लोकसभा में गिरा अविश्वास प्रस्ताव,P M मोदी का विपक्ष पर ज़बर्दस्त पलटवार, ज़ोरदार संबोधन से निरुत्तर किया

अधीर रंजन चौधरी उनके आचरण के लिए प्रिवलेज कमेटी का निर्णय आने तक सदन से निलम्बित

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लोकसभा में गिरा अविश्वास प्रस्ताव,P M मोदी का विपक्ष पर ज़बर्दस्त पलटवार, ज़ोरदार संबोधन से निरुत्तर किया

गोपेंद्र नाथ भट्ट की विशेष रिपोर्ट 

नई दिल्ली।विपक्ष की लगातार टोकाटोकी और बायकाट के मध्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ज़बर्दस्त पलटवार और ज़ोरदार संबोधन के बाद गुरुवार को सायं लोकसभा में इण्डिया गठबंधन का अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से गिर गया और संसद शुक्रवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को उनके आचरण के लिए प्रिवलेज कमेटी का निर्णय आने तक सदन से निलम्बित कर दिया गया।

 

मणिपुर मामले पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा देश भरोसा रखे, मणिपुर में शांति का सूरज जरूर उगेगा।मैं मणिपुर के लोगों से भी कहना चाहता हूं कि देश आपके साथ है, हम आपके साथ हैं। उन्होंने मणिपुर के लोगों को विश्वास दिलाया कि मणिपुर फिर से विकास के मार्ग पर आगे बढ़ेगा।

 

प्रधानमंत्री मोदी लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के जवाब में दो घंटा बारह मिनट बोलें और प्रतिपक्ष के हर मुद्दे का सटीक जवाब देकर उन्हें निरुत्तर किया लेकिन इन्होंने मणिपुर पर प्रतिपक्ष के बायकाट करने के बाद ही अपना मुँह खोला।मोदी के भाषण के बीच विपक्षी इण्डिया इण्डिया का नारा लगाते रहें और मणिपुर पर जवाब दो आदि नारे लगाते रहें। विपक्षी नेताओं ने जब सदन से वॉकआउट किया उसके बाद मोदी ने व्यंग कसते हुए कहा कि लोकतंत्र में जिनका भरोसा नहीं होता है वो सुनाने को तैयार होते हैं लेकिन सुनने को तैयार नहीं होते।वे झूठ फैलाकर भाग जाते हैं।

इसके बाद मोदी ने मणिपुर पर बात की।वह बोले कि अगर विपक्ष ने गृह मंत्री की चर्चा पर सहमति जताई होती तो लंबी चर्चा भी हो सकती थी।विपक्षी पार्टियां अविश्वास प्रस्ताव पर सभी विषयों पर बोले, अब हमारा भी दायित्व बनता है कि देश के विश्वास को प्रकट करें और सब चीजों के बारे में बताएं।

अगर सिर्फ मणिपुर पर चर्चा की बात थी गृहमंत्री ने पत्र लिखकर कहा था लेकिन विपक्ष का इरादा चर्चा का नहीं था,इनके पेट में दर्द था लेकिन फोड़ सिर रहे थे।

मोदी ने आगे कहा कि मणिपुर की स्थिति पर गृह मंत्री ने विस्तार से सदन को बताया है,लेकिन विपक्ष को राजनीति के सिवाय कुछ नहीं करना है।

मोदी ने बताया कि मणिपुर में एक अदालत का फैसला आया।उसके पक्ष-विपक्ष में परिस्थिति बनी और हिंसा का दौर शुरू हुआ। कई लोगों ने अपनों को खोया, महिलाओं के साथ अपराध हुआ।मोदी ने बताया कि दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार काम कर रही है।

विपक्षी दलों ने कहा था कि मोदी ने नॉर्थ ईस्ट को देश का हिस्सा नहीं माना।इसपर पलटवार करते हुए मोदी ने तीन घटनाओं का जिक्र किया।मोदी ने कहा कि पांच मार्च 1966, कांग्रेस ने मिजोरम में असहाय नागरिकों पर अपनी वायुसेना से हमला करवाया था. क्या मिजोरम के लोग भारत के नागरिक नहीं थे, निर्दोष नागरिकों पर कांग्रेस ने हमला करवाया था. आज भी पांच मार्च को पूरा मिजोरम शोक मनाता है. कांग्रेस ने इस सच को छिपाया, कभी घाव भरने की कोशिश नहीं की. इस वक्त इंदिरा गांधी पीएम थीं. अकाल तख्त पर हमला सबको याद है, लेकिन ऐसे हमले पहले ही शुरू हो गए थे.दूसरी घटना 1962 की है. वह खौफनाक प्रसारण याद है. देश पर चीन का हमला हो रहा था. लोगों को मदद की आस थी. ऐसी विकट घड़ी में पंडित नेहरू ने वहां के लोगों को भाग्य पर जीने के लिए छोड़ दिया था.

