अब ‘मोहन’ की निगरानी में बन रहा ‘विकास का उज्जैन मॉडल’…
कौशल किशोर चतुर्वेदी
सिंहस्थ के पहले उज्जैन में मेडिसिटी एवं चिकित्सा महाविद्यालय बनकर तैयार हो जाएगा। महाकाल की निगरानी में अब हर मर्ज का इलाज उज्जैन की मेडिसिटी में होगा।उज्जैन का मेडिसिटी दुनियाभर में जाना जायेगा। प्रायवेट सेक्टर के साथ मिलकर उज्जैन में ही मेडिकल टूरिज्म भी स्थापित होगा। 21 नवंबर 2024 को मुख्यमंत्री ने उज्जैन में 592.30 करोड़ की मेडिसिटी एवं चिकित्सा महाविद्यालय का भूमि-पूजन किया है। मेडिसिटी उज्जैन के संपूर्ण विकास की कड़ी का एक हिस्सा भर है। महाकाल के आशीर्वाद से डॉ. मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद पिछले 11 माह 8 दिन में उज्जैन में विकास का जो विराट खाका तैयार हुआ है, वह अकल्पनीय है। 2028 के सिंहस्थ में उज्जैन विकास की दृष्टि से सिंह की तरह गर्जना करने वाला है। यह विकास उज्जैन को मध्यप्रदेश में पहली पंक्ति में स्थापित करेगा। ठीक उसी तरह जैसे धार्मिक महत्व में उज्जयिनी पहले से पहली पंक्ति में आसीन है। और मोहन के मुख्यमंत्री बनते ही इसे धार्मिक राजधानी का तमगा हासिल हो चुका है। अब चाहे धर्म हो, पर्यटन हो, उद्योग हो, शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो, बिजली, सड़क, पानी, रोजगार हो या कहें समग्र विकास…यह स्थापित हो गया है कि मोहन की निगरानी में ‘विकास का उज्जैन मॉडल’ तैयार हो रहा है। इसके बाद ‘विकास का छिंदवाड़ा मॉडल’ कोसों मील पीछे छूटने वाला है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश के उज्जैन को मेडिसिटी एवं चिकित्सा महाविद्यालय की सौगात दी है। सिंहस्थ के पहले यह महत्वाकांक्षी प्राजेक्ट तैयार हो जायेगा। इस नवीन व्यवस्था से महाकाल की निगरानी में अब हर मर्ज का ईलाज होगा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में उज्जैन की मेडिसिटी दुनियाभर में जानी जायेगी। उज्जैन में हाईटेक स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ मेडिकल डिवाईस पार्क भी विकसित होगा। एक ही परिसर में सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हाईराईज बिल्डिंग बनाई जाएगी तथा एक-एक इंच भूमि का उपयोग किया जायेगा। परिसर में ही चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ आदि के लिए आवासीय व्यवस्था रहेगी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश गठन के बाद वर्ष 2003-04 तक प्रदेश में कुल 05 मेडिकल कॉलेज थे। आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में प्रदेश में 30 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं, जिनमें 17 सरकारी हैं और 13 निजी क्षेत्र के हैं। उन्होंने कहा कि सरकार और समाज सहकार के साथ व्यवस्थाएं बनाएंगे। अगले वर्ष 12 मेडिकल कॉलेज और तैयार हो रहे हैं। जिन चिकित्सालयों की क्षमता अधिक है वहां चिकित्सा शिक्षा की व्यवस्था करने की भी योजना है। प्रदेश में पहले चिकित्सा शिक्षा एवं लोक स्वास्थ्य अलग-अलग विभाग होते थे, जिन्हें अब एक कर दिया गया है। सरकार एक-एक पैसे का सदुपयोग कर आम जनता को सुविधाएं दे रही है। उज्जैन में प्रायवेट सेक्टर के साथ मिलकर मेडिकल टूरिज्म की स्थापना भी की जाएगी। उज्जैन में प्रदेश ही नहीं बल्कि विदेशों से आने वाले सभी मरीजों का उपचार किया जायेगा।
