Opposition Notice Rejected : उपराष्ट्रपति को पद से हटाने के विपक्ष के नोटिस को उपसभापति ने खारिज किया!

नोटिस खारिज करते हुए कहा कि यह तथ्यों से परे है, इसका मकसद प्रचार हासिल करना! पढ़िए, विपक्ष के नोटिस पर उपसभापति का पत्र!

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Opposition Notice Rejected : उपराष्ट्रपति को पद से हटाने के विपक्ष के नोटिस को उपसभापति ने खारिज किया!

New Delhi : राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने गुरुवार को विपक्ष का वह नोटिस खारिज कर दिया जिसमें पक्षपातपूर्ण तरीके से उच्च सदन के संचालन का आरोप लगाते हुए सभापति जगदीप धनखड़ को पद से हटाने की मांग की गई थी। हरिवंश ने यह कहते हुए विपक्ष का नोटिस खारिज किया कि यह तथ्यों से परे है। इसका मकसद केवल प्रचार हासिल करना है।

जानकारी के मुताबिक, उपसभापति ने कहा कि जगदीश धनखड़ के खिलाफ नोटिस अनुचित और त्रुटिपूर्ण है, जिसे उपराष्ट्रपति की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए जल्दबाजी में तैयार किया गया है। बताया गया कि राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी को सौंपे अपने फैसले में हरिवंश ने कहा कि नोटिस देश की संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा कम करने और मौजूदा उपराष्ट्रपति की छवि खराब करने की साजिश का हिस्सा है।

विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों ने सभापति को उपराष्ट्रपति पद से हटाने के लिए प्रस्ताव लाने संबंधी नोटिस 10 दिसंबर को राज्यसभा के महासचिव को सौंपा था। विपक्ष ने कहा था कि जगदीप धनखड़ द्वारा ‘अत्यंत पक्षपातपूर्ण’ तरीके से राज्यसभा की कार्रवाई संचालित करने के कारण यह कदम उठाना पड़ा है।

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नोटिस पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, द्रमुक, समाजवादी पार्टी और कई अन्य विपक्षी दलों के 60 नेताओं ने हस्ताक्षर किए थे। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, द्रमुक नेता तिरुचि शिवा और तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन ने इस नोटिस पर हस्ताक्षर नहीं किए थे।

समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर रॉय, राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता प्रमोद तिवारी, मुख्य सचेतक जयराम रमेश, वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला और कई अन्य वरिष्ठ सदस्यों ने जगदीप धनखड़ के खिलाफ दिए गए नोटिस पर हस्ताक्षर किए थे।