर्ग के अफसरों की मिड कैरियर ट्रैनिंग एक बार ही होती है। वह भी 12 साल की सेवा पूरी होने के बाद, इस सेवाकाल तक डीएसपी पदोन्नत होकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बन जाते हैं। जबकि डीएसपी में मिड कैरियर ट्रैनिंग नहीं दी जाती। इधर उपनिरीक्षक से लेकर निरीक्षक तक भी मिड कैरियर ट्रैनिंग करवाने का कोई नियम या व्यवस्था प्रदेश पुलिस में नहीं हैं। इसलिए जो पॉलिसी बनाई गई है, उसमें इसकी सिफारिश की गई है।