Permission Sought for ‘Death Wish’ : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता ने सशर्त ‘इच्छा मृत्यु’ की अनुमति मांगी 

राष्ट्रपति से 'राष्ट्रीय मतदाता दिवस' 25 जनवरी को उन्हें 'इच्छा मृत्यु' की अनुमति प्रदान दें 

550
Permission Sought for 'Death Wish' : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता ने सशर्त 'इच्छा मृत्यु' की अनुमति मांगी 

Permission Sought for ‘Death Wish’

Raipur : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंदकुमार बघेल ने अनोखी शर्त रखते हुए राष्ट्रपति से ‘इच्छा मृत्यु’ मांगी है। उनकी मांग है कि बैलेट पेपर से चुनाव कराया जाए! ऐसा नहीं होता है, तो उन्हें इच्छा मृत्यु की अनुमति दी जाए। नंद कुमार बघेल (Nand Kumar Baghel) राष्ट्रीय मतदाता जागृत मंच के अध्यक्ष हैं।

वे देश में बैलेट पेपर से चुनाव कराने के पक्षधर हैं। अपने पत्र में उन्होंने लिखा कि अगर उनकी इच्छा को नहीं माना जाता है, तो तो राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी को उन्हें ‘इच्छा मृत्यु’ की अनुमति प्रदान करें। नंद कुमार बघेल ने ‘राष्ट्रीय मतदाता जागृत मंच’ के माध्यम से राष्ट्रपति को पत्र भेजकर अपनी ये इच्छा व्यक्त की है।

मुख्यमंत्री के पिता ने राष्ट्रपति को पत्र में लिखा ‘आपको अत्यंत दुख के साथ अवगत कराना पड़ रहा है कि नागरिकों के समस्त संवैधानिक अधिकारों का व्यापक स्तर पर हनन हो रहा है। लोकतंत्र के तीनों स्तंभ विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका ध्वस्त होती जा रही है। मीडिया भी तीनों स्तंभों के इशारे पर काम कर रहा है। नागरिकों के अधिकारों की कोई सुनने वाला नहीं है।’

जनप्रतिनिधियों को मतदाता अपनी हर समस्या के लिए चुनते हैं। उनकी आवाज भी निरंतर दब रही है। विधायिका देश के समस्त सरकारी विभागों और उपक्रमों को चहेतों को बेच रही है। कार्यपालिका भ्रष्टाचार में संलिप्त होकर अपनी आने वाली संतानों के लिए अधिक से अधिक धन इकट्ठा कर भविष्य सुरक्षित करने में लगी है। उन्होंने ये भी कहा कि आम नागरिकों के मन में भय व्याप्त है। देश में न्याय पाने के लिए नागरिकों की पीढ़ी दर पीढ़ी गुजर जाती है, लेकिन न्याय नसीब नहीं हो पा रहा!

Permission Sought for ‘Death Wish’

Permission Sought for 'Death Wish' : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता ने सशर्त 'इच्छा मृत्यु' की अनुमति मांगी 

मतपत्र से चुनाव कराया जाए
पत्र में लिखा गया है कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार 700 से ज्यादा किसानों की गलत नीतियों के कारण मौत या हत्या हुई! इसे समझना होगा। इसकी जिम्मेदारी किस पर रखी जाएगी। लोकतंत्र के सबसे बड़े अधिकार मतदान के अधिकार को EVM मशीन से कराया जा रहा है। EVM मशीन को किसी राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त संस्था या सरकार ने 100 प्रतिशत शुद्धता से काम करने का प्रमाण पत्र नहीं दिया है।

किसी भी मशीन को उपयोग में लाने से पूर्व मान्यता प्राप्त तकनीकी संस्था या सरकार द्वारा मशीन की शुद्धता से काम करने का प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य है।   दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में ईवीएम मशीन से मतदान कराकर मेरे वोट के उस संवैधानिक अधिकार का हनन किया जा रहा है, जिससे मेरे और नागरिकों के समस्त अधिकारों की रक्षा होती है। ईवीएम मशीन से जिसके पक्ष में मैं मतदान करता हूं मेरा मत उसके पक्ष में संरक्षित हो रहा है या नहीं? इसकी कोई गारंटी मुझे प्रतीत नहीं होती। मैं न तो उसका मूल्यांकन  हूँ, न स्क्रूटनी कर सकता हूं। कोई और भी नहीं कर सकता।

EVM से मतदान की संतुष्टि नहीं 
मतदान की सबसे विश्वसनीय पद्धति वही होती है, जिसकी स्क्रूटनी से कोई भी नागरिक खुद कर पूरी संतुष्टि प्राप्त कर सके। मतपत्र से मतदान का मूल्यांकन प्रत्येक नागरिक कर सकता है। लेकिन, EVM से कराए मतदान का मूल्यांकन आम आदमी तो क्या अधिकारी भी नहीं कर सकते। जो राजनीतिक पार्टी सत्ता में होती है, वह EVM मशीन से जल्दी मतगणना का हवाला देकर उसे वैध करार देती आ रही है।

मेरे जीने का उद्देश्य ही समाप्त

नंदकुमार कुमार बघेल ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में जब मेरे समस्त अधिकारों का हनन हो रहा है, तो मेरे जीने का उद्देश्य ही समाप्त होता जा रहा है।  राष्ट्रपति जी आपने संविधान की रक्षा की शपथ ली है। लेकिन, मेरे संवैधानिक अधिकारों की रक्षा नहीं हो पा रही है।

इसके चलते मेरे पास इच्छामृत्यु के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा! इसलिए माननीय महोदय से स्वस्थ लोकतंत्र के व्यापक हित में अनुरोध है कि आप देश में लोगों का, लोगों द्वारा, लोगों के लिए, शासन (लोकतंत्र) के लिए पारदर्शी तरीके से मतदान EVM की जगह पर मतपत्र एवं मतदान पेटी से कराने का आदेश जारी करने की कृपा करें।

Also Read: स्वामी प्रसाद मौर्य: क्या यूपी में भी ‘खेला’ शुरू हो गया है?

EVM से मतदान कराकर सरकार सरकारी संपत्तियों को बेचकर देश में गरीबी और बेरोजगारी को बढ़ाने का पाप कर रही है।   मैं उस पाप का मैं भागीदार नहीं बनना चाहता। देश का संविधान और लोकतंत्र दोनों खतरे में है। अगर EVM के स्थान पर मतपत्र और मतपेटी से मतदान संभव नहीं है, तो मुझे 25 जनवरी, 2022 को ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ पर इच्छा मृत्यु करने की अनुमति प्रदान करने की कृपा करें।