वर्तमान में प्रदेश में 5000 विद्यार्थियों को चिकित्सा शिक्षा प्रदान की जा रही है, जो आने वाले समय में 10 हजार हो जायेगी। साथ ही प्रदेश में आयुर्वेद के 5 मेडिकल कॉलेज शुरू होने वाले हैं। उज्जैन के आयुर्वेदिक धनवंतरी महाविद्यालय को सर्वसुविधायुक्त एम्स की तरह बनाया जायेगा, इसकी प्रक्रिया चल रही है। साथ ही उज्जैन में हौम्योपैथी महाविद्यालय भी शुरू कर रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को रोजगार मूलक पैरामेडिकल एवं नर्सिंग की शिक्षा देने के निर्देश दिये गये हैं, इससे प्रदेश में रोजगार उपलब्ध होगा। विश्वविद्यालय को पैरामेडिकल एवं नर्सिंग परीक्षाएं भी आयोजित करने के निर्देश दिये गये हैं। प्रदेश के सभी चिकित्सालयों में शव वाहन की व्यवस्था भी की जा रही है। उज्जैन में निर्मित होने वाली प्रदेश की पहली मेडिसिटी एवं मेडिकल कॉलेज 14.97 एकड़ में 592.3 करोड़ रूपये की लागत से बनेगा। इसमें 6 हाईराइज टॉवर होंगे। टीचिंग हॉस्पिटल का भवन 9 मंजिला होगा, जिसमें बेसमेंट भी शामिल है। मेडिकल कॉलेज का भवन 8 मंजिला होगा इसमें भी बेसमेंट बनाया जाएगा। नर्सेस होस्टल, आरडीएच भवनब्लॉक व यूजी इंटर्न गर्ल्स होस्टल के 14 मंजिला होंगे। वहीं यूजी इंटर्न बॉइस होस्टल का भवन 11 मंजिला होगा। मेडिसिटी चिकित्सा महाविद्यालय सम्पूर्ण रूप से दक्ष होगा इसमें रिसर्च एंड डवलपमेंट की सभी सुविधाएँ होंगी। इस महाविद्यालय में 550 बेड की क्षमता का अस्पताल होगा तथा इसमें 150 मेडिकल छात्रों को चिकित्सा शिक्षा प्रदान की जाएगी। महाविद्यालय में 380 क्षमता का नर्सिंग होस्टल, यूजी इन्टर्न गर्ल्स व बोइस होस्टल, सर्विस ब्लॉक, लाईब्रेरी, पार्किंग, जिमनेशियम, फुटओवर ब्रीज की सुविधाओं से सम्पन्न होगा। मेडिसिटी मेडिकल कॉलेज के भवन में उर्जा दक्षता, फायर सेफ्टी, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, सोलर पॉवर, इलेक्ट्रिसिटी बेकअप, सिवरेज ट्रीटमेंट प्लाँट आदि आधुनिक तकनीकों का उपयोग होगा।
यह बानगी है विकास की भव्यता की, जो उज्जैन में महाकाल की छाया में खिलखिला रहा है। क्षिप्रा के तट पर सिंहस्थ-2028 के पहले ही यह मोहन की तरह लुभाएगा। संदीपनी आश्रम के पथ पर कृष्ण-सुदामा की दोस्ती जैसा सबके दिलों में बस जाएगा। इक्कीसवीं सदी के इस तीसरे दशक में स्वास्थ्य की तरह विकास का हर क्षेत्र महाकाल की नगरी में आकाश को छूने वाला है। और तब मोहन की तरफ सबकी निगाहें होंगी और ‘विकास का उज्जैन मॉडल’ महाकाल की नगरी में आने वाले हर जन का मन मोह लेगा…।