मोदी आगे बोले कि जो लोग अपने आप को लोहिया का वारिस करते  हैं. लोहिया ने नेहरू पर आरोप लगाते हुए कहा था कि नेहरू जान बूझकर नॉर्थ ईस्ट का विकास नहीं कर रहे. उस जगह को हर तरह के विकास से वंचित रखा गया है.

मोदी ने आगे कहा कि जहां पर एक-दो लोकसभा सीट होती थीं उनकी तरफ कांग्रेस का ध्यान नहीं रहा. लेकिन हमारे लिए नॉर्थ ईस्ट जिगर का टुकड़ा है. मोदी ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट, मणिपुर की मौजूदा स्थिति की वजह कांग्रेस है.

मोदी ने कहा कि विपक्ष के नेताओं को बताना चाहिए कि कच्चतीवु क्या है. डीएमके वाले, उनके सीएम मुझे पत्र लिखकर कहते हैं कि कच्चतीवु वापस ले आएं. तमिलनाडु से आगे, श्रीलंका से पहले एक तापू किसने दूसरे देश को दिया था. क्या वो भारत माता, मां भारती का अंग नहीं था. ये इंदिरा गांधी के नेतृत्व में हुआ था।

‘मोदी ने राहुल को कहा फेल प्रोजेक्ट…’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कल यहां दिल से बात करने की बात कही गई ,उनके दिमाग के हाल को देश ने देखा था और अब उनके दिल का हाल भी देख लिया।इनका मोदी प्रेम भी जबरदस्त है. इनके सपने में भी मोदी आता है. अगर मोदी भाषण करते वक्त पानी पिए तो सीना तानकर कहेंगे कि देखिए मोदी को पानी पिला दिया.अगर मैं कड़ी धूप में जनता दर्शन को जाऊं तो कहेंगे देखिए मोदी को पसीना ला दिया. एक पंक्ति है डूबने वाले को तिनके का सहारा बहुत. दिन बहल जाए इतना इशारा ही बहुत. इतने पर भी गिर जाए बिजली तो कोई बतला दे डूबता फिर क्या करे.कांग्रेस बरसों से एक ही फेल प्रोजेक्ट को बार बार लॉन्च करती है. लेकिन वह फेल हो जाता है. इसका नतीजा ये हुआ कि जनता के प्रति उनकी नफरत सातवें आसमान पर है।उनके पीआर वाले प्रचार करते हैं कि मोहब्बत की दुकान का. लेकिन देश की जनता कह रही है कि ये लूट की दुकान और बाजार है. इसमें नफरत, घोटाले और तुष्टिकरण है. इस दुकान ने इमरजेंसी, बंटवारा, सिखों पर अत्याचार बेचा,  इन्होंने इतिहास बेचा है. शर्म करो नफरत की दुकान वालों तुमने सेना का स्वाभिमान बेचा है.मोदी ने आगे कहा कि जिन लोगों ने गमले में मूली नहीं उगाई वो खेतों को देखकर तो हैरान होंगे ही.

राहुल गांधी के भाषण पर भी किया वार

राहुल के भाषण का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि बहुत बार बुरा बोलने के इरादे में भी सच निकल जाता है।लंका हनुमान ने नहीं जलाई, उनके (रावण) घमंड ने जलाई।जनता भी भगवान राम का रूप है, इसलिए कांग्रेस के सांसद 400 से 40 हो गए हैं।

मोदी ने कहा कि कभी कांग्रेस नेताओं के जन्मदिन पर हवाई जहाज में केक काटे जाते हैं, लेकिन अब उस हवाई जहाज में गरीब के लिए वैक्सीन जाता है। एक जमाना था कि ड्राईक्लीन के लिए कपड़े हवाई जहाज से आते है. आज हवाई चप्पल वाला गरीब हवाई जहाज में उड़ रहा है.कभी छुट्टी मनाने, मौज मस्ती के लिए नौसेना के युद्धपोत को मंगवा लेते थे. लेकिन अब उन जहाजों में दूर फंसे भारतीय को लाया जाता है.

ये इण्डिया नहीं घमंडिया 

प्रधानमंत्री ने फिर से कहा कि ये इंडिया गठबंधन नहीं, घमंडिया गठबंधन हैं. इसकी बारात में हर कोई दूल्हा बनना चाहता है. हर कोई पीएम बनना चाहता है. इस गठबंधन ने ये भी नहीं सोचा कि किस राज्य में आपका किससे कैसा कनेक्शन है। बंगाल में आप टी एम सी और कम्यूनिस्ट पार्टी के खिलाफ हैं।दिल्ली में साथ हो गए।केरल के वायनाड में जिन लोगों ने कांग्रेस के दफ्तर में तोड़फोड़ की, उसके साथ दिल्ली में इन्होंने हाथ मिला लिया।बाहर से लेबल तो बदल लेंगे लेकिन पुराने पापों का क्या होगा।आप जनता से ये पाप नहीं छिपा सकते।अभी हालात ऐसे हैं तो हाथों में हाथ हैं, जहां हालात बदले तो छुरियां निकल जाएंगी।

