Objection to Digging in Bhojshala : मुस्लिम पक्ष को सर्वे में खुदाई पर आपत्ति, कहा ये सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन!  

नमाज अता करने के बाद शहर काजी और मुस्लिम प्रतिनिधि  विरोध दर्ज कराया!

882

Objection to Digging in Bhojshala : मुस्लिम पक्ष को सर्वे में खुदाई पर आपत्ति, कहा ये सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन!  

धार से वरिष्ठ पत्रकार छोटू शास्त्री की रिपोर्ट

Dhar : शुक्रवार को भोजशाला में सर्वे का 29वें दिन एएसआई द्वारा किए जा रहे सर्वे पर मुस्लिमों ने आपत्ति उठाते हुए इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताया। शुक्रवार को नमाज अता करने के बाद शहर काजी वकार सादिक ने मीडिया से चर्चा की। उनके अलावा मुस्लिम प्रतिनिधि अब्दुल समद ने भी सर्वे के कामकाज पर अपना विरोध दर्ज किया।

IMG 20240419 WA0092

शहर काजी ने कहा कि अभी हम मस्जिद में जो देखकर आए है, वह पूरी तरह से उच्चतम न्यायालय की अवहेलना हो रही है। कमाल मौलाना मस्जिद के बाएं तरफ दक्षिण दिशा में चार फीट तक खोद दिया गया, इससे वहां पर नमाजी नमाज पढने से वंचित रहे। यह हमारे मूल अधिकारों का हनन है और मानव अधिकारों का भी हनन है।
शहर काजी ने कहा कि क्या कोई ऐसा नहीं है, जो कि आदेश का पालन करवा सके? क्या हमारा कोई अधिकार नहीं है, कब तक इनकी मनमानी चलेगी? जबकि, फिजिकल डिगिंग के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मना किया है। बोलते किसको हैं कि धूल हटा दो। अगर आपने हाथ से हटाने की कोशिश की, तो फिजिकल डिगिंग में आ जाएगा। उच्चतम न्यायालय का और उच्च न्यायालय ने भी बोला था कि सर्वे में इमारत को किसी भी तरह का नुकसान न हो। इन लोगों ने हमारी मस्जिद का मूल स्वरूप बदल दिया। यह घोर आपत्तिजनक है। यह उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवहेलना है।

जिस तरह खुदाई हो रही, वो आपत्तिजनक 
मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद ने भी सर्वे कार्य पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि आज सुबह 6 बजे से सर्वे स्टार्ट हुआ था। पीछे की जो सफाई चल रही है। उन्होंने पीछे की तरफ दक्षिण क्षेत्र में जो लाइन डाली थी, उसमें करीब डेढ फिट खुदाई आज की गई। उन्होंने नीचे एक पक्की जमीन टाईप की जगह निकली है। आज उसकी साफ सफाई कर रहे थे। जो स्क्रैच वगैरह बने है, कुछ निशान निकले हैं, जो कुछ उर्दू में बने हुए है, कुछ हिन्दी में। उन निशानों की प्रिंट वह ड्राइंग शीट में लेते जा रहे हैं। जो आकृति बनी है, उसे सेम टू सेम उतारा जा रहा है।

दोनों ही समाज को इस पर आपत्ति होना चाहिए। सामने वाला पक्ष आपत्ति क्यों नहीं ले रहा है, यह उनकी मानसिकता पर डिपेंड करता है। हमारा अधिकार है, हमारी मस्जिद है। हम इसे अपनी मस्जिद मानते हैं, हमारा परिसर है। अगर वहाँ एक भी गैंती चलती है, तो वह करोड़ों मुसलमानों के दिल पर लगती है।

उच्चतम न्यायालय के सामने हमने यह बात रखी थी। इस तरह की कोई चीज वहां नहीं की जाए जिससे उस स्थान को नुकसान हो। उच्चतम न्यायालय ने भी कहा कि किसी भी तरह की खुदाई नहीं की जाए जिससे मॉन्युमेंट का स्वरूप बदले या फिर नुकसान हो। फिर भी ये लोग इनलीगल तरीके से खुदाई पर खुदाई किए जा रहे हैं। हम आपत्ति पेश किए जा रहे हैं, निवेदन किए जा रहे है। इस संबंध में हम बहुत जल्द कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे और कोर्ट के द्वारा जो भी आदेश होगा वह सर्वमान्य होगा।