Nursing Scam : विधानसभा में नर्सिंग कॉलेज घोटाले पर भारी हंगामा, मंत्री सारंग से इस्तीफा मांगा!

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा 'नियमों का दुरुपयोग किया गया, फर्जी कॉलेजों को मान्यता दी!'

424

Nursing Scam : विधानसभा में नर्सिंग कॉलेज घोटाले पर भारी हंगामा, मंत्री सारंग से इस्तीफा मांगा!

Bhopal : नर्सिंग कॉलेज घोटाले पर मंगलवार को विधानसभा में भारी हंगामा हुआ। इस मामले पर 4 घंटे चर्चा हुई। कांग्रेस की तरफ से आरोप लगाया गया कि नर्सिंग काउंसिल के चुनाव न कराकर मंत्री और अधिकारियों ने मनमर्जी से फर्जी कॉलेजों को मान्यता दी। कांग्रेस ने मंत्री विश्वास सारंग से इस्तीफे की मांग की तो उन्होंने कहा मैं मंत्री पद से इस्तीफा नहीं दूंगा। नर्सिंग कॉलेज की मान्यता को लेकर विधानसभा में मंगलवार को सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष के बीच दिनभर बहस हुई। कांग्रेस के सदस्यों द्वारा प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से इस्तीफा लेकर सर्वदलीय कमेटी से जांच की मांग पर सत्तापक्ष और प्रतिपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई।

जब यह गड़बड़ी हुई तब विश्वास सारंग चिकित्सा शिक्षा मंत्री थे। इसलिए मामले को लेकर विश्वास सारंग ने भी साफ कह दिया कि मैं त्यागपत्र कतई नहीं दूंगा। सदन में नर्सिंग कॉलेज घोटाले पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के सदस्यों ने आरोप लगाया कि नर्सिंग काउंसिल के चुनाव न कराकर मंत्री और अधिकारियों ने मनमर्जी से मान्यता दी। आशय यह कि बड़े पैमाने पर अनियमितता हुई। जिन्हें पात्रता नहीं थीं, उन्हें भी पदस्थ किया गया।

कांग्रेस ने नियमों का हवाला दिया

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, उप नेता हेमंत कटारे, जयवर्धन सिंह, भंवर सिंह शेखावत समेत प्रतिपक्ष के कई सदस्यों ने आरोप लगाया कि नर्सिंग कॉलेज को मान्यता देने में सुनियोजित तरीके से घोटाला किया गया। नर्सिंग काउंसिल के चुनाव नहीं कराए गए। आउटसोर्स वाले रखे गए। पेपर लीक मामले में सुनीता शिजू के विरुद्ध ईओडब्ल्यू में प्रकरण है, फिर भी उन्हें रजिस्ट्रार बनाया गया। स्टाफ नर्स को इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी गई। योगेश शर्मा को प्रशासक बनाया, जिन्हें नियमानुसार बनाया ही नहीं जा सकता है।

नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि तत्कालीन मंत्री विश्वास सारंग ने डीन को पत्र लिखा। जिन कालेजों को अपात्र घोषित किया गया था, उन्हें मंत्री के निर्देश पर मान्यता दी गई। एक वर्ष में 219 कॉलेजों को मान्यता दी। हाईकोर्ट के निर्देश पर जांच में धांधली उजागर हो चुकी है। कोई भी इससे बच नहीं सकता है। मंत्री, अधिकारी और निरीक्षणकर्ता सब दोषी हैं। इन्होंने लाखों विद्यार्थियों का भविष्य और उनके माता-पिता के सपने का दांव पर लगाने का अपराध किया है। सिंघार के आरोपों पर संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने प्रश्न उठाए और गलत कहा तो सिंघार ने कहा कि उनके आरोप गलत साबित हुए तो नेता प्रतिपक्ष पद से त्यागपत्र दे दूंगा।

विश्वास सारंग की भूमिका रही

लाखों विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ। इसमें तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग की भूमिका रही है, उनका त्यागपत्र लेकर सर्वदलीय कमेटी से जांच कराई जाए।

विपक्ष के आरोप बेबुनियाद

उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राजेंद्र शुक्ल ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया और तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग को क्लीनचिट देते हुए कहा कि सारंग इस मामले में पूरी तरह से खरे हैं। उन्होंने ईमानदारी के साथ व्यवस्था को सुधारने का काम किया है। जिन कालेजों को अनुपयुक्त पाया गया उनमें 39 को मान्यता कमल नाथ सरकार में दी गई थी। वहीं, सारंग ने कहा कि मैं त्यागपत्र कतई नहीं दूंगा।

राजेंद्र शुक्ल प्रतिपक्ष के सदस्यों के आरोपों को उप मुख्यमंत्री स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राजेंद्र शुक्ल ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि 2018 के पहले मान्यता इंडियन नर्सिंग काउंसिल देती थी लेकिन फिर राज्यों की काउंसिल बनी। सीबीआइ जांच में जो 66 अनुपयुक्त कालेज पाए गए, उनमें से 39 को मान्यता कांग्रेस सरकार में दी गई थी।

आधारहीन और तथ्यों से परे आरोप लगाए गए हैं। दो वर्ष में 480 मान्यता के आवेदन निरस्त किए गए। तीन वर्षों में 502 अस्पतालों का पंजीयन निरस्त किया। मान्यता देने में गड़बड़ी करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। दो रजिस्ट्रार बर्खास्त किए जा चुके हैं तो सात का पदावनत किया है।

जो भी दोषी होगा कार्रवाई होगी

हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति बनी है। जो भी दोषी होगा कार्रवाई होगी। विद्यार्थियों का राज्य सरकार अहित नहीं होने देगी। दिसंबर 2025 तक एक लाख विद्यार्थियों की परीक्षा कराएंगे। मंत्री विश्वास सारंग को क्लीन चिट देते हुए कहा कि वह इस मामले में पूरी तरह खरे हैं। ईमानदारी के साथ व्यवस्था को सुधारने का काम किया है। मंत्री का मान्यता और संबद्धता के मामले में कोई हस्तेक्षप नहीं होता है।