‘कांग्रेस ने चुनाव चिन्ह ही नही विचार तक चुराए’

मोदी बोले कि कांग्रेस को लगता है कि नाम बदलकर देश पर राज कर लेंगे. लोगों को उनका नाम तो दिखता है लेकिन काम नहीं. हॉस्पिटल उनके नाम पर है. लेकिन इलाज नहीं है. एयरपोर्ट, पुरस्कारों पर उनका नाम. योजनाएं अपने नाम से चलाईं फिर हजारों-करोड़ के भ्रष्टाचार करे. जनता काम होते देखना चाहती है लेकिन उसे मिला सिर्फ परिवार का नाम.कांग्रेस के नाम से जुड़ी कोई चीज उनकी नहीं है. चुनाव चिन्ह से लेकर विचारों तक सब कुछ अपना होने का दावा करती है, वह किसी और से लिया हुआ है.पार्टी के संस्थापक ए ओ ह्यूम थे, एक विदेशी. 1920 को भारत के स्वतंत्रता संग्राम को एक नई ऊर्जा और ध्वज मिला. देश ने उसको अपनाया. कांग्रेस ने उस ध्वज की ताकत को देखकर रातोरात उसे छीन लिया।उसमें लगे प्रतीक को सोचा कि ये गाड़ी चलाने के काम आएगा।तिरंगा झंडा देखकर लोगों को लगेगा कि उनकी ही बात हो रही है।वोटरों को बुलाने के लिए गांधी नाम भी चुरा लिया।कांग्रेस के चुनाव चिन्ह दो गाय बैल, फिर हाथ…

मोदी ने कहा कि कांग्रेस को देश के संस्कार की समझ नहीं बची है. पीढ़ी दर पीढ़ी ये लोग लाल-हरी मिर्च में फर्क नहीं कर पाए. जिनको सिर्फ नाम का सहारा है उनके लिए कहा गया है कि दूर युद्ध से भागते, नाम रखा रणधीर, भाग्य चंद की आज तक सोई है तकदीर.

मोदी ने कहा कि कांग्रेस की मुसीबत ऐसी है कि खुद को जिंदा रखने के लिए इनको एनडीए का ही सहारा लेना पड़ा. लेकिन आदत के मुताबिक घमंड का जो I है वह इनको छोड़ता नहीं है, इनके एनडीए के साथ दो जोड़ दिए. पहला 26 दलों का घमंड, दूसरा I एक परिवार का घमंड. एनडीए भी चुरा लिया, खुद बचने के लिए और इंडिया के भी टुकड़े I.N.D.I.A. कर दिए. मोदी बोले कि मैं विपक्ष के साथियों के प्रति संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं. आपने अभी बेंगलुरु में करीब दो दशक पुराने यूपीए का क्रियाक्रम, अंतिम संस्कार किया है. लेकिन साथ में जश्न भी मना रहे थे. यह खंडहर पर नया प्लास्टर लगाने जैसा था. दशकों पुरानी खटारा गाड़ी को इलेक्ट्रिक व्हीकल दिखाने की कोशिश हुई.

मोदी ने की विपक्षी की तारीफ!

मोदी बोले कि विपक्ष के साथियों की एक बात के लिए तारीफ करना चाहता हूं. वैसे वो सदन के नेता को नेता नहीं मानते. लेकिन मैं उनकी एक बात के लिए उनकी तारीफ करूंगा. सदन के नेता के नाते मैंने उनको एक काम दिया था. मैंने कहा था कि 2023 में अविश्वास प्रस्ताव लेके आओ. वो लोग लेकर आए. मेरी बात मानी उन्होंने. लेकिन मुझे दुख इस बात का है कि उनको पांच साल मिले. थोड़ा अच्छा करते. थोड़ी तैयारी करते. ना मुद्दे खोज पाए. देश को इन्होंने निराश किया है. 2028 में फिर कोशिश कीजिएगा. जब 2028 में प्रस्ताव लेके आएं तो तैयारी करके आना. ऐसे घिसी-पिटी बातें लेकर मत आना, देश को लगे कि कम से कम आप विपक्ष के योग्य हो, आपने वो योग्यता भी खो दी।

*अविश्वास प्रस्ताव की ताकत है कि हम पीएम मोदी को सदन तक खींच लाए*

इससे पहले कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ये अविश्वास प्रस्ताव की ताकत है कि हम पीएम मोदी को सदन तक खींच लाए.इससे पहले को विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने जवाब दिया. इसके बाद असदुद्दीन ओवैसी ने मणिपुर मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा. उन्होंने देशभर में मुसलमानों के साथ अत्याचार की बात कही. ओवैसी ने चीन और हरियाणा में नूंह का मुद्दा भी उठाया. इसके बाद टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने मणिपुर हिंसा पर सरकार को घेरा. उन्होंने पूछा कि किस राज्य में थानों से 5 हजार हथियार और लाखों गोलियां लूटी गईं।