Poison in Jansunwai
धार। मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में आए एक आवेदक छोटेलाल शर्मा ने अधिकारियों के सामने जहर खा लिया। कलेक्टर ने उसे तुरंत अस्पताल भिजवाया। उसकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है। जब छोटेलाल ने जहर खाया, उस समय कलेक्टर डॉ पंकज जैन, एडीएम और जिला पंचायत के सीईओ भी सुनवाई में थे। यह मामला जमीन पर अवैध कब्जे का था।
धार तहसील के टिवड़ी गांव के छोटेलाल की शिकायत थी कि उसके गांव के सरपंच पति ने अपना दबदबा दिखाते हुए उसके घर के पास के सरकारी आम रास्ते पर कब्जा कर लिया। अब सरपंच वहां अपना मकान बनवा रहा है और गिट्टी, पत्थर डलवाकर रास्ता बंद कर दिया। उसने वहां से पानी की निकासी भी रोक दी है।
मामला हर मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई का है। धार जिले के एक छोटे से गांव तिवड़ी के निवासी छोटेलाल शर्मा अपनी शिकायत लेकर पहुंचा था। उसका आरोप था कि सरपंच को राजनीतिक संरक्षण मिला है, इसलिए उसकी शिकायत की सुनवाई नहीं हो रही। जबकि, अधिकारियों ने मौका मुआयना कर लिया, फिर भी कार्रवाई नहीं की गई। छोटेलाल का कहना था कि जमीन पर कब्जे के कारण ग्रामीणों को आने-जाने में बहुत परेशानी हो रही है।
छोटेलाल ने इस बात की शिकायत कई बार अधिकारियों से की और सरपंच से भी कई बार निवेदन किया। किन्तु न सरपंच ने उनकी एक सुनी और न किसी अधिकारी ने इस पर कार्रवाई की। जब छोटेलाल को लगा कि उसकी कोई सुन नहीं रहा तो उसने विरोध स्वरूप जहर खा लिया।
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जनसुनवाई में जब वो आवेदन देने आया उसी समय उसने जेब से एक पुड़िया निकाली और उसमें से कुछ निकालकर खा लिया। वहां खड़े सुरक्षाकर्मी ने उसे रोकना भी चाहा, पर तब तक वो खा चुका था। घटना के बाद पुलिस ने वो पुड़िया जब्त कर पदार्थ को जांच के लिए लेबोरेट्री भेज दिया।
छोटेलाल को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, वहां उसका इलाज शुरू किया गया। छोटेलाल की हालत खतरे से बाहर बताई जाती है। लेकिन, सवाल है कि वो जहर लेकर जनसुनवाई में कैसे पहुँचा और उसके आवेदन पर अधिकारियों ने कोई कार्रवाई क्यो नहीं की।