श्रावण के प्रथम सोमवार को बाबा श्री महाकाल मनमहेश के रूप में नगर भ्रमण पर निकलेंगे

रविवार को देश भर से आये करीब ढाई लाख श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के दर्शन किये

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श्रावण के प्रथम सोमवार को बाबा श्री महाकाल मनमहेश के रूप में नगर भ्रमण पर निकलेंगे

उज्जैन से मुकेश भीष्म की रिपोर्ट

उज्जैन : विश्व प्रसिद्ध बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक दक्षिणमुखी भगवान श्री महाकालेश्वर की श्रावण-भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में श्रावण माह के पहले दिन ही सोमवार 10 जुलाई को सवारी नगर भ्रमण पर अपने भक्तों को दर्शन देने के लिये परम्पमरागत मार्ग से निकाली जावेगी।

वही रविवार को देश भर से आये करीब ढाई लाख श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के दर्शन किये। वहीं श्रावण की पहली सवारी के पूर्व अधिकारियों ने व्यवस्थाओं को धरातल पर देखने के लिए सवारी मार्ग का अवलोकन किया।

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर श्री संदीप कुमार सोनी ने बताया कि, भगवान श्री महाकालेश्वर की प्रथम सवारी ठाठ-बाट से परम्परागत मार्ग से निकाली जायेगी। पालकी में भगवान मनमहेश के स्वरूप में अपने भक्तों को दर्शन देने के लिये नगर भ्रमण पर निकलेंगे।
भगवान श्री महाकालेश्वर के श्री मनमहेश स्वरूप का विधिवत पूजन-अर्चन महाकाल मन्दिर के सभा मण्डप में होने के पश्चात भगवान श्री मनमहेश पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे।

भगवान की सवारी मन्दिर से अपने परंपरागत निर्धारित समय शाम 4 बजे निकलेगी। मन्दिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा भगवान श्री मनमहेश को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी जायेगी।

भगवान श्री महाकालेश्वर की पालकी मन्दिर से निकलने के बाद महाकाल रोड, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी। जहां शिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जायेगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मन्दिर, सत्यनारायण मन्दिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्व्र मन्दिर पहुंचेगी।

सवारी के दौरान श्रद्धालुओं से अपील की जाती है कि कृपया सवारी मार्ग में सड़क की ओर व्यापारीगण भट्टी चालू न रखें और न ही तेल का कड़ाव रखें। दर्शनार्थी सवारी में उल्टी दिशा में न चलें और सवारी निकलने तक अपने स्थान पर खड़े रहें।
दर्शनार्थी कृपया गलियों में वाहन न रखें। श्रद्धालु सवारी के दौरान सिक्के, नारियल, केले, फल आदि न फैंकें। सवारी के बीच में प्रसाद और चित्र वितरण न करें। इसके अलावा पालकी के आसपास अनावश्यक संख्या में लोग न रहें। मंदिर के जिस मुख्य द्वार से राजाधिराज महाकाल की पालकी नगर भ्रमण के लिए निकलेगी, केवल पारंपरिक नौ भजन मंडलियां व झांझ डमरू दल को सवारी में शामिल किया जाएगा।

सवारी के पूर्व रविवार शाम को कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम,पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा, नगर निगम कमिश्रर रौशन कुमार सिंह, एडीएम अनुकूल जैन, मंदिर प्रशासक संदीप सोनी, समिति सदस्य राजेंद्र शर्मा, पं. प्रदीप पुजारी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने महाकाल मंदिर के सभामंडप से सवारी मार्ग का अवलोकन करते हुए मॉक ड्रिल की। इस दौरान सामने नजर आई कमियों को तत्काल ही दूर करने के निर्देश भी अधिकारियों ने दिए है।