No Seats for Reserved Students : आरक्षित वर्ग के स्टूडेंट्स को मेडिकल सीट नहीं, MP सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार!
New Delhi : मध्यप्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों (Govt Students) के लिए मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में 5% सीटें रिजर्व करने के मामले में बार-बार नोटिस के बाद भी मध्य प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल नहीं किया। अब मामले में कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने डीएमई और मध्य प्रदेश सरकार से 10 दिन में जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि यदि हलफनामा पेश नहीं किया जाता है तो भी सुनवाई होगी।
मप्र स्टेट लेवल कंबाइंड नीट यूजी काउंसलिंग 2023 से लागू इस व्यवस्था में जीएस के लिए 197 सीट थीं। इनमें से 108 पर तो बाकी वर्गों के प्रवेश हो गए। लेकिन, 89 सीटें अनारक्षित थीं। इनमें भी 12 सीट पर जीएस कोटे के अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को प्रवेश मिला, पर शेष 77 सीट सामान्य पूल में डाल दी गईं। जबकि, जीएस कोटे में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी उपलब्ध थे।
कई छात्र सुप्रीम कोर्ट चले गए। कोर्ट ने पहले 29 जनवरी को नोटिस जारी किया पर सरकार की ओर से जवाब नहीं दिया गया। इसके बाद फिर से दो सप्ताह में हलफनामा पेश करने का समय दिया था, पर 15 जुलाई को हुई सुनवाई में जवाब पेश नहीं किया गया। याचिकाकर्ता के एडवोकेट सिद्धार्थ अय्यर के अनुसार, मामले में राज्य सरकार जवाब दाखिल नहीं कर रही है। कोर्ट यह जानता चाहता है कि राज्य सरकार आरक्षण नियमों का पालन सही ढंग से कर रही है या नहीं।
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