भोपाल
भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन मध्यप्रदेश में अब तक का सबसे बड़ा निवेश करने जा रही है। इसके तहत मध्यप्रदेश और देश को पेट्रोकेमिकल्स के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए बीपीसीएल 45 हजार करोड़ रुपए का निवेश कर भारत ओमान बीना रिफायनरी का विस्तार करने जा रही है। इसके अलावा 1.2 मिलियन मेट्रिक टन प्रतिवर्ष की क्षमता का पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स भी स्थापित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस विस्तार परियोजना को मंजूरी दे दी है। इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से प्रदेश में एक लाख लोगों को रोजगार की राह आसान होगी।
बीना रिफायनरी में BPCL और ओमान आॅयल कंपनी की बराबरी की हिस्सेदारी है। मेसर्स ओमान रिफायनरी की स्थापना 1994 में की गई थी। बीओआरएल द्वारा वर्ष 2011 में बीना में 6 मिलियन टन प्रतिवर्ष क्षमता की रिफाइनरी शुरु की गई थी। रिफाइनरी की मौजूदा क्षमता 7.8 मिलियन मेट्रिक टन प्रतिवर्ष है। इसमें 14 हजार 193 करोड़ का निवेश किया जा चुका है। इससे तीन हजार लोगों को रोजगार मिल रहा है। बीओआरएल द्वारा रिफाइनरी के साथ-साथ बीना डिस्पैच टर्मिनल, बीना-कोटा पाइप लाइन और बीना पनकी लाईन का भी संचालन किया जा रहा है। जुलाई 2022 में बीओआरएल का बीपीसीएल में विलय के बाद इस इकाई का नाम बीपीसीएल-बीना रिफाइनरी कर दिया गया है।
केन्द्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय का उपक्रम बीपीसीएल अब 45 हजार करोड़ रुपये का निवेश कर बिना रिफाइनरी का विस्तार करने जा रहा है। यहां पेट्रोकेमिकल्स प्रोजेक्ट भी शुरु किए जाएंगे। इससे 19 सौ व्यक्तियों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से सैकड़ों लोगों को रोजगार मिल सकेगा। विस्तार के बाद रिफाइनरी की क्षमता 12 मिलियन टन प्रतिवर्ष हो जाएगी।
Petrochemicals Complex में यह सब होगा-
इथाईलीन कैकर इकाई, लो एवं हाई डेंसिटी की पाली-इथाईलीन , पॉली प्रोपाईलीन, बिटुमिन, बेंजीन, टॉल्यूईन, जाईलीन के निर्माण की इकाईयां यहां शुरु होंगी। परियोजना में निर्मित उत्पाद से डाउनस्ट्रीम एमएसएमई इकाईयां जैसे फिल्म्स, फाईबर्स, इंजेक्शन-मोल्डिंग, ब्लो मोल्डिंग, पाईप्स, कॉन्ड्यूइट्स आदि बड़े सेगमेंट में निवेश आकर्षित होगा। इन उत्पादों का उपयोग सड़क निर्माण, प्लास्टिम प्रोडक्ट्स, पेंट तथा स्पेशयलिटी केमिकल्स बेंजीन, टॉल्यूईन, जाईलीन आदि में किया जाएगा। इसके आधार पर प्रदेश में पेट्रोलियम केमिकल्स और पेट्रोकेमिकल्स इन्वेस्टमेंट रीजन स्थापित करने में मदद मिलेगी।
परियोजना से कच्चा माल कम दर पर मिलेगा इससे दूसरे उद्योग शुरु हो सकेंगे और प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रुप से एक लाख लोगों को रोजगार मिल सकेगा।
निवेश पर यह रियायते-एसजीएसटी राशि की प्रतिपूर्ति, ब्याजमुक्त कर्ज, वित्तीय संस्था से कर्ज पर ब्याज की आंशिक प्रतिपूर्ति, विद्युत शुल्क एवं टेरिफ में छूट, स्टाम्प डयूटी में छूट, सड़क, बिजली और पानी की व्यवस्था के लिए सहायता दी जाएगी।
भोपाल में रेडिमेड गारमेंट,ग्रेफाइड निर्माण, कटनी में दाल मिल, इंदौर में आॅटा और खाद्य प्रसंस्करण इकाई-
भोपाल के पास अचारपुरा में दीपावली तक रेडीमेड गारमेंट इकाई में उत्पादन शुरु हो जाएगा। यहां चार हजार महिलाओं को रोजगार मिलेगा। लगभग 110 करोड़ का निवेश यहां होगा। मंडीदीप में एचईजी ग्रेफाइड निर्माण के लिए 12 सौ करोड़ की इकाई का विस्तार करेगा। यह विश्व की सबसे बड़ी ग्रेफाईड उत्पादन इकाई होगी। इसके अलावा 8 सौ करोड़ की नई ग्रेफाइड एनोड इकाई सौ एकड़ जमीन पर देवास या मालनपुर में शुरु की जाएगी। हेल्दी पल्सेस प्राइवेट लिमिटेड 35.47 करोड़ से कटनी के ग्राम गुलवारा में दाल मिल शुरु करेगी। कैलाश ग्रेन मिल्स इंदौर के काजी पलासिया में 29.98 करोड़ से आटा, मैदा, रवा मिल शुरु करेगी। केपिटल फूडस स्मार्ट इंडस्ट्रीज पार्क पीथमपुर में 289 करोड़ के भूमि, संयंत्र और 24 करोड़ के निवेश से खाद्य प्रसंस्करण इकाई में काम शुरु करेगी।