‘एग्जिट’ नहीं, अभी ‘एंट्री’ बरकरार…
आखिर तमाम कयासों और आशंकाओं के बीच वह शाम आ ही गई, जिसका राजनैतिक दलों और न्यूज चैनल्स को लंबे समय यानि करीब ढाई महीने से बेसब्री से इंतजार था। सातवें चरण की करीब पांच दर्जन लोकसभा सीटों पर मतदान जारी था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात चरण के प्रचार की कवायद के बाद विवेकानंद रॉक पर 45 घंटे का ध्यान कर उठ गए थे। और 1 जून 2024 को शाम छह बजे मतदान का समय पूरा होने के बाद सबकी निगाहें टीवी चैनल्स पर गढ गई थीं। और साढे छह बजे तमिलनाडु से ही एग्जिट पोल्स ने अपनी अनुमान यात्रा शुरू कर दी थी। तो कश्मीर तक अलग-अलग अंदाज में तकरीबन सभी एक ही परिणाम को परोस रहे थे। समग्र रूप में वह यही था कि एनडीए सरकार की वापसी हो रही है और इंडी गठबंधन को पांच साल के लिए फिर धैर्य और संयम के इम्तिहान से गुजरना पड़ेगा। यानि कि 2024 में भी एनडीए गठबंधन का सत्ता से ‘एग्जिट’ नहीं है और एंट्री 11 वें साल भी बरकरार रहेगी। ‘मोदी’ मैजिक बरकरार है। मोदी का 80 करोड़ हितग्राहियों का सुरक्षा कवच पूरी तरह से उनके कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार है। चुनाव में भले ही विकास मुद्दा न बने, पर मोदी राज में विकास से मतदाता खुश है। कर देते-देते भी करदाता चाहता है कि मोदी राज बरकरार रहे। पर एक बात गौर करने वाली है कि कांग्रेस यानि इंडी गठबंधन ने एग्जिट पोल्स के भौंपू पर झूमने या रोने से साफ मना कर दिया है। और यह दावा दोहराया है कि 4 जून को भाजपा सरकार की विदाई और इंडी गठबंधन की सत्ता में ‘एंट्री’ तय है। तो भाजपा और एनडीए गठबंधन के दल उम्मीदों से भरे हुए उत्साहित हैं।
सभी 543 सीटों पर मतदान हो चुका है। कायदे से 4 जून को दोपहर तक ही सारी तस्वीर साफ हो जाएगी। तब ‘किन्तु-परन्तु’ जैसा कुछ भी नहीं बचेगा। सबको परिणाम स्वीकार करना ही पड़ेगा। भले ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहे। पर एग्जिट पोल्स बता रहे हैं कि एनडीए गठबंधन को तीन सौ पार रहना तय है तो भाजपा भी तीन सौ पार के अपने 2019 के रुतबे को बरकरार रखती दिख रही है। पर इससे ‘मोदी-शाह’ को शायद ही खास फर्क पड़े, क्योंकि वह तो तीसरी बार सरकार बनाने को लेकर प्रतिबद्ध थे। पर मध्यप्रदेश में जिस तरह एग्जिट पोल्स में भाजपा को सभी 29 सीटें मिलने का अनुमान सामने आया है, उससे मध्यप्रदेश सत्ता और संगठन की खुशी का ठिकाना नहीं है। वहीं डबल डिजिट में लोकसभा सीटें मिलने का दावा करने वाली कांग्रेस का निराश होना भी स्वाभाविक है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने डबल डिजिट की हुंकार भरी थी, इसमें घनघोर बाधा आती नजर आ रही है। कांग्रेस में दूसरा चेहरा उमंग सिंघार का है, जो नेता प्रतिपक्ष के नाते थोड़ा दुख मनाने की नैतिक जिम्मेदारी रखते हैं। तो दूसरी तरफ भाजपा की त्रिमूर्ति मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा अथक मेहनत के बाद संतुष्टि का अहसास कर रहे होंगे। अब मध्यप्रदेश में भाजपा को कतई चिंता नहीं है। 4 जून को ‘एग्जिट’ पोल्स पर मुहर लगे तो फील गुड और थोड़ा इधर-उधर हुआ तो भी मंजूर कर लेंगे। पर 4 जून के पहले तो तीन रातें सुकून भरी रहेंगी।
प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हमारा अभियान चला था ‘फिर एक बार मोदी सरकार’….अभी तक के जो रुझान आ रहे हैं, वो अपने आप में अत्यंत आनंददायी है। अभी रुझान आया है, चार तारीख को रिजल्ट भी आएगा। रुझान में मध्यप्रदेश की सभी 29 सीटें आ रही है। साथ ही देशभर में एनडीए की सीतें 370 से ऊपर जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में जो कहा था, वो करके दिखा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने लोकसभा चुनाव के एग्जिट पोल पर कहा कि 4 जून के चुनाव परिणाम की झलक आज के एग्जिट पोल में दिख रही है। ‘एग्जिट पोल’ से भी बेहतर भाजपा के ‘एग्जेक्ट पोल’आयेंगे। भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा जी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं के परिश्रम और डबल इंजन की भाजपा सरकार के कार्यों के आधार पर हमें पूरा भरोसा है कि भाजपा प्रदेश की 29 सीटों पर प्रचंड विजय हासिल करेगी। मध्यप्रदेश सहित देशभर की जनता ने नरेन्द्र मोदी जी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट किया है। भाजपा इस चुनाव में 10 प्रतिशत वोट शेयर बढ़ाने के लक्ष्य को भी पूरा करने जा रही है। वहीं कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने ‘एग्जिट पोल्स’ का बहिष्कार किया है। उनके भरोसे की परीक्षा भी 4 जून को ही है। पर यह तस्वीर अब साफ हो रही है कि एनडीए गठबंधन का फिलहाल सत्ता से ‘एग्जिट’ नहीं है और दस साल के बाद ग्यारहवें साल भी ‘एंट्री’ बरकरार है…।