Overbridge becomes a menace : ओवरब्रिज बना मुसीबत, नगर पालिका के मातहत क्यों बने मूकदर्शक!

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Overbridge becomes a menace : ओवरब्रिज बना मुसीबत, नगर पालिका के मातहत क्यों बने मूकदर्शक!

उड़ती धूल से जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़!

श्री श्वेतांबर जैन वरिष्ठ महासंघ ने भी उठाया था जनहित का मुद्दा!

Jaora : जिले के जावरा में रहवासियों की सुविधा के लिए बना ओवर ब्रिज मुसीबत बनता दिखाई दे रहा है। ओवरब्रिज निर्माण के बाद सड़क पर गड्ढे, धूल और अन्य परेशानियों से कब निजात मिलेगी इसे लेकर श्री श्वेताम्बर जैन वरिष्ठ महासंघ ने आगे आकर पिछले दिनों जनहित में मुद्दा उठाया था लेकिन प्रशासन और संबंधित अधिकारियों ने इस मामले में सुध नहीं ली थी।

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वरिष्ठ महासंघ के पदाधिकारियों का कहना है कि बने ओवरब्रिज से जनता को छुटकारा तो मिला किंतु जनता और ज्यादा परेशान हो गई क्योंकि शहर से आते समय ब्रिज चढ़ने के पहले जिस दुर्दशा से सामना होता है कि रोड कम गड्ढे ज्यादा। जावरा के एमपीईबी रोड की हो रही दुर्दशा किसी से छुपी नहीं।

इससे पहले वरिष्ठ महासंघ अध्यक्ष अभय सुराणा, सचिव अनिल चोपड़ा, कोषाध्यक्ष नगीन सकलेचा, आनंदीलाल संघवी, शैतानमल जैन, अभय भंडारी, वीरेन्द्र रांका, शांतिलाल रुनवाल, सुरेश रुनवाल आदि सदस्यों ने नगर पालिका में बैठे जवाबदार पदाधिकारियों एवं अधिकारियों से मांग की थी कि वह इस ज्वलंत समस्या का निराकरण जनहित में अति शीघ्र करें।

ओवरब्रिज बने महीनों बीत जाने के बाद भी जावरा के रहवासियों को परेशान होना पड़ रहा है। जनता को दिखावे के नाम पर गड्ढों की धूल साफ कर बैरिकेट लगाना लेकिन डामरीकरण नहीं करना समझ से परे है। अगर नगर पालिका द्वारा शीघ्र कार्य को प्रारंभ नहीं किया जाता है तो जनहित के इस मुद्दे को लेकर आगे उचित कदम उठाया जाएगा क्योंकि धूल से आम जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ हो रहा है इसलिए इस कार्य को प्राथमिकता से करना अति आवश्यक है।